सिवनी को दो एक्सप्रेस ट्रेनों की सौगात साथ में किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण देता रेल प्रशासन
पैसेंजर/एक्सप्रेस ट्रेनों को मालगाड़ी लोको पायलट से क्यों चलवा रेल प्रशासन ?
पैसेंजर/ एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने में योग्यता प्राप्त लोको पायलटों की पोस्टिंग नहीं की गई है
सिवनी। गोंडवाना समय।
बड़ी रेल लॉइन का सपना सिवनीवासियों का संभवतय: भारत देश में सबसे ज्यादा इंतजार के बाद समाप्त हुआ है। इसके लिये अनेको जनआंदोलन किया गया, जनप्रतिनिधियों की कमजोर राजनैतिक पहुंच के कारण सिवनी जिला वासियों को बड़ी रेल लॉईन की सुविधा देर सबेर मिल पाई है।
हालांकि इसके बाद भी सिवनीवासियों ने इसे सहृदय स्वीकार करते हुये केंद्र सरकार का आभार मानकर सम्मान किया है। हां राजनैतिक दलों के द्वारा श्रेय लेने की राजनीति हर स्तर पर की जा रही है। राजनैतिक दलों के नेता और सत्ताधारी दल के सांसद व अन्य जनप्रतिनिधि रेल सुविधा मिलने के बाद श्रेय लेने में इतने ज्यादा खुश है कि रेल चलाने के लिये जरूरी व्यवस्था व सुविधायें नियमानुसार है या नहीं इस पर कोई ध्यान दे रहे है और न ही संज्ञान ले रहे है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सिवनी को बड़ी रेल लाईन की सौगात तो मिल ही गई है लेकिन साथ में किसी बड़ी दुघर्टना को आमंत्रण देने का प्रयास भी रेल प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है इस पर सुधार की व्यापक व अनिवार्य आवश्यकता है।
दो एक्सप्रेस ट्रेनों का एक्सटेंशन का अधिकारियों ने नहीं तैयार किया व्यवस्थित प्लान
हम आपको बता दे कि विगत दिनों शहडोल के पास दो मालगाड़ियों की आमने सामने टक्कर में कुछ रेल कर्मचारियों की जान गई थी एवं रेलवे को लगभग 500 करोड़ से अधिक का नुकसान भी हुआ लेकिन इसके बाद भी रेल प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी इन दुर्घटनाओं से कोई सबक नहीं ले रहे हैं।
24 अप्रैल से बड़ी रेल लाईन में रेल प्रारंभ हो गई थी। वहीं रेलवे के विश्वनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 अप्रैल 2023 को सिवनी के लिए दो एक्सप्रेस ट्रेनों का एक्सटेंशन जो कि पहले से तय था लेकिन अधिकारियों ने इसका कोई व्यवस्थित प्लान तैयार नहीं किया। नतीजतन आनन फानन में पेंचव्हेली एक्सप्रेस को मालगाड़ी के लोको पायलट से चलवाया गया जो कि एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने में कहीं से भी सक्षम नहीं है ना ही पैसेंजर लोको पायलट ट्रेनिंग कोर्स पास है।
मालगाड़ी के लोको पायलट से चलवाया गया
वहीं उसी दिन 28 अप्रैल की ही बात करें तो नैनपुर पैसेंजर को भी एक मालगाड़ी के लोको पायलट से चलवाया गया था जिसे प्रमोट हुए मात्र दो तीन साल ही हुए है जो कहीं से भी पैसेंजर ट्रेन को चलाने की ना तो योग्यता रखते है ना ही अनुभव रखते है और ना ही पैसेंजर लोको पायलट ट्रेनिंग कोर्स किया है।
नागपुर में डिवीजन आॅफिस में बैठे अधिकारियों को नहीं है आम जनता की चिंता
हम आपको बता दे कि छिंदवाड़ा स्थित लॉबी में यह रोज की बात है। विगत दिनों रीवा एक्सप्रेस को भी मालगाड़ी लोको पायलट से चलवाया गया एवं हर दिन छिंदवाड़ा से चलने वाली दो तीन पैसेंजर/एक्सप्रेस ट्रेनों को मालगाड़ी लोको पायलट ही चलवाया जा रहा है।
नागपुर में डिवीजन आॅफिस में बैठे अधिकारियों को आम जनता जो रेलवे में सफर करती है ना उसकी जान की कोई परवाह है ना ही रेलवे को होने वाले करोड़ों के नुकसान की है फिक्र है। खुद नागपुर में बहुत सी पैसेंजर/एक्सप्रेस ट्रेनों को मालगाड़ी लोको पायलट चला रहे हैं। यहां तक की दुरंतो जैसी एक्सप्रेस ट्रेनों को भी कई बार मालगाड़ी के लोको पायलट से चलवा दिया जाता है।
अधिकतर मालगाड़ियों को बिना गार्ड के चलवाया जा रहा है
अब यह किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण देने वाली कार्यप्रणाली अधिकारियों के लिए रोज की बात हो गई है और इन सबसे उन्हें कोई फर्क भी नहीं पड़ता है। आने वाले दिनों में भी छिंदवाड़ा में यही स्थिति बनी रहने की पूरी संभावना है क्योंकि अधिकारियों ने छिंदवाड़ा लॉबी में पर्याप्त और पैसेंजर/ एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने में योग्यता प्राप्त लोको पायलटों की पोस्टिंग नहीं की है।
यानी हम कह सकते हैं कि छिंदवाड़ा से चलने वाली पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन भगवान भरोसे चल रही है। जो किसी दिन बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। छिंदवाड़ा में रेलवे गार्ड की भी भारी कमी है, इसलिए अधिकतर मालगाड़ियों को बिना गार्ड के चलवाया जा रहा है। छिंदवाड़ा से इतवारी सेक्शन में भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच क्रिटिकल घाट सेक्शन है, यदि कोई मालगाड़ी बीच में अनकपल होती है तो बहुत भारी दुर्घटना का कारण बनेगी।