एससी, एसटी वर्ग के विकास व कल्याण में ही शतप्रतिशत व्यय किया जाये विशेष घटक योजना का बजट
अन्य राज्यों की भांति मध्यप्रदेश में भी अधिनियम बनाकर लागू किया जाये
अजाक्स सिवनी जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया ज्ञापन
सिवनी। गोंडवाना समय।
अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के कल्याण हेतु विशेष घटक योजनाओं में प्रावधानित बजट की शतप्रतिशत राशि का हितग्राही मूलक मद में ही व्यय किये जाने सहित अन्य प्रमुख मांगों को लेकर अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ अजाक्स जिला सिवनी के जिला अध्यक्ष श्री चित्तौड़ सिंह कुशराम एवं संभागीय उपाध्यक्ष श्री संतकुमार मर्सकोले के नेतृत्व में जिला कलेक्टर के माध्यम से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन 9 जनवरी 2023 दिन सोमवार को सौंपा गया।
ज्ञापन में यह उल्लेख विशेष रूप से किया गया है कि देश में राजस्थान, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, केरल एवं तेलंगाना आदि प्रदेशों में विशेष घटक योजनाओं में प्रावधानित बजट का शतप्रतिशत एवं समुचित उपयोग करने के संबंध में अधिनियम तैयार किया गया है जो न्यायोचित है। उपरोक्त राज्यों की भांति मध्यप्रदेश में भी अधिनियम बनाकर लागू किया जाये जिससे बजट में प्रावधानित राशि का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाना संभव हो सके और आपकी एवं संविधान की मंशा अनुसार प्रदेश को विकसित राज्य बनाने में सहायता मिल सके।
एससी, एसटी वर्ग को नाममात्र का लाभ होता है, या नहीं होता है वहां पर किया जाता है बजट व्यय
ज्ञापन में यह उल्लेख किया गया है कि प्राय: यह देखने में आया है कि बजट में विशेष घटक योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के कल्याण हेतु मद में प्रावधान तो कर दिया जाता है किंतु उस बजट राशि का उपयोग कही अन्य मद/स्थान या अन्य ऐसे कार्यों में किया जाता है जहां पर अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग को नाममात्र का लाभ होता है, या नहीं होता है जिसके कारण अभी तक प्रदेश में इन वर्गों का उत्थान नहीं हो पाया है। मध्यप्रदेश को उत्कृष्ट राज्य बनाकर प्रथम पंक्ति में लाने का प्रयास कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की जनसंख्या लगभग 40 प्रतिशत है। इन वर्गों के विकास के बिना मध्यप्रदेश का सवार्गीण विकास संभव नहीं है और मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता हमेशा से इन वर्गों के प्रति सकारात्मक रही है और हमेशा ही इन वर्गों के हितों के लिये कार्य किया है। इस हेतु अजाक्स संघठन ने मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया है।
नवीन पदोन्नति नियम को शीघ्र लागू करने की मांग की गई
अजाक्स सिवनी द्वारा ज्ञापन सौंपते समय प्रमुख रूप से अजाक्स जिला अध्यक्ष चित्तोड़ सिंह कुशराम, संभागीय उपाध्यक्ष संतकुमार मर्सकोले, सोहन शाह मरावी, कमलेश परिहार, ब्रज सिंह उईके, श्वेतांक इनवाती, शीलचंद कोरचे, एस सी चौरे सहित अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्यगण मौजूद रहे। ज्ञापन में प्रमुख रूप से मांग की गई कि मध्यप्रदेश के स्पेश कौंसिल एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता मनोज गोरकेला द्वारा बनाये गये नवीन पदोन्नति नियम को शीघ्र लागू करने की मांग की गई है।
बैकलॉक पदों की पूर्ति करने एवं समय पर छात्रवृत्ति देने की मांग
इसके साथ ही ज्ञापन में बैकलॉक के रिक्त पदों की पूर्ति करने की मांग की गई है। वहीं आऊटसोर्सिंग प्रथा बंद करने एवं यदि अपरिहार्य स्थिति में लागू करना आवश्यक हो तो इसमें आरक्षण लागू करने की मांग की गई है। अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति समय पर देने की मांग की गई। मध्यप्रदेश के लोकसेवकों के हितों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था शीघ्र लागू करने की मांग की गई है।
सहायक प्राध्यापकों के साथ हो रहे भेदभाव को संज्ञान में लेते हुए उचित न्याय दिलाने की मांग की गई
आरक्षण अनुसार पी.एस.सी. पास अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण करने की मांग की गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग में चिकित्सा महाविद्यालयों का स्वशासीकरण कर विषयवार एवं कालेजवार एकल पोस्ट समाप्त किये जाने की मांग की गई। चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पद नियमित पदस्थापना के द्वारा भरे जाने की मांग की गई है। लो.स्वा.एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संवैधानिक अनुच्छेद 16 (4) (क एवं ख) की निर्धारित म.प्र.लोक सेवा (अनुसूचित जातियों,अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्गो के लिये आरक्षण) अधिनियम, 1994 का उल्लंघन कर की गई चयन प्रक्रिया में संशोधन करते हुए अनुसूचित जाति एवं जनजाति के पदों को आरक्षित करने की मांग की गई है।
वहीं आगे ज्ञापन में वित्त विभाग द्वारा प्रकाशित मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 569 भोपाल दिनांक 6 अक्टूबर 2018 एवं इसके आधार पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रकाशित मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण क्रमांक चार 440 भोपाल दिनांक 2 अगस्त 22 में मध्यप्रदेश लोक सेवा अधिनियम 1994 तथा संशोधित अधिनियम 1994 अनुसार संशोधित करने की मांग की गई है।
इसी तरह ज्ञापन में अनुसूचित जाति-जनजाति विशेष बैकलॉग भर्ती अभियान के तहत म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित उच्च शिक्षा विभाग के महाविद्यालयों में वर्ष 2004 से 2006 के मध्य नियुक्त सहायक प्राध्यापकों के साथ हो रहे भेदभाव को संज्ञान में लेते हुए उचित न्याय दिलाने की मांग की गई है।