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घंसौर क्षेत्र में किसानों व ग्रामीणों को लूटने पटवारियों को मंथली 1 लाख रूपये देने दबाव बना रहे तहसीलदार रविन्द्र पारधी

घंसौर क्षेत्र में किसानों व ग्रामीणों को लूटने पटवारियों को मंथली 1 लाख रूपये देने दबाव बना रहे तहसीलदार रविन्द्र पारधी 

घंसौर के प्रभारी तहसीहदार रविन्द्र पारधी की कमीश्नर से हुई आडियो के साथ शिकायत 

अनुसूचित क्षेत्र घंसौर में पंचायती राज व राजस्व विभाग में लुटरों का चल रहा एकछत्र राज 


सिवनी/घंसौर। गोंडवाना समय। 

अनुसूचित क्षेत्र घंसौर ब्लॉक में शिवराज सरकार में शासकीय विभागों में भ्रष्टाचार सर चढ़कर बोल रहा है। सुशासन की बात भले ही सरकार कर रही हो लेकिन सरकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी ही विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे है। जनपद पंचायत व ग्राम पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार को जिला पंचायत सीईओ द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्र खोल रहा है तो वही राजस्व विभाग में अनुसूचित क्षेत्र के किसानों व ग्रामीणों को खुलेआम लूटकर मंथली 1 लाख रूपये एकत्र कर पटवारियों को देने के लिये प्रभारी तहसीलदार दबाव बना रहे है। इसकी कलई भी राजस्व विभाग के पटवारियों द्वारा मय प्रमाण के साथ की गई शिकायत पोल खोल रही है। इसके बाद भी सुशासन का भाषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। 

तहसीलदार को पटवारियों ने एकत्र करके 30 हजार नगद दिया

तहसील घंसौर क्षेत्र के पटवारियों संघ के द्वारा कमीश्नर को 25 अप्रैल को की शिकायत में उल्लेख किया गया है कि तहसीलदार रविन्द्र पारधी के द्वारा पटवारियों को मंथली 1 लाख रूपये वसूली करके देने के लिये दबाव बनाया जा रहा है। पटवारी रिश्वत लेने के कारण लोकायुक्त के हत्थे चढ़ने के बाद डरे सहमे से है। इसके बाद भी पटवारियों ने तहसीलदार रविन्द्र पारधी की रिश्वत की भूख को मिटाने के लिये 30 हजार रूपये नगद घंसौर तहसीलदार को दे चुके है। इसके बाद भी तहसीलदार की भूख शांत नहीं हो रही है इसके लिये पटवारियों पर दबाव बना रहे है कि इसे बढ़ाकर 50 हजार रूपये किया जाये। वहीं 30 हजार रूपये देने के बाद शेष बचे 20 हजार रूपये देने के लिये दबाव देते हुये पटवारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। 

शिवराज सरकार के सुशासन की खुल रही पोल 

तहसीलदार रविन्द्र पारधी के द्वारा पटवारियों को अकारण ही प्रताड़ित किया जाता है उनकी वेतन काट ली जाती है वेतन को रोक दिया जाता है। पटवारियों का वेतन जानबूझकर किसी भी माह में समय पर आहरित नहीं किया जाता है। पटवारियों पर किसानों व ग्रामीणों के राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों में पैसे वसूली करने के लिये बाद्धय किया जाता है। इससे यह तो स्पष्ट है कि राजस्व विभाग में किसानों व ग्रामीणों को लूटने के लिये तहसीलदार ही मजबूर कर रहे है। इस आधार पर किसान व ग्रामीणजन किस तरह अपना कार्य राजस्व विभाग में करते होंगे यह विचारणीय प्रश्न है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भोपाल से बैठकों में एवं कार्यक्रमों के दौरान अपने भाषण में भ्रष्टाचार और रिश्वत को लेकर दिशा निर्देश दे रहे है। वहीं ग्रामीणों, गरीबों का कार्य व किसानों का कार्य आसानी होना चाहिये वहीं इसके लिये लोकसेवकों की भूमिका साफ स्वच्छ व ईमानदार की होनी चाहिये कह रहे है लेकिन जिस तरह से तहसीलदार रविन्द्र पारधी घंसौर क्षेत्र के पटवारियों को मजबूर कर रहे है और उन्होंने यदि 30 हजार रूपये एकत्र करके भी दिया है तो वह किस तरह एकत्र करके दिये होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। 

कमीश्नर ने जबलपुर कलेक्टर को बनाया जांच अधिकारी 

पटवारियों द्वारा कमीश्नर को दी गई शिकायत मिलने के बाद इस संबंध में जबलपुर कलेक्टर को जांच अधिकारी बनाकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है। अब देखना होगा कि जबलपुर कलेक्टर इस मामले में घंसौर तहसीलदार के पैसे मांगने के आॅडियों प्रमाणित शिकातय के साथ उपलब्ध होने पर किस तरह कार्यवाही करते है। 


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