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जनहित नहीं राजनीतिक विरोध प्रदर्शन कर रही भाजपा

जनहित नहीं राजनीतिक विरोध प्रदर्शन कर रही भाजपा

विकास यात्रा के दौरान भाजपाईयों ने जनता को बताये थे सरकार की उपलब्धी अब कर रहे विरोध प्रदर्शन 

भाजपा सरकार की पोल भाजपाईयों ने नगर पालिका परिषद के सामने खोला 

सिवनी। गोंडवाना समय। 

विकास यात्रा के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद, विधायक से लेकर संगठन के पदाधिकारियों ने गांव-गांव, शहर-शहर में वार्ड स्तर पर जाकर जनता के बीच में सरकार के विकास की गाथाओं के गीत जोर शोर से सुनाये थे। सरकार की विकास यात्रा के दौरान पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, रोजगार सहित अन्य सुविधाये जनता तक पहुंचाने के लिये भारतीय जनता पार्टी सरकार का गुणगान व बखान भाजपा संगठन के पदाधिकारियों ने किया था।
                


वहीं कुछ ही दिनों बाद अब सिवनी मुख्यालय नगर पालिका परिषद सिवनी के सामने भाजपा पार्षदों के साथ साथ स्वयं भाजपा संगठन के जिला अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों को नगर की पेयजल आपूर्ति सहित अन्य समस्याआें को लेकर धरना प्रदर्शन करना पड़ा। 

विकास यात्रा के दौरान घर घर जाकर भाजपाईयों ने गिनाई थी सरकार की उपलब्धी 


भाजपा के द्वारा किये गये धरना प्रदर्शन को लेकर शहर के बुद्धिजीवियों व राजनीतिक विचारकों का कहना है कि भाजपा के द्वारा किया जाने वाला आंदोलन जनता के समझ से परे है। अभी कुछ ही दिनों पहले भाजपा के द्वारा विकास यात्रा निकाली गई जिसके लिये लाखों करोड़ों रूपये भी खर्च किये गये है जिसमें जनता को मध्यप्रदेश सरकार व भाजपा की उपलब्धी घर घर जाकर व जनता के बीच में गिनाई गई है इसके बाद भी अब अपनी ही प्रदेश व केंद्र में सरकार होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों व संगठन के पदाधिकारियों का धरना प्रदर्शन करना यह स्पष्ट करता है कि भाजपा की सरकार भी जल की समस्या के साथ साथ अन्य समस्याओं के लिये प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। 

भाजपा के आरोपों को बुद्धिजीवियों ने सिरे से किया खारिज 


भाजपा भले ही भाजपा पार्षद दल सहित जिला भाजपा के साथ दिये गये धरना प्रदर्शन को जनभावनाओं के रूप में बदलने का प्रयास कर रही है लेकिन भाजपा की प्रदेश में सरकार, केंद्र में सरकार व स्थानीय प्रशासन में भी भाजपा का ही दबदबा कायम होने के पश्चात भी इस तरह से जन की समस्या व अन्य समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन करना हास्यास्पद एवं अपनी ही सरकार की पोल खोलना जैसा लग रहा है। भाजपा पार्षददल व संगठन भले ही कांग्रेसी अध्यक्षीय परिषद के अल्प कार्यकाल में नगर की व्यवस्थाएँ चौपट होने को लेकर आरोप लगा रही है और यह भी कह रही है कि नगर में नपा की उदासीनता के चलते भारी आक्रोश है। भाजपा संगठन व पार्षदों का कांग्रेस अध्यक्षीय परिषद पर नगर की व्यवस्थाएँ चौपट करने का आरोपों को बुद्धिजीवी सिरे से खारिज कर रहे है। 

भाजपा अध्यक्षीय नगर परिषद सिवनी नगर पालिका में थी तब क्यों नहीं किया धरना प्रदर्शन 


नगर पालिका परिषद सिवनी में भाजपा अध्यक्षीय परिषद का कार्यकाल भी रहा है इस दौरान भी सिवनी नगर में पेयजल की समस्या के साथ साथ अन्य समस्याओं का सामना जनता को करना पड़ा है। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों व संगठन के पदाधिकारियों ने कभी भी नगरीय क्षेत्र की समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन नहीं किया है। अब जब कांग्रेस अध्यक्षीय परिषद सिवनी नगर पालिका में कार्यरत है तो ऐसे समय में भाजपा का विरोध प्रदर्शन करना जनभावनाआें के लिये कम एवं राजनीतिक विरोध ज्यादा नजर आ रहा है। वास्तव में भाजपा यदि जनता की हित में धरना प्रदर्शन करना चाहती है तो जब भाजपा अध्यक्षीय नगर परिषद सिवनी नगर पालिका में थी तब क्यों धरना प्रदर्शन नहीं किया था जबकि जल समस्या के साथ साथ अन्य समस्यायें भी व्याप्त थी। 

जल समस्या सहित अन्य समस्याओं को लेकर भाजपाईयों ने सौंपा ज्ञापन 

जल समस्या सहित अन्य समस्याआें को लेकर नगर पालिका के सामने भाजपा पार्षदों का धरना प्रदर्शन करते हुये जमकर की नारेबाजी,कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। भाजपा पार्षदों ने का कहना है कि सिवनी नगरीय क्षेत्र में पानी की अव्यवस्थाओं को लेकर आमजन बहुत परेशान है क्योकि गर्मी की शुरूआत के साथ लोगो को पीने के पानी की समस्या हो रही है। यह भी बताया कि सिवनी नगर पालिका परिषद में किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं होने से नगर के आमजन अपना आक्रोश पार्षदों पर निकालते है।
            पार्षदों के कहना है कि आमजनता की समस्याओं से भाजपा पार्षद दल के नेता ज्ञानचंद सनोडिया के साथ नगरपालिका को कई बार अवगत भी करा चुके हैं परंतु कोई सुधार नहीं किया जा रहा है और समस्या जस की तस बनी हुई है। पार्षदों ने जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में कई समस्याओं का उल्लेख किया है। जिसमें लिखा है कि व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने की दृष्टि से टंकी की मुख्य लाइन होती है उससे कई उपभोक्ताओं एवं व्यापारी प्रतिष्ठानों में कनेक्शन दिए गए हैं।
            इसकी सूक्ष्मता से जांच होनी चाहिए क्योंकि टंकी भरने में यदि 8 घंटे लगते हैं तो ऐसे लोगों के यहां 8 घंटे पेयजल की सप्लाई लगातार होती है और यदि फिल्टर प्लांट में टंकी के लिए 4 लाख लीटर पानी छोड़ा जाता है तो टंकी में भी 4 लाख लीटर पानी पहुंचना चाहिए। इसके लिए मीटर लगाया जाना चाहिए जिससे पता चले कि जितना पानी छोड़ा गया है वह पूरा टंकी में पहुंचा या नहीं। यह भी बताया कि भाजपाई पार्षदों के वार्डो में पेयजल आपूर्ति पर्याप्त नहीं होती। जिससे आम जनों में आक्रोश बढ़ रहा है और वार्डवासी पार्षदों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पाइपलाइन जर्जर हो गई है और कई जगह नालियों से होकर पाइप लाइन डाली गई है। नाली का दूषित पानी भी सप्लाई हो रहा है।


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