रक्तदान कर दिया संदेश पुरानी पेंशन बहाली नहीं किया गया तो हम अपना बलिदान देने से भी नहीं चूकेंगे
पुरानी पेंशन बहाली के लिए सिवनी जिले में हुआ ऐतहासिक विरोध प्रदर्शन
रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
सिवनी। गोंडवाना समय।
आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रांतीय आव्हान पर पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार पूरे मध्यप्रदेश में विगत 13 सितंबर से लगातार आंदोलन धरना प्रदर्शन चल रहे हैं। इसी तारतम्य में शनिवार को जिला मुख्यालय में ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन देखा गया।
जहां जिले से अध्यापक शिक्षक हजारो की विशाल संख्या में राशि लॉन सिवनी में एकत्रित हुए। जहाँ पर पुरानी पेंशन बहाली के लिए गहन विचार विमर्श हुआ ।
इसके साथ ही मानव समाज की सेवा के लिए कर्मचारियों की शासन के प्रति सेवा का संदेश स्वरूप रक्त दान में 28 शिक्षकों-शिक्षकीकाएँ ने अपना रक्त दान कर ये संदेश दिया कि ये रक्त किसी जरूरतमंद के काम आ सके।
अब संकुल स्तर पर आंदोलन को मजबूत किया जाएगा
इसी तरह सरकार का ध्यान आकषर्ण कर कर्मचारी के लिए पुरानी पेंशन बहाली की कामना की गई।
दोपहर उपरांत पेंशन बहाली की अपेक्षा से अनुमान से कही ज्यादा कर्मचारी पहुंचे जहां पर मानव पंक्ति बनाते हुए नगर के मुख्य मार्ग से पुरानी पेंशन की मांग के आवाज के साथ कर्मचारी द्वारा रैली निकालकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया।
जिला अध्यक्ष कपिल बघेल ने बताया कि आगे भी आंदोलन पूर्व की भांति जारी रहेगा।
जहाँ अब संकुल स्तर पर आंदोलन को मजबूत किया जाएगा। जब तक सरकार पुरानी पेंशन की मांग पूरी नही करती तब तक हम अब अन्य संगठनों के साथ मिलकर दुगुनी शक्ति के साथ इस मांग के लिए संघर्ष करेंगे।
रक्तदान महादान कर दिया मानव सेवा का संदेश
आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के द्वारा आज जिले स्तर पर समस्त विकास खंडों से आए शिक्षकों से रक्तदान की अपील की गई थी यह एक तरीके का अनूठा विरोध प्रदर्शन सरकार के प्रति तो था ही लेकिन साथ में मानव सेवा का संदेश देना महत्वपूर्ण था।
जिससे शासन को यह संदेश जा सके की अध्यापक अपनी मांगों के लिए सरकार का विरोध तो कर सकते है लेकिन इस दौरान वे मानव सेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है इसी उद्देश्य से उन्होंने समाजहित के लिए रक्तदान महादान किया है।
वहीं आजाद अध्यापक शिक्षक संघ का यह भी कहना है कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं हो पाती है तो अपना बलिदान देने से भी नहीं चूकेंगे।