Type Here to Get Search Results !

दूर हट छूना नहीं, यह सुनकर कलेजा कांप जाता था, गरीबों ने किया बाबा साहब को याद

दूर हट छूना नहीं, यह सुनकर कलेजा कांप जाता था, गरीबों ने किया बाबा साहब को याद 

आज जो शहरों में समानता दिखाई दे रही है वह बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की मेहरबानी है

हमारे वर्ग के लोग नौकरी कर रहे यह सब बाबा साहब की कृपा से हुआ है


सिवनी। गोंडवाना समय। 

सिवनी नगर के अम्बेडकर वार्ड मंगलीपेठ में स्थित रविदास शिक्षा विहार में बस्ती के कुछ गरीब लोग गत 6 दिसम्बर 2022 को इकठ्ठा हुए। उन्होंने बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के छाया चित्र में पुष्पहार अर्पित करके उनको याद किया।
            


बुजुर्ग देवेन्द्र अहरवाल ने अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताया कि आज से 60 साल पहले हमारे समाज के लोग जब नल, कुएं तालाब में जाते थे तो छुआछूत मानने वाले लोग कहते थे-दूर हट छूना नहीं। यह सुनकर कलेजा कांप जाता था।  

तो ही हमको पीने का पानी मिलता था


गरीबों की भावनाओं की अभिव्यक्ति को प्रेषित करते हुये श्री रघुवीर अहरवाल, अध्यक्ष संत रविदास समाज संघ जिला सिवनी म प्र ने सिवनी नगर के अम्बेडकर वार्ड मंगलीपेठ में स्थित रविदास शिक्षा विहार में बस्ती के में बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुई परिचर्चा के संबंध में जानकारी देते हुये बताया कि मंदिर के दरवाजे हमारे लिए बंद थे।
                

होटलों में हमको घुसने नहीं दिया जाता था। कुछ होटलों में हमारे समाज के लोगों के लिए चाय पीने के कप बाहर रखे होते थे। हमारे समाज के लोग उन कप प्लेट को खुद धोकर चाय मांगते तो दुकान का नौकर ऊपर से हमको चाय देता था। गांवों में हमारे समाज की हालत बहुत खराब थी। हमारे समाज के कुएं नहीं थे। पीने के पानी के लिए घण्टों सवर्णो के कुएं के पास खड़े रहते थे।
                तब रहम करके सवर्णों के नौकर या कोई आदमी हमारे घड़े में पानी डाल देता था। तो ही हमको पीने का पानी मिलता था। धोखे से किसी सवर्ण का पानी, भोजन , बर्तन आदि हमसे छू जाते थे तो वे बहुत गालियां देते थे। पिटाई भी कर देते थे। 

जबकि मैं भी हिन्दू धर्म को मानता था लेकिन हिन्दू ही मुझसे नफरत करते थे


हां मुसलमानों की होटल में हमको चाय-पानी आसानी से मिल जाता था। मुसलमान हमसे बराबरी का व्यवहार करते थे। श्री ज्ञानी लाल अहरवाल ने बताया कि जब मैं गांव से सिवनी आया तो मुझे किसी सवर्ण ने किराया का कमरा नहीं दिया।
            मेरी जाति पूछते ही सवर्ण मुझे देखकर नफरत से भर जाते थे। जबकि मैं भी हिन्दू धर्म को मानता था लेकिन हिन्दू ही मुझसे नफरत करते थे। कुछ नौजवानों ने बताया कि आज भी सिवनी जिले के अनेक गांवों में छुआछूत होती है।
            हमारे जाति के लोगों से गणेश उत्सव ,दुर्गा पूजा उत्सव, गांव में होने वाले यज्ञ हवन के लिए चंदा लिया जाता है किन्तु हमारी जाति के लोगों को यज्ञ, हवन पूजा पाठ में आगे की लाइन में जगह नहीं दी जाती। हमारी जाति के लोगों से प्रसाद आदि नहीं लिया जाता। 

हमारे अम्बेडकर वार्ड की दलित समाज की पार्षद सिवनी नगरपालिका परिषद की उपाध्यक्ष है


फिर सबने मिलकर बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि आज जो शहरों में समानता दिखाई दे रही है वह बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की मेहरबानी है। हमारे बच्चे, पढ़-लिख रहे हैं। होटलों नलों आदि में कोई रोक टोक नहीं है।
        हमारे दलित समाज के लोग पंच, पार्षद, सरपंच, नगरपालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष आदि बन रहे हैं। हमारे अम्बेडकर वार्ड की दलित समाज की पार्षद सिवनी नगरपालिका परिषद की उपाध्यक्ष है। हमारे वर्ग के लोग नौकरी कर रहे हैं। यह सब बाबा साहब की कृपा से हुआ है।
            आज हमको सवर्ण लोग हिन्दू हिन्दू भाई भाई कहकर अपने संगठनों में बुलाते हैं किन्तु हमारे समाज के आदमी को अपना मुखिया नहीं बनाते। मुसलमानों के खिलाफ भड़काते हैं। कहते हैं हिन्दू धर्म खतरे में है लेकिन जब हमारे समाज पर अन्याय अत्याचार होता है, हमारे समाज की बहिन बेटियों की इज्जत सवर्णों द्वारा लूटी जाती है। तब हिन्दू धर्म खतरे में क्यों नहीं होता है? 

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.