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आरक्षक दीपेश रघुवंशी ने सूझबूझ से लापता अबोध बच्चों को सकुशल पहुंचाया घर

आरक्षक दीपेश रघुवंशी ने सूझबूझ से लापता अबोध बच्चों को सकुशल पहुंचाया घर 

दोनों बालक 11 अप्रैल से थे लापता 

परिवारजन ने बंडोल पुलिस को किया धन्यवाद प्रेषित 

सिवनी। गोंडवाना समय।

विगत रात्रि करीब 11:30 बजे डायल हंड्रेड बंडोल को सूचना प्राप्त हुई की ग्राम राहीवाड़ा में दो बच्चे बैठे हुए हैं, कहीं बाहर के लग रहे हैं, जो अपना नाम पता नहीं बता रहे हैं। तत्काल डायल हंड्रेड में पदस्थ आरक्षक दीपेश रघुवंशी द्वारा थाना प्रभारी बंडोल दिलीप पंचेश्वर को बताया गया एवं उनके आदेशानुसार दीपेश रघुवंशी राहीवाड़ा पहुंचे।                 


आरक्षक दीपेश रघुवंशी द्वारा बच्चों से बहुत ही प्यार से पूछा गया तो बच्चों ने अपना नाम प्रिंस भलावी एवं दुर्गेश धुर्वे बताया जो ग्राम शीलादेही में रिश्तेदार के यहां आए थे, जिनका नाम पता नहीं है। बच्चों के साथ स्कूल की साइकिल डायल हंड्रेड में रखकर ग्राम सीलादेही पहुंचकर बच्चों के दूर के रिश्ते के मामा संपतलाल तेकाम से पता किया गया जिसने बताया कि ये दोनों बच्चे ग्राम बटामा थाना-अरी गांव रहते हैं।

परिवारजनों ने आरक्षक के कार्यों की सराहना की 


आरक्षक दीपेश रघुवंशी एवं पायलट दिनेश चंद्रवंशी 13 अप्रैल की रात्रि करीब 1:30 बजे ग्राम बटामा पहुंचा, बच्चों के परिजन का पता किया। परिजन बच्चों को देखकर बहुत खुश हुए, उन्होंने बताया कि दोनों बालक छठवीं की परीक्षा देने ग्राम बकौडी स्कूल गए थे जो 11 अप्रैल कि सुबह परीक्षा देकर घर नहीं पहुंचे, तभी से हम बच्चों को रिश्तेदारों के यहां ढूंढ रहे थे।
             प्रिंस के पिता शिवप्रसाद भलावी एवं दुर्गेश के नाना साधुराम कुड़ापे को डायल हंड्रेड में पदस्थ आरक्षक दीपेश रघुवंशी ने बच्चों को सकुशल परिवार के सुपुर्द किया। परिवारजन ने बंडोल पुलिस को बहुत-बहुत धन्यवाद प्रेषित किया एवं आरक्षक के कार्यों की सराहना की।

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