नेमावर के बाद रामदेव काकोड़िया के जिला बदर की कार्यवाही से आदिवासी समाज शिवराज सरकार के खिलाफ हुआ आक्रोशित
आदिवासी युवा रामदेव काकोड़िया पर की गई कार्यवाही में देवास जिला व पुलिस प्रशासन पर जयस वक्ताओं ने उठाये सवाल
खातेगांव में रामदेव काकोड़िया के समर्थन में जयस के महाआंदोलन में हजारों आदिवासी ने शासन, प्रशसन, सरकार के खिलाफ भरी हुंकार
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे देवास पुलिस अधीक्षक ने जयस की मांगों पर कार्यवाही का दिया आश्वासन
देवास/खातेगांव। गोंडवाना समय।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों को भगवान का दर्जा देते है यह बात उन्होंने आदिवासियों के कार्यक्रमों के दौरान कहा है। आदिवासी बाहुल्य मध्यप्रदेश में जिस तरह से आदिवासियों के मामले में अधिकांशयत: युवाओं पर कार्यवाही की जा रही है उससे शिवराज सरकार के आदिवासी हितेषी होने पर ही सवाल आदिवासी समाजिक संगठनों के पदाधिकारी उठा रहे है।
आदिवासी वर्ग के कुछ बुद्धिजीवियों का कहना है कि जिस तरह से आजादी के पहले अंग्रेजों के खिलाफ आजादी के लिये आवाज उठाने वाले आदिवासी क्रांतिकारियों को अंग्रेजी हुकुमत उनके साथ यातनायें प्रताड़ना देकर उन्हें व उनके परिवारजनों के साथ साथ क्षेत्र के लोगों को भयभीत करने का काम करती थी उसी प्रकार से आदिवासी बाहुल्य मध्यप्रदेश में भी वर्तमान की स्थिति में आदिवासियों के साथ में होने वाले अन्याय, अत्याचार, शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाले 21 वर्षाीय युवा रामदेव काकोड़िया को देवास कलेक्टर ने जिला बदर करने का निर्णय सुनाकर जिला बदर कर दिया है जिससे आदिवासी युवा व उसके परिवार वाले व क्षेत्रिय आदिवासी समाज के सगाजन भी भयभीत है।
मध्यप्रदेश के देवास जिले के खातेगांव में 24 मई को आदिवासी युवा रामदेव काकोड़िया के जिला बदर किये जाने के विरोध में महाआंदोलन रखा गया था, जहां पर हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के सगाजन अपने अपने खर्च से पहुंचे। देवास जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को नेमावर की घटना के बाद फिर जयस के विरोध आंदोलन का सामना करना पड़ रहा है। आंदोलन के दौरान सभी वक्ताओं ने यह मांग उठाई कि आदिवासी युवा रामदेव काकोड़िया का जिला बदर निरस्त किया जावे।
हजारों की संख्या में आसपास के जिलों से आदिवासी सगाजन शामिल हुये
हम आपको बता दे कि देवास जिले एवं आसपास के अन्य जिलों में आदिवासियों के साथ होने वाले अन्याय, अत्याचार, शोषण के खिलाफ आवाज उठाने का कार्य रामदेव काकोड़िया के द्वारा निडरता के साथ साथ संवैधानिक दायरे में रहकर किया जाता था। आदिवासियों के साथ होने वाले अनेकों मामले में आदिवासी युवा रामदेव काकोड़िया ने खुलकर शोषणकारी ताकतों के खिलाफ में आवाज उठाया है। अन्याय, शोषण, अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने का नतीजा यह हुआ कि आदिवासी युवा रामदेव काकोड़िया को विगत दिनों खातेगांव थाना प्रभारी के समक्ष भाजपा नेताओं के द्वारा मारापीटा गया था।
शासन, सत्ता का दबाव होने के कारण आदिवासी युवा रामदेव काकोड़िया की सुनवाई नहीं हुई। वहीं देवास जिले में आदिवासी समाज के सगाजनों के मकान में आग लगाने का मामले को भी रामदेव काकोड़िया ने खुलकर विरोध दर्ज कराते हुये कार्यवाही की मांग किया था। न तो आदिवासियों की सुनवाई हुई और न ही रामदेव काकोड़िया की आवाज को सुना गया। वरन उल्टा ही आदिवासी युवा रामदेव काकोड़िया को देवास जिला कलेक्टर के द्वारा जिला बदर की कार्यवाही करने का आदेश जारी कर दिया गया है। जिला कलेक्टर द्वारा रामदेव काकोड़िया को जिला बदर किया जाने के बाद से जयस के द्वारा जिला बदर के आदेश को निरस्त करने सहित थाना में मारपीट व अन्य मामलो ंको लेकर कार्यवाही की मांग की गई है। इसके विरोध में 24 मई 2022 को जयस द्वारा विभिन्न संगठनों के सहयोग के माध्यम से खातेगांव में आंदोलन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में आसपास के जिलों से आदिवासी सगाजन शामिल हुये।
दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, खातेगांव महाआंदोलन में भी हुये शामिल
आदिवासी युवा रामदेव काकोड़िया के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने देवास जिला कलेक्टर द्वारा की गई जिला बदर की कार्यवाही को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने खातेगांव पुलिस थाना प्रभारी के समक्ष आदिवासी युवा रामदेव काकोड़िया के साथ की गई मारपीट के मामले में कार्यवाही करने की आवाज उठाई है। रामदेव काकोड़िया का किया गया जिला बदर को निरस्त करने की मांग उठाया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 24 मई 2022 को खातेगांव महाआंदोलन में भी शामिल हुये जहां पर वे जमीन पर बैठे और वहीं से उन्होंने अपनी बात रखते हुये कहा कि कांग्रेस पार्टी अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के साथ है।
गोंगपा युवा मोर्चा व जीएसयू ने किया खातेगांव महाआंदोलन का समर्थन
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश मर्सकोले ने मध्यप्रदेश राज्य के देवास जिला अंतगर्त खातेगांव पुलिस स्टेशन में दिनांक 6 मई 2022 को बिना एफआईआर दर्ज किए गोंडवाना आंदोलन के आदिवासी युवक रामदेव ककोड़िया, भीम आर्मी संगठन के साथी राहुल बरवाल व अन्य आदिवासी साथियो के साथ मारपीट की गई थी इस मामले को उठाया है। इसके साथ ही गोंगपा युवा मोर्चा के द्वारा जिले के पुलिस अधीक्षक के इशारे पर जिला कलेक्टर द्वारा रामदेव ककोड़िया को जिला बदर किया गया है उसे असंवैधानिक बताया है। जिसके विरोध में दिनांक 24 मई 2022 को खातेगांव जिला देवास में सामाजिक संगठनों के द्वारा आंदोलन करना सुनिश्चित किया गया है। जिसका गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मध्यप्रदेश युवा मोर्चा समर्थन करता है। इसके साथ ही गोंडवाना स्टॅूडेंट यूनियन के अनेक पदाधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुये।