सुमंत्रों पंद्रे को हनिफ, कलीम, रहिम दे रहे जान से मारने की धमकी और मकान व गांव छोड़ने के लिये कर रहे मजबूर
गोंड जनजाति वर्ग की महिला 1 वर्ष से सुनवारा पुलिस चौकी में कर रही शिकायत पर नहीं हो रही कार्यवाही
सिवनी। गोंडवाना समय।
गोंड जनजाति वर्ग की महिला सुमंत्रों पति संजू पंद्रे जाति गोंड, उम्र-37, जो कि आशा कार्यकर्ता है ग्राम तिघरा, ग्राम पंचायत आमानाला, पुलिस चौकी-सुनवारा, थाना-धनौरा, जिला-सिवनी मध्यप्रदेश में निवास करती है। वह हनिफ सा पिता हमीद सा, कलीम सा पिता हनिफ सा एवं रहीम सा पिता हनिफ सा ग्राम तिघरा, ग्राम पंचायत आमानाला निवासी की प्रताड़ना से अत्याधिक परेशान व भयभीत है।
पीड़िता की शिकायत पर सुनवाई पुलिस चौकी-सुनवारा, थाना-धनौरा द्वारा नहीं की जा रही थी, इसी के चलते प्रताड़ित करने वालों के हौंसले बुलंद होने के कारण वह मंगलवार को अपनी समस्या लेकर जनसुनवाई में पहुंची। पीड़ित आवेदिका ने जनसुनवाई में दी आवेदन में उल्लेख किया है कि अकेली महिला होने का फायदा उठाकर अनावेदकगणों के द्वारा जबरदस्ती मकान खाली करके, घर द्वार गांव छोड़कर जाने के लिये धमकी देने एवं घर में आकर जान से मारने की धमकी देने, घर में आग लगा कर जला देने, जातिगत रूप से अमानित करने पर, घर के बाजू में अतिक्रमण करके जबरदस्ती अंडे, मुर्गा-मुर्गी व किराना दुकान खोलकर धंधा व्यापार करने के लिये मकान खाली कर छोड़ने के लिये मजबूर करने पर कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
गोंड जनजाति की महिला को बच्चों के साथ अकेली देखकर मकान छोड़ने के लिये किया जा रहा मजबूर
पीड़ित महिला ने अपने द्वारा दिये गये आवेदन में उल्लेख किया है कि गोंड जनजाति की आवेदिका सुमंत्रों पंद्रे अपने बेटा-बेटी के साथ रहती है वहीं उसका पति नागपूर में काम करते है इसलिये वह हमारे साथ नहीं रहते है। वह भूमिहीन होने के कारण तिघरा गांव में ही मकान बनाकर लगभग 4-5 साल से छोटा सा एक कमरे का मकान में रहती है। जिसकी एक लड़की जो कि लगभग 19 साल की है एवं बेटा भी लगभग 17 साल का है साथ में वह वह आशा कार्यकर्ता भी है।
इस आधार पर वह अपना घर परिवार का पालन पोषण करती है। पीड़ित महिला का कहना है कि उसके मकान के बाजू में प्रताड़ित करने वालों के द्वारा शासकीय भूमि में अतिक्रमण करके लगभग 2-3 साल से दुकान व्यापार धंधा के लिये ठेला लगाया था जहां पर उनके द्वारा अंडा, मुर्गा-मुर्गी व किराना दुकान का व्यापार किया जाता है। अपनी दुकान को बढ़ाने के लिये गोंड जनजाति की महिला को बच्चों के साथ अकेली देखकर मकान छोड़ने के लिये मजबूर किया जा रहा है।
दो बार हुई प्रताड़ना की शिकायत सुनवारा पुलिस ने पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध की सूचना दर्ज की
पीडिंता का कहना है कि प्रताड़ित करने वालों के द्वारा 10 अप्रैल 2022 को दिन में लगभग 11 बजे घर में आकर जान से मारने पीटने की धमकी दिये थे और जातिगत रूप से अपमानित किया गया था। पीड़िता ने आवेदन में यह भी उल्लेख किया है कि प्रताड़ित करने वाले कहते है कि मकान खाली करके गांव छोड़कर अपने बच्चों को लेकर चली जा नही ंतो हम तेरे और तेरे बच्चों को मकान के अंदर ही जिंदा जलाकर मार डालेंगे। वहीं पीड़िता के द्वारा 10 अप्रैल 2022 को ही पुलिस चौकी सुनवारा गई थी जहां पर घटना के संबंध में और प्रताड़ित करने वालों के द्वारा दी गई धमकी को लेकर शिकायत की थी लेकिन सुनवारा पुलिस चौकी द्वारा पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध की सूचना दर्ज कर पीड़िता को वापस कर दिया गया।
इतना ही नहीं इसके पूर्व भी दिनांक 15 जून 2021 को भी प्रताड़ित करने वालों के द्वारा विवाद करते हुये जान से मारने की धमकी दी गई थी जिसकी शिकायत 15 जून 2021 को भी सुनवारा पुलिस चौकी में की गई थी तब भी पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध की सूचना दर्ज करने की कार्यवाही की गई थी। पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर सहित अजाक थाना में भी कार्यवाही हेतु आवेदन दी है जिसमें पीड़िता ने यह अंदेशा जताया ळै कि सही समय पर कार्यवाही नहीं होने से प्रताड़ित करने वालों के हौंसले बुलंद है। वहीं प्रताड़ित करने वाले कभी भी शारीरिक नुकसान पहुुंचा सकते है या घर को भी नुकसान पहुंचा सकते है क्योंकि उन्हें व्यापार धंधा करने के लिये मेरे मकान की जगह में कब्जा करना है।
पुलिस अधीक्षक ने गंभीरतापूर्वक सुनी पीड़िता की समस्या व कार्यवाही करने के दिये निर्देश
पीड़िता गोंड जनजाति की महिला सुमंत्रो पंद्रे ने जानकारी देते हुये बताई कि मैं जनसुनवाई में पुलिस अधीक्षक कार्यालय गई थी जहां पर साहब द्वारा मेरी समस्या को गंभीरतापूर्वक सुना गया एवं त्वरित रूप से कार्यवाही करने हेतु पुलिस थाना में निर्देश दिये गये है। पीड़ित महिला ने बताई कि वह प्रताड़ित करने वालों पर कानूनी कार्यवाही चाहती है एवं प्रताड़ित करने वालों का ठेला को मेरे मकान के बाजू से हटाया जाये क्योंकि वे प्रतिदिन किसी न किसी बात पर वाद-विवाद करते रहते है।