पति को तीन वर्ष की सजा, मोटर साइकिल एवं नगद राशि की मांग कर, शराब पीकर करता था मारपीट
सिवनी। गोंडवाना समय।
प्रार्थी राधेश्याम पिता देवी प्रसाद तूरकर निवासी लावासर्रा ने दिनांक 4 दिसंबर 2016 को पुलिस थाना बरघाट में रिपोर्ट दर्ज कराई की थी कि उसकी बहन गीता तूरकर का विवाह ग्राम सर्रा निवासी सेवानंद भैरम िपता चिंतामन भैरम से दिनांक 7 मई 2016 को संपन्न हुआ था विवाह के 1 से 2 माह के पश्चात से ही सेवानंद मोटर साइकिल एवं नगद राशि की मांग करता था एवं शराब पीकर मारपीट करता रहता था।
अस्पताल सिवनी पहुंचे तो देखा की गीता भैरम की मृत्यु हो चुकी थी
उक्त जानकारी श्रीमती गीता भैरम द्वारा अपने मायके लावासर्रा में अपनी मां बहन और भाई को बताती थी कि दहेज की मांग करने में पति सेवानंद भैरम के साथ उनके पिता चिंतामन भैरम, मां श्रीमती कुंता भैरम और चाचा राजेंद्र भैरम एवं चाची सावित्री भैरम भी सेवानंद का सहयोग करते थे तब श्रीमती गीता भैरम को मायके लावासर्रा से यह कहकर ससुराल सर्रा भिजवा दिया जाता था कि हम दामाद सेवानंद भैरम को समझाएंगे कि वो ऐसा दुर्व्यवहार ना करें, इस तरह से हमारे द्वारा दामाद को तीन चार माह से समझाया गया और इसी बीच दिनांक 29 नवंबर 2016 को सेवानंद के पिता चिंतामन भैरम के द्वारा रात्रि 9:30 बजे फोन किया गया कि गीता की बहुत ज्यादा तबियत खराब है, उसे अस्पताल सिवनी में भर्ती किया है उसके तुरंत बाद हम लोग अस्पताल सिवनी पहुंचे तो देखा की गीता भैरम की मृत्यु हो चुकी थी, नर्स से पूछने पर पता चला कि मृत्यु करीब 8:00 बजे हो चुकी है, गीता के ससुराल वालों से पूछने पर बताया गया कि उसने कीटनाशक दवाई पी ली थीं, उसके उपरांत बरघाट अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टर ने सिवनी के लिए रिफर कर दिया।
दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया
लोकेश घोरमारे सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सिवनी के द्वारा सबूतों एवं गवाहों को पेश किया गया
श्री प्रदीप कुमार भौरे सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मीडिया सेल प्रभारी सिवनी ने माननीय न्यायालय में उक्त प्रकरण के संबंध में हुई सुनवाई व निर्णय की जानकारी देते हुये बताया कि विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश खालिद मोहतरम अहमद कि न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसमें शासन कि ओर से श्री लोकेश घोरमारे सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सिवनी के द्वारा सबूतों एवं गवाहों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय के द्वारा सबूतों एवं गवाहों से सहमत होते हुए आरोपी सेवानंद भैरम को दिनांक 4 फरवरी 2023 दोषसिद्धि किया गया एवं धारा 498 ए भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3,000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया एवं अन्य धाराओं में संदेह का लाभ दिया गया है,अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव मे संदेश का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है।