आदिवासी किसान की बिना सहमति के ही जमीन से पटवारी ने निकाल दिया रास्ता
आदेश के बाद आदिवासी किसान को पटवारी, आरआई, लखनवाड़ा पुलिस कर रही परेशान
सिवनी। गोंडवाना समय।
जनजातिय वर्ग के संवैधानिक अधिकारों के जानबकार बताते है कि आदिवासी की जमीन पर शासकीय निर्माण कार्य हो, निजी निर्माण कार्य हो यदि आदिवासी की जमीन पर उपयोग हेतु लिया जाना है तो उसके लिये अनुमति व सहमति लिया जाना आवश्यक होता है, आदिवासी की जमीन पर से रास्ता गैर आदिवासी को देने के लिये राजस्व विभाग के पटवारी ने नक्शा में तैयार कर प्रतिवेदन बना दिया है जिस आधार पर तहसीलदार ने भी रास्ता देने का आदेश पारित कर दिया है जिससे आदिवासी के संवैधानिक अधिकार प्रभावित हुये है।
आदिवासी की जमीन से निकाल दिया रास्ता
ग्राम पायली, थाना लखनवाड़ा, रा.नि.मं. बण्डोल, तहसील सिवनी में भूमि स्वामी नान्हो मर्सकोले पिता भागरथी मर्सकोले जिन्हें पट्टा वर्ष 1980 के बाद मिला था जिसे लगभग 40 वर्ष से अधिक हो गये है वहां पर कृषि कार्य करते आ रहे है। जिसका खसरा नंबर 235 व रकबा 0.47 प.ह.नं. 8 के पटवारी दिव्यांशु नंदनबार के द्वारा पटवारी जांच प्रतिवेदन में आदिवासी की जमीन से रास्ता निकाल दिया गया है जो कि पूर्व के नक्शा में नहीं था आज भी नहीं है लेकिन अपने प्रतिवेदन बनाकर राजस्व के प्रकरण न्यायालय में प्रेषित किया है।
तहसीलदार द्वारा वैकल्पि मार्ग दिये जाने के लिये किया गया आदेशित
वहीं तहसीलदार पारधी के द्वारा आदेश पारित करते हुये वैकल्पि मार्ग दिये जाने के लिये आदेशित किया गया है। उसी आधार पर आर आई, पटवारी, पुलिस मिलकर रास्ता निकालने के लिेय प्रताड़ित कर रहे है। तहसीलदार के द्वारा आदेश में यह उल्लेख किया गया है कि आवेदक व अनावेदक के अधिवक्ताओ से इस प्रकरण में सहमति ली गई है इसी आधार पर आदेश पारित किया गया है जबकि तहसीलदार 20 जून 2022 को आदेश पारित किया है जबकि आवेदक व आवेदक के अधिवक्ता तहसील न्यायालय में सुनवाई के दौरान मौजूद आपत्ति भी दर्ज कराई गई हे लेकिन उन आपत्ति सुनने के बाद भी एकपक्षीय निर्णय सुनाया है जिससे आदिवासी के संवैधानिक अधिकार प्रभावित हुये है।