गोंडी धर्म, कोया पुनेम, कला, संस्कृति, साहित्य सम्मेलन में कलाकारों ने दी सुंदर प्रस्तुति
छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय।
अखिल गोंडवाना गोंडी धर्म, कोया पुनेम, कला, संस्कृति, साहित्य सम्मेलन का तीन दिवसीय भव्य आयोजन केकराखोली मगरलोड जिला धमतरी में द्वितीय दिवस 27 नवंबर को गोंडी साहित्यविद, इतिहासकर एवं भाषाविद द्वारा विचार रखे गए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री बी एल कोर्राम राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल गोंडवाना गोंडी साहित्य परिषद द्वारा किया गया। इस अवसर पर अपना विचार रखते हुए श्री आर.एन. ध्रुव ने कहा कि गोंडी संस्कृति विश्व संस्कृति की जननी है। हमें इनके संरक्षण, संवर्धन और आगे बढ़ाने हेतु संगठित होकर प्रयास करना होगा। सभी विचारकों ने समाज को गुमराह कर कुछ लोगों द्वारा विघटन का प्रयास किए जाने की कड़ी निंदा की गई।
गोंडवाना स्वर कोकिला मीना आर्मो के जादू भरी आवाज ने सबका मन मोह लिया
कार्यक्रम को श्री एस आर नेताम, श्री हेमलाल मरकाम, श्री चेमसिंह मरकाम, डॉ इन्दो टेकाम, विष्णुदेव पददा ने भी संबोधित किया। रंगारी जी बालोद, कमलेश मरकाम लहरिया कृत डोमा के सांस्कृतिक कार्यक्रम, अंवरी के सुआ नृत्य दल, गोंडवाना स्वर कोकिला मीना आर्मो के जादू भरी आवाज ने सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन श्री शेरसिंह गोंडिया द्वारा किया गया।
इस अवसर पर गोंडी धर्म आचार्य श्री शेरसिंह आचला, गोंडी साहित्यविद श्री कृष्णा नेताम, सोपसिंह मंडावी, शिव कुमार मंडावी, दरवेश आनंद, पारस उसेंडी, शिवचरण नेताम, डॉ ए आर ठाकुर, नकुल नेताम, उमेश देव, कुलंजन सिंह मंडावी, सुदर्शन ठाकुर, हुलार सिंह कोर्राम, बीरबल कुंजाम, विजय कुंजाम, चिंता मरकाम, रेखराम मरकाम, विष्णु छेदैहा, भावसिंह कुंजाम, भूखऊ कुंजाम, सरवन पोटाई सहित बड़ी संख्या में सामाजिक गण उपस्थित थे।