स्कूली छात्रा के साथ बुरी नियत से छेड़छाड़ करने वाले शिक्षक पर दर्ज हुआ प्रकरण
एमएलबी स्कूल के शिक्षक उमाकांत सुुनगोत्रा की घिनौनी हरकत आई सामने
सिवनी जिला मुख्यालय के उत्कृष्ट विद्यालय के बाद एमएलबी स्कूल के शिक्षक ने किया शर्मशार
सिवनी। गोंडवाना समय।
बेटी पढ़ाओं, बेटी बचाव के नारे के साथ साथ स्कूलों में गुड टच, बैड टच के संंबंध में भी अभियान चलाकर जानकारी दी जा रही है। शिक्षण संस्थानों में शिक्षा प्रदान करने वाले एवं शिक्षण संस्थानों का प्रबंधन का कार्यभार संभालने वाले ही यदि स्कूली छात्राओं पर बुरी नियत रखने लगे तो कैसे बेटियां सुरक्षित रह पायेंगी।
वहीं सबसे गंभीर बात तो यह है कि ऐसी घटिया हरकत करने वाले कानून की जंजीर में जकड़ने के पहले ही जमानत में बाहर आ जाते है जिसकी बदौलत भी ऐसी हरकत करने वालों के हौंसले बुलंद हो रहे है। पाक्सो एक्ट के तहत मामले दर्ज होने की सिवनी जिला मुख्यालय में कुछ माह के अंतराल में ही उत्कृष्ट विद्यालय के बाद अब एमएलबी स्कूल से भी शर्मनार कर देने वाली खबर आई है। वहीं ऐसी घटनायें समाज व शिक्षण संस्थाओं के लिये चिंतनीय भी है।
पाक्सो एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया
शिक्षक उमाकांत सुनगोत्रा ने बुरी नियत से हाथ पकड़कर अनैतिकता करने का किया प्रयास
जिला मुख्यालय सिवनी में स्थित एमएलबी स्कूल में लगभग 15 वर्ष की कक्षा 9 वी में अध्ययनरत नाबालिग स्कूली छात्रा के साथ शिक्षक उमाकांत सुनगोत्रा द्वारा बुरी नियत से छेड़छाड़ किया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार 3 फरवरी 2023 को स्कूली छात्रा को शिक्षक उमाकांत सुनगोत्रा ने लगभग 4 बजे लैब में बुलाया था तो वह अपनी सहेली के साथ वहां गई थी। लैब पर शिक्षक उमाकांत सुनगोत्रा ने स्कूली छात्रा से कहा कि तुम्हे मेरी दोस्त बनना पड़ेगा और यह बोलकर बुरी नियत से हाथ पकड़कर अनैतिकता करने का प्रयास करने लगा।
स्कूल की शिक्षिका बताने के बाद परिजनों को दी गई जानकारी
इस संबंध में स्कूली छात्राओं के द्वारा शिक्षक उमाकांत सुनगोत्रा से कहा कि आप हमारे पिता की उम्र के हो यह कहकर दोनो स्कूली छात्रा घबराहट में वहां से बाहर चली गई। यही डर के कारण इसकी जानकारी किसी को नहीं दी थी। इसके पश्चात 4 फरवरी 2023 को पुन: उमाकांत सुनगोत्रा शिक्षक के द्वारा क्लास के छटवे पीरियड के दौरान भद्दे कमेंट किया गया। इसके पश्चात 6 फरवरी को स्कूल की दो शिक्षिका को इस संबंध में जानकारी दी गई। इसके बाद 7 फरवरी 2023 को शिकायत दर्ज कराई गई है।
त्वरित जमानत मिलने व विभागीय कार्यवाही नहीं होने से उठ रहे सवाल ?
इस तरह की बढ़ गई घटनाओं की पुनरावृत्ति होने से अनेको सवाल खड़े हो रहे है। कानूनी कार्यवाही होने के बाद पाक्सों एक्ट जैसी घटनाओं में सम्माननीय न्यायालय से ऐसे आरोपियों को त्वरित रूप से जमानत मिल जाने के कारण वहीं शिक्षण संस्थानों के वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के द्वारा निलंबन सहित अन्य कार्यवाही नहीं किये जाने से ऐसे घटना को अंजाम देने वालों के हौंसले बुलंद हो रहे है। इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों को यदि सम्माननीय न्यायालय से त्वरित रूप से जमानत न मिले एवं विभागीय रूप से भी कार्यवाही त्वरित रूप से की जावे तो संभावना है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने में कुछ कमी आ सकती है।