इस मुद्दे को मानवता कि दृष्टि से किसी राजनैतिक दल के समीकरण से ऊपर उठकर देखें-श्याम सिंह कुमरे
आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलवायें एवं पीड़ित परिवार, गवाहों को सुरक्षा प्रदान करवायें
जनजाति समाज प्रकृति, वन्य जीव, गौ माता, जल, जंगल, नदियों और जमीन का संरक्षक आदिकाल से रहा है
सिवनी। गोंडवाना समय।
ग्राम सिमरिया और सागर विकासखंड कुरई निवासी श्री संपत वट्टी एवं श्री धंसा इनवाती की हत्या गौ मांस के साथ पकड़े जाने के आरोप व संदेह में किए जाने से जनजाति समाज आक्रोशित व आंदोलित है। उक्त घटना के मामले में डा श्याम सिंह कुमरे, आईएएस, पूर्व कलेक्टर सचिव मध्य प्रदेश शासन द्वारा अपनी बात रखते हुये कहा कि वर्तमान कि जो स्थिति है उसको हमें राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए और न ही जो दुर्भाग्यपूर्ण दुखद घटना जो हमारे जनजाति भाइयों के साथ हुई है उसका राजनीतिकरण करना चाहिए। हम एक ओर किसी के साथ हुए कथित अत्याचार के विरोध में न्याय कि मांग करते हैं और दूसरी ओर स्वयं कानून को हाथ में लेकर किसी व्यथित परिवार को न्याय दिलाने कि झूठी आस नहीं बंधा सकते हैं। मेरे सगाजनो भाइयों के साथ हुई इस वीभस्त घटना से न केवल मेरा मन बल्कि प्रदेश के समस्त न्याय प्रिय जनता का मन बहुत व्यथित एवं द्रवित है।
इस केस में अच्छे से अच्छा वकील पीड़ित की ओर से प्रदान करवाएं
उक्त घटना के मामले में डा श्याम सिंह कुमरे, आईएएस, पूर्व कलेक्टर सचिव मध्य प्रदेश शासन द्वारा अपनी बात रखते हुये कहा कि मैं इस मंच के माध्यम से देश का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते शासन प्रशासन से ये विनम्र अनुरोध करता हूँ कि वो कम से कम उप पुलिस अधीक्षक स्तर के जनजाति अधिकारी से निष्पक्ष अन्वेषण तत्काल पूर्ण कराया जाए व फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से इस घटना में संलिप्त आरोपियों को जल्द से जल्द विधि सम्यक प्रक्रिया के अनुसार फांसी की सजा दिलवाई जाए एवं पीड़ित परिवार और गवाहों को सुरक्षा प्रदान कराई जाए। मेरी शासन से यह भी मांग है कि इस प्रकरण में अच्छे से अच्छा वकील पीड़ित की ओर से प्रदान करवाएं। मृतकों के आश्रितों को उपयुक्त नियमित शासकीय सेवा प्रदान की जाए वर्तमान में दैनिक वेतन भोगी पद पर रखा गया है वह स्वागत योग्य है। उपयुक्त क्षति पूर्ति राशि और दिलवाई जाए वर्तमान में तत्काल जो क्षति पूर्ति राशि शासन द्वारा दी गई है उसके लिए समाज आभारी है।
हमारा सबसे बड़ा दायित्व किसी भी जगह के कानून का सम्मान करना है
भविष्य में ऐसी अप्रिय घटना कि पुनरावृत्ति को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं, जिससे समाज में और खासकर हमारे जनजाति भाइयों को सुरक्षा कि भावना महसूस हो। इसके साथ ही साथ मेरा उन सभी लोगों से जो इस घटना को राजनीतिक जामा पहना कर अपने स्वार्थ कि रोटियां सेकने में लगे हैं उनसे भी करबद्ध अनुरोध है कि इस मुद्दे को मानवता कि दृष्टि से देखें और किसी राजनीतिक दल के समीकरण से ऊपर उठकर देखें। इस नाजुक घड़ी मे समाज का हर व्यक्ति अपनी निजी क्षमता में ये समझे कि हमारा सबसे बडा दायित्व कानून का सम्मान करना है और किसी कानून का पालन करना उसके सम्मान करने का सबसे बड़ा परिचायक होता है।
देश का जनजाति भारतीय संस्कृति, परंपरा और सभ्यता का जनक, वाहक, पोषक व संरक्षक रहा है
इस दुर्भाग्य पूर्ण घटना को कुछ राजनीतिक दलों एवं संगठनो द्वारा ऐसे प्रचारित किया जा रहा है जैसे कि मध्य प्रदेश के जनजाति गौ मांस भक्षक हैं यह सही नहीं है। इस देश का जनजाति भारतीय संस्कृति, परंपरा और सभ्यता का जनक, वाहक, पोषक व संरक्षक रहा है। प्रकृति, वन्य जीव, गौ माता, जल, जंगल, नदियों और जमीन का संरक्षक आदिकाल से रहा है। परंपरागत रूप से गौ माता का पालक, पूजक व संरक्षक रहा है। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कहना व बताना चाहता हूं कि इस देश का जनजाति वर्ग आदि काल से अभी तक कभी भी गौ मांस भक्षक नहीं रहा है और भविष्य में भी गौ मांस भक्षक नहीं होगा। विदेशी धर्म का पालन करने वालों के सम्बन्ध में मैं कुछ नहीं कह सकता।
इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए
उक्त घटना के मामले में डा श्याम सिंह कुमरे, आईएएस, पूर्व कलेक्टर सचिव मध्य प्रदेश शासन द्वारा अपनी बात रखते हुये कहा कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए कि यह घृणित कार्य किन लोगों के लिए किया जा रहा था और किन लोगों की संलिप्तता है। मृतकों को कब थाना लाया गया, कब अस्पताल ले जाया गया, कब और कहां मृत्यु हुई , जिला अस्पताल तत्काल क्यों नहीं ले जाया गया इत्यादि।