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आदिवासी क्षेत्रों में गैर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिबंध लगाने के लिए जिला कलेक्टर छिंदवाड़ा को सौंपा गया ज्ञापन

आदिवासी क्षेत्रों में गैर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिबंध लगाने के लिए जिला कलेक्टर छिंदवाड़ा को सौंपा गया ज्ञापन 

भुमका संगठन छिंदवाड़ा द्वारा बैठक लेकर निर्णय के पश्चात सौंपा गया ज्ञापन


छिंदवाड़ा। गोंडवाना समय। 

छिंदवाड़ा जिला जो कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। इसके बाद भी दिन व दिन हिंदू, मुस्लिम, क्रिश्चियन के बड़े-बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन आदिवासी क्षेत्रों में संचालित हो रहे है जिसकी वजह से आदिवासियों की संस्कृति उनके रीति रिवाज और उनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
            


ऐसे कार्यक्रमों के आयोजनों पर रोक लगाने की मांग को लेकर छिंदवाड़ा में भुमका संगठन द्वारा ज्ञापन सौंपा गया है। वहीं इस संबंध में विशेष बैठक का आयोजन भी किया गया। 

पूरा आदिवासी समाज छिंदवाड़ा में चक्का जाम करेगा, जिला प्रशासन के खिलाफ पुतला दहन और धरना प्रदर्शन करेगा 


आदिवासियों की संस्कृति उनके रीति रिवाज, बोली, भाषा, तीज त्यौहार उनकी पहचान होती है। अगर आदिवासियों की पहचान  खत्म होगी, तो आदिवासियों का अस्तित्व खत्म होगा और आदिवासी अपना अस्तित्व खत्म नहीं होने देगा। इसलिए छिंदवाड़ा जिला कलेक्टर को सूचित किया गया कि अगर आदिवासी क्षेत्र में कोई भी कार्यक्रम हुआ तो सर्वप्रथम आदिवासियों के भुमका संगठन को सूचित करें, अगर सूचित नहीं किया जाता है और अनुमति नहीं ली जाती तो इस परिस्थिति में आगामी समय में उस कार्यक्रम की वजह से आदिवासियों की संस्कृति और रीति रिवाज में किसी भी प्रकार से प्रतिघात होता है तो उसके खिलाफ पूरा आदिवासी समाज छिंदवाड़ा में चक्का जाम करेगा, जिला प्रशासन के खिलाफ पुतला दहन और धरना प्रदर्शन करेगा।

आदिवासियों की संस्कृति में प्रतिघात करवा रही है मध्यप्रदेश सरकार 


एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार आदिवासियों की संस्कृति की खोज, संरक्षण और उसका प्रचार-प्रसार में करोड़ों रुपए खर्च करती है। सांस्कृतिक विभाग के माध्यम से और दूसरी तरफ आगे देखकर आदिवासियों की संस्कृति में प्रतिघात करवा रही है। मध्य प्रदेश सरकार को आदिवासी समाज चेतावनी देता है, अगर आदिवासियों के अस्तित्व के साथ अगर खिलवाड़ बार-बार किया जाएगा तो ऐसे लोगों को और ऐसे ही पार्टी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए खुलकर सामने आएगी।

समाज से रोटी बेटी का रिश्ता खत्म और सभी प्रकार से बहिष्कृत किया जाएगा

जो आदिवासी गैर सांस्कृतिक कार्यक्रम को संचालित करने के लिए आदिवासी विरोधियों का साथ देगा ऐसे लोगों को समाज से रोटी बेटी का रिश्ता खत्म और सभी प्रकार से बहिष्कृत किया जाएगा, जिला छिंदवाड़ा स्तर पर आज आदिवासी समाज की बैठक हुई इसमें यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।

बैठक में ये रहे मौजूद 

बैठक में उपस्थित गोंडवाना कोया पुनेम भूमिका सेवा संस्था के जिला अध्यक्ष भुमक सीताराम बड़कडे, आदिवासी नेता देवरावेन भलावी, गोंडवाना महासभा के जिला अध्यक्ष मरदान शाह धुर्वे, भुमक सतीश सरयाम, भुमक विजय सिंह अडमाची, भुमक बबिता, अड़माची, तुलसी धुर्वे, श्रीराम धुर्वे, दुर्गा प्रसाद मसराम आदि अन्य आदिवासी समाज के पदाधिकारी व सदस्यगण मौजूद रहे। 

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