रानी यादव जैसा काम कर लिए, तो उठ कर पानी नहीं पी पाओगे
जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ा तो छोड़ दी पढ़ाई
महिला दिवस पर गोंडवाना समय की खास रिपोर्ट
अजय नागेश्वर, विशेष संवाददाता
उगली। गोंडवाना समय।
आज हम आपको एक वर्किंग वूमेन से यानि काम वाली रानी यादव के बारे में बताएंगे। कहते हैं कि इंसान की असली पहचान बुरे वक्त में ही होती हैं। इधर रानी की मम्मी गुजरी और उधर लोगों का घर में तांता लग गया। कोई कहता तुम्हारी मम्मी ने इतने रुपए का कर्ज लिया है। इस सब से हुआ ये की रानी अचानक से बहुत मिच्योर हो गई। उसने घर के बड़े की तरह सारी जिम्मेदारी अपने सिर ले ली।
अपने छोटे भाई को मां की तरह पाला और उसकी पढ़ाई करवाई। रानी यादव के सिर पर काम के साथ-साथ अपने छोटे भाई की भी जिम्मेदारी थी, तो रानी यादव ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और मां बनकर अपने छोटे भाई को पाली। पूरी कॉलोनी में सबके साथ बहुत इज्जत से पेश आती हैं।
सबके सुख-दुख में हमेशा साथ देने वाली रानी यादव को कभी किसी ने उदास या परेशान नहीं देखा। उसकी लाइफ में कई उतार-चढ़ाव आए जैसे सबकी लाइफ में आते हैं लेकिन रानी यादव ने हमेशा पेशेंस और हिम्मत से काम लिया।
18 वर्ष की उम्र से, घर का खर्चा चला रही हैं
रानी यादव के पिता का नाम सावन लाल यादव हैं एवं माता का नाम लता यादव। जब रानी यादव आठवीं क्लास में पढ़ रही थी, तब उनकी मां की तबीयत खराब हो गई और उन्हें पैरालाइज हो गया। तो सारी जिम्मेदारी रानी के सिर में आ गई जब वो 18 वर्ष की थी तब वो पढ़ाई के साथ-साथ घर का कामकाज निपटा कर दूसरों के घरों में काम में जाने लगी।
सुबह 6:00 बजे जाती और 9:00 बजे वापस आती और शाम को स्कूल से आने के बाद 4:30 से 5:30 दूसरों के घर का काम करती, वापस आकर फिर, स्वयं के घर का काम करती। मां के गुजर जाने के बाद रानी यादव ने पढ़ाई बंद कर दी, क्योंकि जिम्मेदारियां बढ़ गई।
वो 18 वर्ष की उम्र से घर का खर्चा चला रही हैं। जिस उम्र में खेलने, कूदने के दिन होते हैं, उस उम्र में वो दूसरों के घर में काम करती रही और आज भी कर रही हैं। रानी यादव ने बताया कि मुझे घर से ज्यादा प्यार, जहां मैं काम करने जाती वहां मिलता है। मुझे फैमिली मेंबर की तरह रखते हैं।
सबसे पहले दारू भट्टी बंद करवाना चाहूंगी
महिला दिवस के अवसर पर गोंडवाना समय अखबार के विशेष संवाददाता अजय नागेश्वर निकले उगली क्षेत्र की गलियों में और आम महिलाओं से पूछे कुछ सवाल। जिसमें गोंडवाना समय समाचार पत्र के द्वारा पूछा गया कि अगर अपने अनुसार आज के दिन को जीने का मौका मिले तो क्या करना चाहेंगे ? तो सुश्री रानी यादव ने कहा सबसे पहले दारू भट्टी बंद करवाना चाहूंगी।