काजल मेश्राम अपनी योग्यता, मेहनत व लगन से अब आस्ट्रेलिया में करेगी भौतिक विज्ञान में रिसर्च
मध्यप्रदेश सरकार उठायेगी छात्रा के आस्ट्रेलिया में रहने का खर्च
काजल मेश्राम का संघर्ष सभी छात्र-छात्राओं के लिये प्रेरणादायक है
जून 2023 से अपनी पढ़ाई के लिए आस्ट्रेलिया रवाना हो जायेगी
बालाघाट। गोंडवाना समय।
विपरीत परिस्थितियां व्यक्तियों को कठिन संघर्ष करने मजबूर कर देती हैं और कठिन संघर्षों से गुजरा व्यतक्ति ही सफलता के मुकाम हासिल करता है।
कुछ ऐसी ही कहानी है छात्रा काजल मेश्राम की है। गरीबी और अभावों में पली बढ़ी 22 वर्षीय काजल अब मध्यमप्रदेश शासन एवं बालाघाट जिला प्रशासन के सहयोग से आस्ट्रेलिया में दो वर्षों तक भौतिक शास्त्र में शोध अध्यपयन करेगी।
काजल जून माह में अपने वीसा आदि की कार्यवाही पूर्ण कर आस्ट्रेलिया चली जायेगी और माह जुलाई से उसकी कक्षायें प्रारंभ हो जायेगी। काजल ने अब तक अपने जीवन में जो संघर्ष किया है और जिस मुकाम पर पहुंचने जा रही है वह सभी छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणादायक है। काजल का संघर्ष यही सीख देता है कि हालात कितने ही कठिन क्योंह न हो हमें हार नहीं मानना चाहिए।
पारिवारिक संघर्ष
बालिका कुमारी काजल मेश्राम बालाघाट जिले के छोटे से ग्राम तिलपेवाड़ा की रहने वाली है। काजल के परिवार में उसका एक छोटा भाई और एक छोटी बहन है। पिता शराब के सेवन के आदि होने के कारण मां से मारपीट करते थे और वह अपने परिवार को छोड़कर अलग रहने लगे हैं। काजल की मां ने अपने बच्चों के भविष्यि को बेहतर बनाने के लिए पूरा प्रयास किया है। काजल ने बताया कि उसे कक्षा 6 वीं से ही हट्टा के छात्रावास में भर्ती करा दिया गया था। लेकिन बहुत कम उम्र होने के कारण वह छात्रावास छोड़कर आ गई।
कक्षा 10 वीं में गणित में उसे 100 में से 100 अंक मिले थे
हट्टा में 8 वीं तक की पढ़ाई करने के बाद उसने बालाघाट के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में प्रवेश लिया था और छात्रावास में रहकर पढ़ाई की। कक्षा 10 वीं में उसने 94 प्रतिशत एवं 12 वीं में 90 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है। कक्षा 10 वीं में गणित में उसे 100 में से 100 अंक मिले थे। अनुसूचित जाति वर्ग में वह कक्षा 10 वीं में जिले में प्रथम स्थान पर रही है। छात्रावास में रहकर ही उसने पीजी कालेज से 77 प्रतिशत अंकों के साथ बी.एस-सी. (इ.रू.) किया है।
जेईई में भी वह पास हो चुकी थी लेकिन यहां भी पैसों की कमी के कारण नहीं जा सकी
काजल ने बताया कि जेईई में भी वह पास हो चुकी थी लेकिन यहां भी पैसों की कमी के कारण नहीं जा सकी। वह बी.एस-सी.(इ.रू.) करने के बाद यूपीएससी करना चाहती थी। लेकिन गरीबी और पैसों के अभाव में उसका यह सपना भी अधूरा रह गया । इसके बाद उसने अमेरिका, ब्रिटेन एवं आस्ट्रेलिया में भौतिक में रिसर्च वर्क के लिए आनलाईन आवेदन किया था। उसका सभी स्थान पर चयन हो गया है। लेकिन अधिक रुपये लगने के कारण वह अमेरिका एवं ब्रिटेन नहीं जाना चाहती है।
कलेक्टर की पहल पर विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति की स्वीकृती मिली
काजल मेश्राम का चयन आस्ट्रेलिया की नेशनल यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोलाजी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में रिसर्च के लिए हुआ है और यह दो साल का कोर्स है। काजल की मां दूसरे घरों में छोटे-मोटे काम कर अपने बच्चों को पढ़ा रही है और काजल का आस्ट्रेनलिया जाने का खर्च वहन नहीं कर सकती है। इसके चलते काजल मदद की गुहार लगाने कलेक्ट्रेट कार्यालय जनसुनवाई में पहुंच गई और कलेक्टर को अपनी समस्याबताया। काजल की लगन को देखकर कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने वस्तुस्थिति की जांच कर आदिम जाति कल्याण विभाग से काजल के लिए विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति स्वीकृत करा दी है। कलेक्टयर की पहल पर आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा उसके विदेश में पढ़ाई के दौरान रहने का खर्च वहन करने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
13532 आस्ट्रेलियन डालर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा वहन किया जायेगा
आॅस्ट्रेलियाई अप्रवासन दिशानिर्देश के अनुसार छात्रा काजल मेश्राम के आस्ट्रेलिया में पढ़ाई के दौरान रहने का प्रति वर्ष का खर्च (ट्यूशन और यात्रा लागत को छोड़कर) 21041 आस्टेÑलियन डालर है। इसमें से 13532 आस्ट्रेलियन डालर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
शेष 7600 आस्ट्रेलियन डालर का खर्च जिला प्रशासन बालाघाट द्वारा छात्रा काजल के स्ना्तकोत्तर की पढ़ाई पूरी होने तक वहन करेगा। कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा द्वारा 26 मई को छात्रा काजल मेश्राम को इस आशय का प्रमाण पत्र सौप दिया गया है। इस प्रमाण पत्र के मिलने से छात्रा काजल मेश्राम का आस्ट्रेलिया जाने के लिए वीसा बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
छात्रा काजल मेश्राम एक सप्ताह में वीसा आदि की कार्यवाही पूरी कर माह जून 2023 से अपनी पढ़ाई के लिए आस्ट्रेलिया रवाना हो जायेगी। काजल आस्ट्रेलिया में अपना रिसर्च वर्क पूरा करने के बाद ईसरो में सेवायें देना चाहती है। काजल प्रतिभाशाली बालिका है।
वह ड्राइंग प्रतियोगिता में प्रदेश में प्रथम स्थाान हासिल कर चुकी है और संभाग स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता में भी वह दो बाद टाप कर चुकी है। मां तुझे प्रणाम योजना में वह कन्याकुमारी जा चुकी है और विज्ञान मंथन यात्रा में ईसरो एवं रिसर्च स्पे श सेंटर हैदराबाद भी जा चुकी है।