पिता ने ही मासूम बालिका के साथ किया घिनौना कृत्य, आजीवन कारावास की हुई सजा
रक्षक के द्वारा ही भक्षक बनकर मासूम बालिका के साथ घिनौना कृत्य किया गया
पुलिस थाना लखनवाड़ा जिला सिवनी का मामला इस प्रकार है कि पीड़िता ने प्रथम सूचना रिपोर्ट 06 अगस्त 2019 को लेखबद्ध कराई थी कि लगभग 01 वर्ष से लगातार उसके पिता के द्वारा उसके साथ जबरदस्ती गलत काम करते थे, पीड़िता के द्वारा बताया गया कि जब भी घर में उसकी मम्मी नहीं होती है जब उसके पापा उसके साथ गलत काम करते थे और धमकी देते थे कि यदि तुने ये बात घर में किसी को भी बतायी तो तुझे जान से मार दुंगा और तेरी मम्मी को भी जान से मार दूगां, तब उसने डर के कारण ये बात किसी को नही बताई।
पीड़िता की सूचना पर पुलिस थाना लखनवाड़ा द्वारा दर्ज किया गया अपराध
वहीं दिनांक 17 जून 2019 को सुबह करीब 4 से 5 बजे पीड़िता के पापा उसे खीच रहे थे तब वह उठ गई और उसने अपने भाई को चिमटी लगाकर उठा दी फिर मेरी मम्मी भी थोड़ी देर बाद उठ गई मैने मम्मी को दूसरे दिन रात में सोते समय सारी बात बताई, दिनांक 04 अगस्त 2019 को जब पीड़िता ने अपनी मम्मी को उसके मामा के घर से आने के लिए फोन किया और बोला कि पापा मेरे साथ फिर रात में गलत काम कर रहे थे और बोल रहे थे कि तुने ये बात सबको बतायी है और कहा अभी तक तो मैंने ज्यादा कुछ नही किया अब इससे भी ज्यादा करूगां, पीड़िता की सूचना पर पुलिस थाना लखनवाड़ा द्वारा अपराध क्रमांक 264/2019 पंजीबद्ध कर दिनांक 07/08/2019 को अभियुक्त को गिरफतार किया गया तब से वह जेल में है।
श्रीमति दीपा ठाकुर विशेष लोक अभियोजक द्वारा पेश किये सबूत व गवाह
माननीय न्यायालय में उक्त प्रकरण के संबंध में हुई सुनवाई को लेकर जानकारी देते हुये श्री प्रदीप कुमार भोरे, प्रभारी मीडिया सेल, जिला सिवनी ने बताया कि विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायाधीश (पाक्सो), जिला सिवनी के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मामले में शासन की ओर से श्रीमति दीपा ठाकुर, जिला अभियोजन अधिकारी/विशेष लोक अभियोजक के द्वारा विशेष रूचि लेकर गवाहों एवं सबूतों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया एवं तर्क दिया गया कि अभियुक्त जो पीड़िता का पिता है उसके द्वारा मासूम पीड़िता के साथ बार-बार ऐसा घिनौना कृत्य किया गया और एक पिता के द्वारा ऐसा कृत्य किया जाना समाज में एक बुरे परिणाम की ओर इंगित करता है, एक पिता रक्षक होता है अपनी बेटी का यदि रक्षक ही भक्षक बन जाए तो मासूम बच्चियां सुरक्षित नहीं रह पायेगी, जिला अभियोजन अधिकारी सिवनी के सबूतो एवं तर्को से सहमत होते हुए आज दिनांक 12 मार्च 2022 को निर्णय पारित करते हुए आरोपी धारा-376(2)(एफ) भा0द0वि0 में आजीवन कारावास जो शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए होगा एवं 5000 रुपए अर्थदण्ड एंव धारा 376 (2)(एन) भा0द0वि0 में आजीवन कारावास जो शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए होगा एवं 5000 रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 5 (एन) सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 में आजीवन कारावास जो शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए होगा एंव 5000 रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।