भीमकुंडी जलाशय का निर्माण प्रगति पर लेकिन आदिवासी किसानों को आज तक नहीं मिला मुआवजा
विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत आदिवासी विकासखंड छपारा के आदिवासी किसानों की नहीं हो रही सुनवाई
सिवनी। गोंडवाना समय।
मध्यप्रदेश सरकार ने भले ही पेसा एक्ट लागू कर दिया हो वहीं आदिवासी विकासखंडों में भी आदिवासियों को उत्थान, कल्याण विकास की बातें भाषणों, मंचों से भाजपा के जनप्रतिनिधि और संगठन के पदाधिकारी करते रहे लेकिन आदिवासी विकासखंडों में आज भी आदिवासियों की ये स्थिति है कि उनकी समस्याओं को धरातल पर सुनने या समाधान करने वालों की कमी ही कमी है।
आदिवासी विकासखंड छपारा में भीमकुण्डी जलाशय का निर्माण कार्य किया जा रहा है जहां पर सर्वाधिक आदिवासी किसानों की भूमि डूब क्षेत्र में आ रही है उन्हें मुआवजा आज नहीं मिला है। वहीं जलाशय का कार्य लगभग 40 प्रितशत हो चुका है।
ये कैसी सरकार, शासन, प्रशासन की नीति है इस बात को आदिवासी किसान और ग्रामीणजन आज भी समझ नहीं पाये है।
वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के आदिवासी हितेषी होने एवं सिवनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक दिनेश राय मुनमुन की पेसा एक्ट को लेकर जनजागरूकता व कर्तव्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे है।
भीमकुंडी जलाशय का निर्माण कार्य लगभग 40 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है फिर भी किसानों को नहीं मिला मुआवजा
विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत आदिवासी विकासखंड छपारा के अंतर्गत ग्राम पंचायत सुकरी घुंघसा मुआरी क्षेत्र में भीमकुंडी जलाशय का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
ग्रामीणों में सर्वाधिक आदिवासी समाज के सगाजनों ने आरोप लगाते हुये बताया कि विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत भीमकुंडी जलाशय का निर्माण कार्य लगभग 40 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है लेकिन डूब क्षेत्र में आने वाली जमीनों का मुआवजा किसानों को आज नहीं मिला है।
इसके लिये क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों सहित सिवनी, कलेक्टर, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री, तहसीलदार, एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों को भी ग्रामीणों के द्वारा प्रार्थना पत्र लिखकर कई बार गुहार लगा चुके है लेकिन आदिवासियों सहित ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
ग्रामीणों ने मांग किया है कि जब तक किसानों को मुआवजा नही मिलता है तब तक भीमकुण्डी जलाशय का निर्माण कार्य को बंद कराया जावे। इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य ललिता रावेन शाह उईके ने भी जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर किसानों को मुवाजा दिलाये जाने की मांग की है।
मुआवजा नहीं मिलने तक बंद कराया जाये भीमकुण्डी जलाशय का निर्माण कार्य
आदिवासी विकासखंड छपारा में आदिवासी किसानों के द्वारा बार-बार गुहार लगाने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं होने से आदिवासी किसानों में रोष व्याप्त है।
नन्हेलाल कुमरे ग्राम सुकरी निवासी कहते है कि मुआवजा किसी किसान को नहीं मिला है, उनका कहना है कि जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक भीमकुण्डी जलाशय का निर्माण कार्य बंद कराया जाना चाहिये।
वहीं अनिल सरेआम किसान कहते है कि हमें तो ये भी नहीं पता है कि किसानों को डूब क्षेत्र में आने वाली भूमि का कितना मुआवजा मिलेगा। वर्तमान समय भीमकुण्डी जलाशय का निर्माण कार्य लगभग 40 प्रतिशत से अधिक हो चुका है।