क्या किसान पुत्र शिवराज सिंह चौहान व विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया को नहीं दिख रही नहर की हालत
किसानों तरस रहे पानी को और भ्रष्टाचार की हकीकत बता रही कांचना मण्डी जलाशय की नहर
बरघाट। गोंडवाना समय।
मध्यप्रदेश में किसान पुत्र शिवराज सिंह चौहान की सरकार है, केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिये अनेकों योजना बना रही है। किसानों की सूखी धरती को सींचने के लिये लाखों करोड़ो अरबों रूपये का बजट से जलाशय बनाये जा रहे है।
वहीं बरघाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया भी किसान हितेषी अपने आप को बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। वहीं भाजपा की शिवराज सरकार व कांग्रेस के विधायक हकीकत से अंजान है लेकिन आगामी विधानसभा के लिये वोट लेने के लिये लालायित जरूर है।
दूसरी ओर जलाशय व बांध के भूमिपूजन के दौरान किसानों के हित में और किसानों को लाभ पहुंचाये जाने के लिये नेताओं के भाषणों पर निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार और क्रियान्वयन करने वाले अफसर ऐसी लीपापोती करते है कि किसानों के खेतो में भले ही पानी न पहुंचे लेकिन योजना पर पानी जरूर फेर देते है।
नहरों निर्माण में हुए भारी भ्रष्टाचार के कारण यह परियोजना मूर्त रूप नहीं ले पा रही है
पूर्व विधानसभा चुनाव में माचागोरा का पानी बरघाट पहुंचाने का मुद्दा उठाकर कांग्रेस सत्ता में तो काबिज हो गई थी किंतु बरघाट क्षेत्र के किसान अपने क्षेत्र के जलाशय का ही पानी उनके खेतों में पहुंचने में असमर्थ है। ज्ञात हो कि कांचना मंडी जलाशय बनके तो पूर्ण हो गया है लेकिन नहरों निर्माण में हुए भारी भ्रष्टाचार के कारण यह परियोजना मूर्त रूप नहीं ले पा रही है।
बरघाट क्षेत्र के किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है
बरघाट क्षेत्र के किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। किसान ने अपनी कीमती जमीन जलाशय बनाने एवं नहर बनाने के लिए सिंचाई विभाग को दे दी किंतु आज तक किसानों की सुनने के लिए ना कोई नेता है ना कोई अधिकारी सामने आ रहा है। बताया जाता है कि नहर का डैम का गेट बंद कर दिया गया है एवं विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। साल्हेकला स्थित नहर के पुलिया में बारिश की रेत मिट्टी जाकर समा गई है जिससे किसानों के खेत में पानी नहीं मिल पा रहा है।
कांचना मंडी की ओर जाने वाली नहर में ऊंची-ऊंची खरपतवार ऊग आई
कांचना मंडी की ओर जाने वाली नहर में ऊंची-ऊंची खरपतवार ऊग गई है जिसे विभाग या ठेकेदार द्वारा साफ या मरम्मत नहीं किया जा रहा है। किसानो ने कलेक्टर एवं जल संसाधन विभाग क्षेत्रीय विधायक को जनसुनवाई में आवेदन दे चुके हैं फिर भी 1 सप्ताह बीत जाने पर किसानों की कोई सुन नहीं रहा है।
किसानों ने अपने खेत में धान का रोपा की क्यारी धान फेंक कर तैयार कर ली है कुछ पानी चला दिए हैं किंतु दूसरे पानी चलाने के लिए नहर में पानी नहीं है। पूरे साल भर यह पानी रोहड़िया नाला व हिर्री नदी में से बहा दिया जाता है जिसका फायदा किसानों को नहीं मिल पाता है।
अगर नहर की मरम्मत कर कांचना मंडी साल्हेकला, बरघाट, जेवनारा के किसानों को यह पानी मिल जाए तो उनकी आय में मुनाफा हो सकता है और किसान खुशहाल हो सकता है। किसानों ने बताया कि अगर शीघ्र मरम्मत का कार्य नहीं किया गया तो किसान आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।