व्यस्क मादा तेंदुआ के पेड़ से नीचे गिरने और गंभीर चोट आने से हुई मृत्यु ?
शव के दांत, नाखून सहित समस्त अवयव सुरक्षित पाए गए
वृक्ष पर चढ़ने के पैरों के निशान और किसी वन्यप्राणी को खींच कर ऊपर ले जाते समय के खून के निशान प्राप्त हुए
सिवनी। गोंडवाना समय।
पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी अंतर्गत पेंच मोगली अभ्यारण परिक्षेत्र कुरई की बीट गंडाटोला (कक्ष क्रमांक 643-644) के सीमा नाला में दिनांक 18-04-2022 दिन सोमवार को एक वयस्क मादा तेन्दुआ (आयु लगभग 8 से 10 वर्ष) एवं एक मादा हनुमान लंगूर के शव जल स्त्रोत से लगभग 3 मीटर की दूरी पर स्टाफ को गस्ती के दौरान दिखाई दिए।
पानी (1.5 किमी दोनो ओर) का लिटमस टेस्ट करवाया गया कही कोई संदिग्ध गतिविधि नही पाई गई
इसकी सूचना स्टाफ द्वारा वरिष्ट अधिकारियों को दी गई। डॉग स्क्वाड एवं डॉ अखिलेश मिश्रा और डॉ अक्षय बंसोड़ पशु चिकित्सक, खवासा के दल को मौका पर बुलवाया गया। डॉग स्क्वाड द्वारा मौके पर अच्छी तरह से निरीक्षण किया गया। जलस्त्रोतों का दल बनाकर निरीक्षण कराया गया। नाले में जगह जगह एकत्रित पानी (1.5 किमी दोनो ओर) का लिटमस टेस्ट करवाया गया कही कोई संदिग्ध गतिविधि नही पाई गई। प्राप्त शव से लगभग 15 मीटर की दूरी पर साजा प्रजाति के वृक्ष पर तेन्दुआ के वृक्ष पर चढ़ने के पैरों के निशान और किसी वन्यप्राणी को खींच कर ऊपर ले जाते समय के खून के निशान प्राप्त हुए।
रीढ की हड्डी और पसलियों में चोट पाई गई
जिस स्थान पर शव प्राप्त हुए थे उसके ऊपर साजा के वृक्ष की शाखाओं की लगभग 25 मीटर ऊंचाई पर शाखायें लगभग 5 मीटर की दूरी पर स्थित पाई गई। चिकित्सक दल द्वारा तेंदुआ के शव परीक्षण के दौरान वृक्ष से गिरने के कारण आंतरिक गंभीर चोट एवं रक्त स्राव पाया गया। रीढ की हड्डी और पसलियों में चोट पाई गई। शव के दांत, नाखून सहित समस्त अवयव सुरक्षित पाए गए जबकि मादा हनुमान लंगूर के गले मे तेंदुआ के केनाइन दांत के निशान और खून के थक्का जमने और चोट के निशान पाए गए।
पूर्ण रूप से जलाकर नष्ट किया गया
शव परीक्षण के दौरान विसरा परीक्षण हेतु सैंपल एकत्रित किये गये। उपरांत शव को एनटीसीए की समस्त एसओपी का पालन करते हुए श्री एस एस उद्दे मुख्य वन संरक्षक सिवनी, श्री रजनीश कुमार सिंह उपसंचालक पेंच टाइगर रिजर्व, श्री आशीष पांडेय अधीक्षक, श्री विलास डोंगरे परिक्षेत्र अधिकारी, श्री विक्रांत जठार एनटीसीए प्रतिनिधि और अन्य उपस्थित कर्मचारियों की उपस्थिति में पूर्ण रूप से जलाकर नष्ट किया गया। प्रथम दृष्टया चिकित्सक दल द्वारा दी गई जानकारी अनुसार वयस्क मादा तेंदुआ के पेड़ पर लंगूर को मारकर ऊपर ले जाते समय बैलेंस बिगड़ जाने से नीचे गिरने और गंभीर चोट आने से मृत्यु होना प्रतीत होता है।