आरक्षण को संविधान के 9 वी अनुसूची में शामिल करें सरकार
पदोन्नति में आरक्षण पर सरकार की चुप्पी, गुपचुप अब तक लाख पद पर दे दी पदोन्नति
एक दिसंबर के विशेष विधानसभा सत्र में पदोन्नति में आरक्षण कानून को भी पारित करें सरकार
छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय।
गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष कृष्णकुमार नवरंग ने छ ग सरकार से एक दिसम्बर को आयोजित विधानसभा सत्र में 32 %अनुसूचित जनजाति ,16 % अनु जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण का कानून पास कर, अनु जाति, अनु जनजाति को लागू पदोन्नति में आरक्षण के प्रस्ताव को कानूनी दर्जा देने के साथ ही इसे तमिलनाडु सरकार की भाँति संविधान के 9 वी अनुसूची में शामिल का प्रस्ताव पास कर संसद के संविधान संशोधन समिति को प्रेषित करें।
मनमानी तथा भेदभाव पूर्ण नीति अपनाई
संगठन ने आरोप लगाया कि नए राज्य से लेकर अब तक अनु जाति जनजाति के लोगों व कर्मचारियों के साथ दोहरा व्यवहार किया है जिसके कारण भर्ती में आरक्षण के साथ पदोन्नति में आरक्षण को दरकिनार कर अनु जाति, जनजाति विहीन लाखों पदों पर पदोन्नति दे दी है। पदोन्नति को लागू करने सभी भर्ती व पदोन्नति नियम को दरकिनार कर मनमानी तथा भेदभाव पूर्ण नीति अपनाई, जिसके कारण अनु जाति जनजाति के लोगों को संवैधानिक अधिकार से वंचित होना पड़ा। सरकार अगर वास्तव में आरक्षण के पक्षधर है तो वर्तमान आगामी सत्र में भर्ती तथा पदोन्नति के आरक्षण को संविधान के 9 वी अनुसूची में शामिल करने ठोस कदम उठाए।