बच्चों के साथ सैकड़ों की संख्या में बुजुर्ग, युवा और महिलाएं यूरिया खाद के लिए होते रहे परेशान
लंबी लाईनों में खड़े होने के बाद भी नहीं मिल रही यूरिया खाद
यूरिया खाद लेने के लिए सैकड़ो किसानों को लंबी लाईन लगाकर करना पड़ रहा है परेशानी का सामना
लंबी लाईनों में खड़े होने के बाद भी नहीं मिल रही यूरिया खाद
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मंचो से दिये जाने वाले भाषण झूठे नजर आते हैं
यूरिया खाद की जल्द पूर्ति के लिए किसानों ने मुख्यमंत्री से किया आग्रह
सिवनी। गोेंडवाना समय।
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान अपने आप को किसान व किसानों का नेता कहते हैं उनके द्वारा हमेशा ही किसानों की खेती की बेहतरी का फसलों के अच्छे बुरे की जानकारी ली जाती है। खेती में किसानों को यूरिया खाद की पूर्ति की जाने की बात की जाती है। मध्यप्रदेश के सभी किसान भाईयों को पर्याप्त मात्रा खेती के लिए यूरिया खाद सरकार पहुंचा चुकि है कि गाथा गाते रहते हैं।
प्रदेश के किसान यूरिया खाद से भरपूर हैं समय समय पर मुख्यमंत्री ऐसी बाते मंचो से अपने भाषणों में कहते चले आये हैं लेकिन उनके द्वारा मंचो से दिये जाने वाले भाषण उस समय किसानों के लिए झूठे साबित होते नजर आते है जब प्रदेश के किसान खेती की बेहतरी के लिए यूरिया खाद के लिए लाईन में लगकर दो दो दिनों तक परेशान होते हैं और लाईन में लगने के बाद भी जब किसानों को मायूस होकर खाली हाथ वापस जाना पड़ता है।
हम आपको बता दें कि जिला मुख्यालय सिवनी से लगी सिवनी विधानसभा की ग्राम पंचायत छिड़िया के पास स्थित मध्य प्रदेश की सहकारी विपणन संघ मर्यादित संस्था डूंडासिवनी में जहां पर किसानों को यूरिया खाद दिया जाता है।
सहकारी विपणन संघ मर्यादित संस्था डूंडासिवनी में 9 दिसंबर 2022 दिन शुक्रवार को सिवनी विधानसभा के किसानों को यूरिया खाद के लिए बड़ी जद्दोजहद करते हुये परेशानी का सामना करना पड़ा। सैकड़ों की संख्या में यूरिया खाद लेने के लिए सिवनी के बुजुर्ग, युवा, महिला एवं बच्चे तक लाईन में खड़े नजर आये।
3 दिनों से आ रहे हैं किसान लेकिन नहीं मिल पाया यूरिया खाद
यूरिया खाद लेने के लिए सैकड़ो की संख्या में आये किसान लंबी लाईन होने के कारण परेशान होते रहे। यूरिया खाद के लिए लाईन में खड़े किसानों से जब यूरिया खाद मिलने के संबंध में गोंडवाना समय के संपादक द्वारा पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो लोग पिछले 3 दिनों से सहकारी विपणन संघ मर्यादित संस्था डूंडासिवनी आ रहे हैं लेकिन उन्हें यूरिया खाद नहीं मिल पाया है।
यूरिया खाद अधिकारी द्वारा यूरिया खाद के लिए पहले टोकन दिया जाता है उसके बाद नंबर से यूरिया खाद दिया जाता है। वहीं टोकन सिर्फ 50 लोगों को बाटे जाते हैं उसके बाद अधिकारी यूरिया खाद देना बंद कर देते हैं ऐसे में सैकड़ों की संख्या में आये हुये किसानों में से ज्यादातर किसानों को मायूस होकर वापस जाना पड़ता है पिछले तीन दिनों से ऐसा ही कुछ हो रहा है।
महिला एवं छोटे छोटे बच्चे भी सुबह 8 बजे से यूरिया खाद के लिए लाईन में खड़े आये नजर
खेती के लिए यूरिया खाद की क्या अहमियत है इसका अंदाजा आप यूरिया खाद के लिए लाईन में खड़े युवाओं के अलावा महिला एवं छोटे छोटे बच्चों को देखकर समझ जायेंगे जो कि यूरिया खाद के लिए सुबह 8 बजे से लाईन में लगे हुये थे।
यूरिया खाद के लिए महिलाओं के साथ छोटे छोटे बच्चे भी लाईन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आये। यूरिया खाद की ऐसी भीड़ में महिलाओं के साथ बच्चों को भी लाईन में खड़ा देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मंचो से दिये जाने वाले भाषण झूठे साबित होते हुये नजर आते हैं इसके साथ ही किसानों का हितेषी बताकर किसान नेता कहना भी गलत साबित होता है।
तीन दिन यूरिया बांटने के बाद चौथे दिन आराम करते हैं कर्मचारी
यूरिया खाद के लिए लाईन में लगे किसान बुजुर्गों द्वारा बताया गया यूरिया खाद नहीं मिलने से किसानों को काफी परेशानी हो रही है। किसान रोज सोसायटियों के चक्कर काट रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में किसानों का कहना है कि सोसायटियों में खाद के लिए जाते हैं तो खाद कब तक आएगा इसके बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है।
तीन दिन यूरिया बांटने के बाद चौथे दिन आराम करते हैं कर्मचारी, खाद को लेकर किसान परेशान हो रहा है। किसानों को गेहूं की फसल लगाने की शुरूआत हो गई है। फसल लगाने के समय जड़ों में डाला जाने वाला डीएपी और यूरिया की बहुत ज्यादा आवश्यकता है। कुछ लोगों को यूरिया खाद देने के बाद कर्मचारी ताला लगा चले जाते है और किसान लाइन में खड़े इंतजार करते रहते हैं।
गोंडवाना समय से बोले किसान वोट देकर हमने मुख्यमंत्री तो बना दिया लेकिन वो यूरिया खाद की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं
किसानों को खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है। सोसायटियों में किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल रही है। वहीं डीएपी भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इधर सिंचाई के लिए गेहूं पानी पर आ गया है। यदि यूरिया समय पर नहीं मिला तो फसल पीली पड़ जाएगी। इससे किसानों की चिंता बड़ गई है। किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है।
किसान रोज सोसायटियों के चक्कर काट रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। गेहूं फसल भी पानी देने के बाद यूरिया नहीं डाला गया तो सूख जाएगी। किसानों द्वारा कहा गया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनाव के समय वोट देकर हमने मुख्यमंत्री तो बना दिया लेकिन वो हमें यूरिया खाद की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं जिससे हमें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों द्वारा प्रदेश के मुखिया से आग्रह करते हुये यूरिया खाद की जल्द पूर्ति का कहा गया है।