हत्याकांड के आरोपी आदिवासी संतोष धुर्वे को बनाये जाने के बाद लखनादौन पुलिस थाना प्रभारी मनोज गुप्ता फिर एक बार गोंगपा के राडार पर आये
10 वर्ष पूर्व आदिवासी किसान की आत्महत्या के मामले में बण्डोल पुलिस थाना प्रभारी रहते हुये, गोंगपा ने पहली बार कराया था सिवनी बंद
सिवनी/लखनादौन। गोंडवाना समय।
जिले के लगभग 10 वर्ष पूर्व बण्डोल पुलिस थाना अंतर्गत थांवरी ग्राम के आदिवासी किसान द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में उस समय जब बण्डोल पुलिस थाना में मनोज गुप्ता थानी प्रभारी थे उस दौरान मृतक आदिवासी किसान के परिवारजनों के साथ अंतिम संस्कार सहित अन्य कार्यों के दौरान किये गये व्यवहार व कार्यप्रणाली के कारण आदिवासी समाज में आक्रोश व्याप्त था यहां तक कि इस मामले को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा विरोध प्रदर्शन कर पहली बार सिवनी जिला मुख्यालय में बंद का आयोजन करवाया गया था।
जिला व पुलिस प्रशासन को इस मामले में आदिवासी को समझाने एवं प्रकरण को शांत कराने में काफी मशक्त करना पड़ा था। वहीं अब एक बार फिर सिवनी जिले में लखनादौन पुलिस थाना में लगभग 10 वर्ष से अधिक के समय बाद आदिवासी के मामले में लखनादौन पुलिस थाना प्रभारी मनोज गुप्ता आदिवासी समाज के साथ साथ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राडार पर आ गये है।
लखनादौन सिविल अस्पताल में विक्की कहार हत्याकांड के बाद आदिवासी युवक संतोष धुर्वे को आरोपी बनाये जाने पर लखनादौन पुलिस थाना प्रभारी मनोज गुप्ता सहित अन्य पुलिस अधिकारी के खिलाफ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी आदिवासी समुदाय सहित अन्य जागरूक नागरिकों के साथ आगामी समय में विरोध प्रदर्शन का मोर्चा खोलने की तैयारी कर रही है।
संतोष धुर्वे ने सबसे पहले शव को देखकर अस्पताल प्रबंधन एवं पुलिस को सूचना दी थी
हत्या के झूठे आरोपों में फंसाये गये संतोष धुर्वे की माँ श्रीमती रत्तो बाई धुर्वे पति स्व. गिरनलाल धुर्वे आदिवासी 62 वर्ष निवासी मीठाकुंआ लखनादौन ने राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, सीबीआई, सीआईडी से पत्र के माध्यम से अपने बेटे को झूठे केस में फंसाये जाने संबंधी शिकायत कर उल्लेख किया है कि 29-30 सितम्बर 2022 की मध्य रात्रि के दौरान विक्की कहार की हत्या हो गई थी। जिसे 30 सितम्बर 2022 को मेरा पुत्र संतोष धुर्वे (सुरक्षा गार्ड हॉस्पिटल) ने सबसे पहले शव को देखकर अस्पताल प्रबंधन एवं पुलिस को सूचना दी थी।
धनाड्य एवं रसूखदार को बचाने निर्दोष आदिवासी संतोष धुर्वे को आरोपी बना रही है पुलिस
पत्र में उल्लेख किया है कि चूंकि संतोष धुर्वे ने प्रथम दृष्ट्या देखा था जिसे पुलिस ने आरोपी मानकर 30 सितम्बर 2022 से लगातार पुलिस थाने में मारपीट कर परेशान कर रही है इसकी सच पुलिस थाना के फुटेज में भी देखा जा सकता है वहीं घटना की वास्तविकता जानने के लिये अस्पताल में सीसीटीव्ही फूटेज में देखे जा सकते है। विक्की कहार की हत्या के मामले में पुलिस द्वारा आदिवासी युवक संतोष घुर्वे को झूठा फंसा रही है। शिकायती पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि लखनादौन शहर में जनचर्चा है कि अस्पताल में कार्यरत अन्य कर्मचारी जो धनाड्य एवं रसूखदार है जिन्हें पुलिस बचाने हेतु निर्दोष आदिवासी संतोष धुर्वे को आरोपी बना रही है। मृतक के परिजन लगातार पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस उप महानिरीक्षक तथा पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत होकर लगातार बता रहे है कि संतोष धुर्वे निर्दोष है। पुलिस अन्य आरोपियों को बचाने के लिये संतोष धुर्वे को झूठा फंसा रही है।
(.......जैन) चिकित्सक एवं सराफा व्यापारी से मोटी रकम लेकर मुख्य आरोपी को बचाया जा रहा है
अनुसूचित जनजाति आयोग को भेजे गये शिकायती पत्र में आरोपी बनाये संतोष धुर्वे की मां ने न्याय की गुहार लगाते हुये उल्लेख किया है कि पुलिस थाना प्रभारी लखनादौन एवं अनुविभागीय अधिकारी लखनादौन के द्वारा मुख्य आरोपी (.......जैन) चिकित्सक एवं सराफा व्यापारी से मोटी रकम लेकर मुख्य आरोपी को बचाया जा रहा है। उक्त संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधी एवं जनमानस के द्वारा लगातार सूचित एवं प्रदर्शन करने के बावजूद भी लखनादौन पुलिस थाना द्वारा झूठा फंसाने में लगी हुई है एवं स्थानीय सूचना को अनसुना कर रही है। जिसके संबंध में अस्पताल की सीसीटीव्ही फूटेज भी डिलीट कर दी गई ताकि मुख्य आरोपी को बचाया जा सके।
दिन में वह छत में (घटना स्थल) में जाते हुये दिख रहा है किन्तु घटना रात की है
शिकायती पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि घटना स्थल शासकीय अस्पताल लखनादौन के सीसीटीव्ही फूटेज से छेड़छाड़ कर 20 अक्टूबर 2022 तक सीसीटीव्ही फूटेज जप्त नहीं किये गये एवं वहीं फूटेज जप्त किये जा रहे है जिसमें गार्ड संतोष धुर्वे सामान्य गतिविधियाँ करते हुये दिखाई दे रहा है न ही वह ऊपर छत में जाते हुये दिखाई दे रहा है और ना ही नीचे आते हुये दिखाई दे रहा है। दिन में वह छत में (घटना स्थल) में जाते हुये दिख रहा है किन्तु घटना रात की है। इस तरह संतोष धुर्वे को झूठा फंसाया जा रहा है। गरीब आदिवासियों पर लगातार शोषण एवं अत्याचार होते रहे है। संतोष धुर्वे की मां ने अनुसूचित जनजाति आयोग में आग्रह करते हुये कहा है कि मैं आदिवासी विधवा आपसे न्याय की गुहार लगाती हूँ।