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जयस का ऐलान 120 से ज्यादा सीटों पर तीसरे विकल्प के साथ विधानसभा मैदान में उतारेंगे उम्मीदवार

जयस का ऐलान 120 से ज्यादा सीटों पर तीसरे विकल्प के साथ विधानसभा मैदान में उतारेंगे उम्मीदवार

मध्यप्रदेश में होगा नया परिवर्तन, भोपाल स्थित गांधी भवन में जयस कार्यकारणी की बैठक में लिए अहम निर्णय

इंजी. लोकेश मुजाल्दा जयस राष्ट्रीय अध्यक्ष, रामदेव ककोडिया प्रदेश अध्यक्ष व साधना उइके नारी शक्ति प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त

जयस विचारधारा के एक दशक पूर्ण होने पर 16 मई जयस स्थापना दिवस पर होगा कार्यक्रम जुटेंगे देशभर के शुभचिंतक लोग


भोपाल। गोंडवाना समय। 

मध्यप्रदेश में बहुत कम समय में अपनी पहचान बनाने वाली आदिवासियों की सबसे बड़ी विचारधारा जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) की राजधानी भोपाल स्थित गांधी भवन में जयस मध्यप्रदेश प्रभारियों के नेतृत्व में बैठक 11 अप्रैल 2023 को सम्पन्न हुई।
                


जयस की कार्यकारिणी और प्रमुख बैठक में संगठन की मजबूती के लिए अनेक नए और कठौर निर्णय लिए गए। राजनैतिक गलियारों में चर्चित इस बैठक में मध्यप्रदेश के 50 से अधिक जिलों के जयस पदाधिकारी और जिला प्रतिनिधि कार्यकर्ता उपस्थित हुए।

5 वी अनुसूची को धरातल पर अमल में लाने का कार्य कांग्रेस व भाजपा दोनो ने नहीं किया-इंजी लोकेश मुजाल्दा


जिसमें जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) की वैचारिक क्रांति के एक दशक (10 वर्ष) पूर्ण होने पर 16 मई को जयस स्थापना दिवस मनाने का एतिहासिक फैसला लिया गया। मध्यप्रदेश सहित भारत देश के अलग-अलग राज्यो से जयस विचारधारा के लोग सम्मिलित होंगे।
                इसके साथ ही बैठक में जयस के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जनजाति की आरक्षित 47 सीट, अनुसूचित जाति की 35 सीट व 38 से ज्यादा सीटें लगभग 120 सीटें जहां पर आदिवासी वोटर निर्णायक भूमिका में रहते है। 
                वहां पर तीसरे विकल्प के साथ मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में उतारने की बात कही। जयस राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजी लोकेश मुजाल्दा का कहना है। जयस युवाओ को शैक्षणिक, व्यवसाय, और राजनीतिक नेतृत्व तैयार करने पर जमीनी स्तर पर काम किया है।
                पिछले दस वर्षों से जयस के वैचारिक लोग सभी जगह करने के लिए तैयार हो गए है। हमारा मुद्दा 5 वी अनुसूची को धरातल पर अमल में लाना था लेकिन उसे सत्ता में रही कॉंग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने नही किया। इससे आदिवासी समाज उपेक्षित महसूस कर रहा है। ठगा महसूस कर रहा है। 

जयस कभी चुनाव नही लड़ेगा ना ही जयस के चिन्ह पर कोई चुनाव लड़ा जाएगा 


अब मध्यप्रदेश में नए विकल्प के साथ चुनाव में उम्मीदवार उतारे जाएंगे। जयस राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जयस पूर्णत: सामाजिक विचारधारा है, वह समाज के हक-अधिकारों के लिए भरसक आवाज उठाता है जिसकी गूंज भोपाल होते हुए राजधानी दिल्ली तक सुनाई देने लगी है।
                इसलिए जयस कभी चुनाव नहीं लड़ेगा और ना ही जयस के चिन्ह पर कोई चुनाव लड़ा जाएगा। हम मध्यप्रदेश को तीसरा नया विकल्प देंगे, जिसकी घोषणा जल्द की जाएगी। एसटी- एससी, ओबीसी और माइनॉरिटी एक साथ मिलकर इस विधानसभा चुनाव में इस बार मध्यप्रदेश नया परिवर्तन देखने को मिलेगा। बदलाव की तरफ रुख किए जाने का निर्णय हुआ।

जयस की बैठक में प्रमुख रूप से ये रहे मौजूद 

बैठक में राष्ट्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी में विस्तार करते हुए इंजी लोकेश मुजाल्दा को जयस राष्ट्रीय अध्यक्ष, रामदेव ककोडिया को जयस मध्यप्रदेश अध्यक्ष, साधना उइके को नारीशक्ति मध्यप्रदेश अध्यक्ष, भीम गिरवाल व सालिराम भील को मध्यप्रदेश प्रवक्ता, लालसिह बर्मन को मध्यप्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष, जीवन ठाकुर को मध्यप्रदेश उपाध्यक्ष व रोहित राणा को महासचिव के पद पर सर्वसम्मति से नियुक्त किया गया।
                बैठक का संचालन अजय कन्नौजे व संजय सोलंकी ने किया व अध्यक्षता किशन बड़ोले ने द्वारा किया गया। इस बैठक में जयस संस्थापक सदस्य जयस संस्थापक विक्रम अच्छालिया, चेतन अ. पटेल, जयस नारीशक्ति राष्ट्रीय प्रभारी सीमा वास्कले, जयस राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल कटारा, मध्यप्रदेश जयस प्रभारी मुकेश रावत, संगीता चौहान मध्यप्रदेश नारीशक्ति प्रभारी, विलेश खराड़ी, मोहन किराड़े, दीपक मोहरे, मनोज मुजाल्दे, पंचम भील, नरेंद्र मरकाम, बद्रीलाल महुनिया  सहित मध्यप्रदेश के सभी जिलों के पदाधिकारी मौजूद रहें।

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