जय मीनेश आदिवासी विश्वविद्यालय पर राज्यपाल ने लगाई मुहर, जुलाई से शुरू होंगे एडमिशन
देश के पहले निजी आदिवासी जय मिनेश विश्वविद्यालय में 50 प्रतिशत आदिवासी विद्यार्थियों को संवरेगा भविष्य
समाज के लोगों ने अपनी हेसियत से ज्यादा अपना अंशदान देकर इस भवन की भव्यता को सींचा है
कोटा। गोंडवाना समय।
विश्वविधालय परिसर को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है। यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को हर जरूरी सुविधा मिलेगी। परिसर में खेल का मैदान भी बनाया जा रहा है।
प्रशासनिक भवन तैयार है। कोटा में देश के पहले निजी आदिवासी जय मिनेश विश्वविद्यालय को चलाने के लिए राज्यपाल ने हरी झंडी दे दी है। यह विश्वविद्यालय 50 फीसदी आदिवासी समाज के छात्रों का भविष्य संवारने के साथ अन्य समाज के विद्यार्थियों को भी सभी प्रभावी प्रोफेशनल कोर्सेज की सुविधा उपलब्ध करवाएगा.
यह विश्वविद्यालय कोचिंग सिटी कोटा नई पहचान दिलाएगा
अखिल भारतीय मीना सामाजिक और शैक्षणिक समिति ने अध्यक्ष लक्ष्मण मीणा और निर्देशक आरडी मीणा ने बताया कि रानपुर में 75 बीघे में जय मीनेश आदिवासी यूनिवर्सिटी का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न संस्थाओं, सरकार और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आदिवासी विश्वविधालय का सपना साकार हुआ है। यह विश्वविद्यालय कोचिंग सिटी कोटा नई पहचान दिलाएगा।
20 करोड़ से अधिक आई अब तक लागत
उन्होंने कहा कि नगरीय विकास और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने समिति द्वारा विश्वविद्यालय के लिए जमीन की मांग को पूरा करते हुए नगर विकास न्यास ने 2012 में इसके लिए 75 बीघा भूमि रियायती दर उपलब्ध करवाई। समाज के लोगों ने अपनी हेसियत से ज्यादा अपना अंशदान देकर इस भवन की भव्यता को सींचा है। अब तक इसकी लागत करीब 20 करोड़ से अधिक आ गई है। विश्वविद्यालय निर्माण के सफर में जहां समाज के हर तबके ने अपनी महत्वपूर्ण भुमिका निभाई और विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए सहयोग राशि दी है।
79 विधायकों ने दिए 10-10 लाख
वहीं जनप्रतिनिधियों ओर संस्थाओं ने भी समाजिक सरोकार निभाते हुए आदीवासी विश्विद्यालय की नींव से लेकर भव्य भवन निर्माण में सहयोग प्रदान किया। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने भी सहयोग दिया। लोकसभा अध्यक्ष सासंद ओम बिरला ने विधायक निधि से 25 लाख वित्तीय सहयोग दिया। प्रदेश के 79 विधायकों विधायक निधि सेने 10-10 लाख स्वीकृत किए है। यही नहीं विधायकों ने आगामी वित्तीय वर्ष में भी सहयोग के लिए आश्वस्त किया। इसके साथ ही संस्थाओं ने भी अपने सीएसआर फंड आदिवासी विश्वविद्यालय निर्माण में दिया है।
विद्यार्थियों को मिलेगी अत्याधुनिक सुविधाएं
विश्वविधालय परिसर को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है। यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को हर जरूरी सुविधा मिलेगी. परिसर में खेल का मैदान भी बनाया जा रहा है। प्रशासनिक भवन तैयार है। स्मार्ट क्लासेज को तैयार किया जा रहा है। कैंपस निर्माण के पहले चरण में 10 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में प्रशासनिक भवन, स्वागत कक्ष, कुलपति सचिवालय, रजिस्ट्रार कार्यालय, परीक्षा और प्रवेश विभाग बनाया गया है. साथ ही परिसर में वित्त और लेखा विभाग, अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब, लाइब्रेरी, वाचनालय और सभागार भी हैं। इस विश्वविधालय में जुलाई महीने से दाखिले शुरू किए जाएंगे।
पर्यटन नगरी में रोजगार के खुलेंगे अवसर
विश्वविधालय क्वालिटी ऐजूकेशन के साथ रोजगार उम्मूख शिक्षा प्रणाली पर फोकस करेगा। इसके लिए विशेषज्ञों के समय समय पर मिले सुझावों पर कार्ययोजना बनाई गई है। यूनिवर्सिटी में अलग कोर्स होंगे, खासतौर पर ऐसे कोर्स जिनसे रोजगार मिल सके। कई व्यावसायिक कोर्स शामिल किए गए हैं, इसमें डी फार्मा, बी फार्मा, पयर्टन, होटल मेनेजमेंट, आर्किटेक्ट, एमएससी, बीएससी और मैनेजमेंट कोर्स होंगे। ये कोर्स छात्रों को सीधें रोजगार उपलब्ध करवाएगें।