100 गांव के किसानों से अपने खेतों को पेड़ पौधों से दुल्हन की तरह सजाने के लिए किया जायेगा निवेदन
पर्यावरण संरक्षण के लिए मददगार साबित होगा और किसान की आय को दोगुना करने में मदद मिलेगी
सिवनी। गोंडवाना समय।
प्रकृति सौंदर्य से घिरा हुआ नगर बखारी से विश्वस्तरीय पर्यावरण संरक्षण सोच का आगाज पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। जीवन में लगभग हर काम स्वार्थ के लिए किया जाता है लेकिन एक प्रेरणादायक अभियान निस्वार्थ भाव से पिछले 10 वर्षों से नि:शुल्क सेवा के रूप में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है शिक्षा से सफलता का दर्शन विकास परिषद पर्यावरण संरक्षण स्वच्छता संगठन बखारी की और से प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक नए आयामों का प्रयोग करके इस वर्ष पर्यावरण संरक्षण के लिए पर्यावरण मित्र बनने के लिए एक अभियान की शुरूआत की गई।
लगभग 5000 विद्यार्थियों को नि:शुल्क इस अभियान से जोड़ा गया
इस अभियान का नाम प्रकृति आजाद पर्यावरण मित्र का नाम दिया गया है। इस अभियान के माध्यम से बखारी क्षेत्र के लगभग एक दर्जन स्कूलों में विद्यार्थियों को प्रकृति आजाद पर्यावरण मित्र बनने के लिए निशुल्क शिक्षा दी गई।
इस शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी को बताया गया कि बारिश के दिनों में उत्पन्न हुए छोटे पौधों को अपने घरों में गमला बनाकर उनका रोपण करके 2 से 3 साल तक घर में ही पालन पोषण कर के बड़ा बनाकर फिर उन्हें एक सुरक्षित स्थान पर पूर्ण व्यवस्था के साथ रोपण करके पालन पोषण का संकल्प दिलाया गया।
जिसमें लगभग 5000 विद्यार्थियों को नि:शुल्क इस अभियान से जोड़ा गया। क्षेत्र के सभी विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अब 27 अक्टूबर 2022 से विचारधारा के जन्मदाता एम.के प्राकृतिक प्रेमी एक नए अभियान की शुरूआत की जा रही है।
100 गांव के किसानों को पौधारोपण व पालन पोषण की दी जायेगी जानकारी
प्रकृति आजाद पर्यावरण संरक्षण किसान मित्र इस अभियान के माध्यम से 100 गांव के किसानों को सोशल मीडिया और जमीनी स्तर से किसानो को फलदार खेती करने के लिए जागरूक किया जाएगा। पौधारोपण और पालन पोषण की और ट्रेनिंग दी जाएगी। खेतों को पेड़ पौधों से दुल्हन की तरह सजाने के लिए निवेदन किया जाएगा।
जिससे यह अभियान पर्यावरण संरक्षण के लिए मददगार साबित होगा और किसान की आय को दोगुना करने में मदद मिलेगी। इस तरह से पर्यावरण संरक्षण के नए आयामों में बखारी नगर के वरिष्ठ नागरिकों और क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों और आम जनों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
इसके साथ ही विचारधारा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए नई टेक्नोलॉजी का भी प्रयोग किया जाना की योजना बन रही है। जिसमें पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए एक नेटवर्क समूह के माध्यम से पर्यावरण का संरक्षण किया जाएगा।
फलदार पौधों का रोपण कराकर बगीचा बनवा कर आर्थिक आजादी का अभियान चलाया जाएगा
इस योजना का नाम ENVIRONMENT PROTECTION HELPING GLOBAL EARNING INDIA इस योजना से समाज में रह रहे आम लोगों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में शिक्षा दी जाएगी और पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से ही फलदार पौधों का रोपण कराकर बगीचा बनवा कर आर्थिक आजादी का अभियान चलाया जाएगा। इस तरह से विकास परिषद अपनी विचारधारा से पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न आयामों का प्रयोग करके अभियान को सफल बनाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
निरंतर देश हित में चलाई जाने वाली इस विचारधारा में आम जनों और वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले समर्पित सैनिक के रूप में विचारधारा के संचालक मनोज कुमार रजक (एम के प्रकृति प्रेमी ) और समस्त प्रकृति प्रेमी साथी निलेश रजक, विकास रजक, अनिल रजक, अक्षय बामने, सुभाष रजक, बलवीर रजक, गुरुदास रजक, नवनीत कुमार, जितेंद्र रजक, शैलेंद्र बामने, ज्ञानेश बामने, अनुराग लखेरा, अभिषेक शर्मा, गोवर्धन धुर्वे, रामनारायण बंजारा, योगेंद्र रजक, छोटू लखेरा, बाबू लखेरा, ईश्वर लखेरा का जमीनी स्तर से भरपूर सहयोग मिल रहा है और अभियान के लिए एक युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है।