मण्डला जिले के 2 सांसदों और 3 विधायकों की रीढ़ की हड्डी अगर सीधी होगी तो बहुत जल्द फूलसागर में फुलकुंवर मरावी जी की भव्य प्रतिमा स्थापित हो जायेगी-अनिल सिंह धुर्वे
गोंगपा युवा मोर्चा ने महारानी फुलकुंवर मरावी जी का बलिदान दिवस कार्यक्रम मनाया
मण्डला। गोंडवाना समय।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी युवा मोर्चा जिला इकाई मंडला के द्वारा 20 मार्च 2022 को रायपुर-जबलपुर मुख्य मार्ग में स्थित फूलसागर कस्बे में 1857 की क्रांति में शहीद गोंडवाना की वीरांगना महारानी फूलकुंवर मरावी जी का बलिदान दिवस मनाया गया। बलिदान दिवस कार्यक्रम आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुये गोंडवाना समय समाचार पत्र से चर्चा करते हुये गोंडवाना गणतंत्र पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल सिंह धुर्वे ने कहा कि यदि मंडला जिले के दोनों सांसदों और तीनों विधायकों की रीढ़ की हड्डी अगर सीधी होगी तो बहुत जल्द ही फूलसागर में गोंडवाना की वीरांगना महारानी फूलकुंवर मरावी जी का भव्य प्रतिमा स्थापित हो जायेगी।
कविता लिखने की सजा तोप के मुंह में बांधकर उड़ाना हों
इस दौरान आयोजित बलिदान दिवस कार्यक्रम में जानकारी देते हुये गोंगपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल सिंह धुर्वे ने उपस्थित जनसमुदाय को जानकारी देते हुये बताया कि महारानी फूलकुंवर मरावी जी गोंडवाना साम्राज्य के अंतिम शासक महाराजा शंकर शाह मरावी जी की जीवनसंगिनी व कुंवर रघुनाथ शाह जी की मां थी। मध्य भारत में दहशत फैलाने के उद्देश्य से 18 सितंबर 1857 को महाराजा शंकर शाह मरावी जी व कुंवर रघुनाथ शाह मरावी जी को अंग्रेजों के द्वारा तोप के मुंह में बांधकर उड़ा दिया था। विश्व इतिहास में शायद ही ऐसा कोई प्रमाण हो जिसमें कविता लिखने की सजा तोप के मुंह में बांधकर उड़ाना हों ऐसी भयावह सजा महाराजा शंकर शाह मरावी जी और कुंवर रघुनाथ शाह मरावी जी को अंग्रेजों के द्वारा दिया गया था। धन्य हैं गोंडवाना के वो शेर जो हंसते-हंसते तोप के मुंह में बंधकर जान देना स्वीकार किये लेकिन गोंडवाना के आन-बान-शान व मान-सम्मान-स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नहीं किये।
रणचंढ़ी बनकर समरभूमि में कूद पड़ी
गोंडवाना की राजमाता फूलकुंवर मरावी जी ने दिवंगत महाराजा शंकर शाह मरावी जी और कुंवर रघुनाथ शाह मरावी जी के शवों के टुकड़ों को एकत्रित कर उनका अंतिम संस्कार किया और अपने आंसुओं को दहकते हुए लावे में परिवर्तित कर गोंडवाना की आन-बान-शान और मान-सम्मान-स्वाभिमान की रक्षा हेतु रणचंढ़ी बनकर समरभूमि में कूद पड़ी।
9 अगस्त को फूलसागर में फुलकुंवर मरावी की प्रतिमा का किया गया था भूमिपूजन
गोंडवाना के वीरांगना महारानी फूलकुंवर मरावी जी के इतिहास के बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन पिछले वर्ष जब मैं 1अगस्त 2021 से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी युवा मोर्चा के तत्वावधान में गोंडवाना राज्य संकल्प यात्रा के दौरान नौ दिनों तक मंडला जिले के कोने-कोने में गया, हजारों लोगों से मिला खासकर मंडला, निवास, नारायणगंज, बीजाडांडी क्षेत्र में तब मुझे गोंडवाना की वीरांगना महारानी फूलकुंवर मरावी जी के इतिहास की तपिश महसूस हुई। वहीं 7 अगस्त 2021 को निवास क्षेत्र का भ्रमण करने के पश्चात वापस मंडला आ रहा था तब फूलसागर में 8 अगस्त 2021 को नारायणगंज क्षेत्र भ्रमण तथा कुडामेली गांव में खेतिहर किसान मजदूर दिवस मनाने की तैयारी संबंधी बैठक में रहा। मेरे साथ में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी भाई बिसन उईके, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मध्यप्रदेश इकाई के प्रदेश सचिव समारू सिंह मरावी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी युवा मोर्चा जिला इकाई मंडला के जिला अध्यक्ष भाई संतोष परस्ते भी साथ में रहें। फूलसागर में ही यह निर्णय लिया गया कि यहां पर 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के सुअवसर पर गोंडवाना की महारानी फूलकुंवर मरावी जी की प्रतिमा निर्माण के लिए भूमिपूजन किया जाना चाहिए। वहां से हम लोग गोंडवाना भूमक संघ मंडला के जिला अध्यक्ष दादा जालम सिंह उइके जी के गांव गये तथा उनको हमारे आने का उद्देश्य से अवगत कराये। 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के सुअवसर पर हजारों लोगों की उपस्थिति में फूलसागर में गोंडवाना की वीरांगना महारानी फूलकुंवर मरावी जी के प्रतिमा के लिए भूमिपूजन का कार्य किया गया। मुझे गर्व है कि उस अविस्मरणीय क्षण का मैं भी गवाह हूं और दावे के साथ कहता हूं कि गोंडवाना राज्य संकल्प यात्रा अपने अंजाम तक एक दिन जरूर पहुंचेगी।
अब भी ना समझें तो पुरखों का स्वाभिमान गंवा दोगे
गोंडवाना की आन-बान-शान और स्वाभिमान के प्रतीक महाराजा संग्राम शाह मरावी जी कुंवर रघुनाथ शाह मरावी जी के शहादत के बाद भी गोंडवाना के गौरव को झुकने ना देने वाली वीरांगना महारानी फूलकुंवर मरावी जी को उनकी पुण्यतिथि पर नतमस्तक सेवा जोहार करते हुये गोंगपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल सिंह धुुर्वे ने कहा कि सारी दुनियां में गोंडवाना की तुम पहचान गंवा दोगे, और दलालों के चक्कर में अपना मान गंवा दोगे। सारा सत्य सामने हैं अब तो अपनी आंखें खोलो, अब भी ना समझें तो पुरखों का स्वाभिमान गंवा दोगे।