Type Here to Get Search Results !

2 करोड़ 19 लाख 86 हजार 823 रूपये घंसौर जनपद क्षेत्र में 19 ग्राम पंचायतों ने नियम विरूद्ध किया आहरित

2 करोड़ 19 लाख 86 हजार 823 रूपये घंसौर जनपद क्षेत्र में 19 ग्राम पंचायतों ने नियम विरूद्ध किया आहरित 

बिना जनपद पंचायत सीईओ मनीष बागरी की भूमिका के इतनी बड़ी राशि का ग्राम पंचायतों द्वारा दुरूपयोग किया जाना संभव नहीं है


सिवनी/घंसौर। गोंडवाना समय।

अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत जनपद पंचायत घंसौर क्षेत्र में आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिये शासन द्वारा प्रदत्त शासकीय धनराशि में खुला डाका डालकर आदिवासियों के हक अधिकारों को शोषण करते हुये उनके हकों पर डाका डालने वाले जनपद पंचायत घंसौर के सीईओ मनीष बागरी ने लूटेरों का पूरा गिरोह बनाया हुआ है। शासकीय धनराशि को लूटकर डाका डालने के लिये लूटेरों के गिरोह के जनपद पंचायत सीईओ स्वयं सरगना बनकर गैंग बनाकर भ्रष्टाचार व लूटकाण्ड को अंजाम दे रहे है। लूटेरों की इस गैंग में कुछ प्रमुख तकनीकि अमला, कुछ ग्राम पंचायतों के सचिव, कुछ पंचायतों के जिम्मेदार को शामिल कर डकैती व लूट का खेल खेल रहे है। 

जिला पंचायत में नाक रगड़ने गिरोह के सदस्यों के साथ सीईओ ने निगरानी के लिये पहुंचवाया 


जनपद पंचायत घँसौर अंतर्गत 14 वां वित्त आयोग परफार्मेंस वर्ष 2017-2018 में जनपद पंचायत घंसौर की 19 ग्राम पंचायतों में प्राप्त राशि के कार्यों पर प्रतिबंध होने के पश्चात भी नियम विरूद्ध तरीके से राशि का आहरण कर लिया गया है। इसके लिये जिला पंचायत सीईओ द्वारा जनपद पंचायत सीईओ सहित समस्त जिम्मेदारों को कारण बताओं सूचना पत्र भी जारी किया गया है। इसके बाद लूटेरों व डाका डालने वालों में हड़कंप मचा हुआ है, सूत्र बताते है कि शुक्रवार को ही जिला पंचायत में माथा टेकने व नाक रगड़ने के लिये घंसौर जनपद पंचायत क्षेत्र के जिम्मेदारों को जनपद पंचायत सीईओ अपने हिसाब जवाब बनवाकर पेश करने के लिये गिरोह के प्रमुख सदस्यों को निगरानी के साथ में भेजा था ताकि जनपद पंचायत सीईओ अपने आप को बचाने में कामयाब हो जाये। 

राशि आहरण कर बिना भण्डार गृह नियम का पालन करते हुये कर लिया व्यय

जनपद पंचायत घंसौर की 19 पंचायतों में परफार्मेंस ग्रांट से बड़े पैमाने पर राशि आहरित कर नियम विरूद्ध कार्य प्रारंभ कराने की शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत की जांच हेतु जांच दल गठित किया गया था। जांच द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसके अनुसार जनपद पंचायत घंसौर की 19 ग्राम पंचायतों में शासन से प्राप्त कुल राशि लगभग 6 करोड़ 35 लाख 9 हजार 577 रूपये के विरूद्ध मनरेगा योजना से कन्वरजेंस किये बिना नियम विरूद्ध 4 करोड़ 75 लाख 44 हजार 500 रूपये की तकनीकि स्वीकृति जारी की गई तथा 4 करोड़ 20 लाख 41 हजार 500 रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति राशि जारी की गई। इतना ही नहीं लुटेरों व डाका डालने वाले गिरोह के सरगना की मुख्य भूमिका व संरक्षण में ग्राम पंचायतों द्वारा 2 करोड़ 19 लाख 86 हजार 823 रूपये नियम विरूद्ध आहरित भी कर लिया गया। सबसे विशेष बात यह है कि डाका डालने वालों ने जांच दल को जांच के समय अधिकांश वांछित दस्तावेज भी प्रदाय नहीं किया। गिरोह के सरगना जनपद पंचायत सीईओ मनीष बागरी के सरंक्षण में व मुख्य भूमिका निभाये जाने के चलते ग्राम पंचायतों द्वारा नियम विरूद्ध आहरण के उपरांत भी बिना भण्डार क्रय के नियमों का पालन करते हुये राशि का व्यय भी कर लिया गया।   

कार्य योजना का अनुमोदन जिला स्तर से भी नहीं कराया गया

शासकीय धनराशि में लूट करने एवं डाका डालने के लिये जनपद पंचायत सीईओ की मुख्य भूमिका होने के कारण किसी भी निर्माण कार्य में मनरेगा योजना से कन्वरजेंस नहीं किया गया। अपने घर की संपत्ति समझकर मनमर्जी से कार्य करते हुये कार्य योजना का अनुमोदन जिला स्तर से भी नहीं कराया गया। जिला पंचायत द्वारा जारी कारण बताओं सूचना पत्र में स्पष्ट शब्दों में यह उल्लेख किया गया है कि जनपद पंचायत घंसौर की 19 ग्राम पंचायतों में परफार्मेंस ग्रांट के संबंध में व्यापक दिशा निर्देश देने के पश्चात भी बड़े पैमाने पर नियम विरूद्ध कार्य कराये जाने से यह स्पष्ट है कि बिना जनपद पंचायत सीईओ की भूमिका के इतनी बड़ी राशि का ग्राम पंचायतों द्वारा दुरूपयोग किया जाना संभव नहीं है। 


 

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.