मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओबीसी आरक्षण 27%. सम्बंधी विधेयक को 9 वीं अनुसूची में डालने की याचना राष्ट्रपति से करें-डॉ आनंद राय
ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ आनंद राय ने ओबीसी वर्ग के हक अधिकार को लेकर उठाई आवाज
इंदौर। गोंडवाना समय।
मध्यप्रदेश में पंचायती चुनाव को लेकर ओबीसी वर्ग को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट में दिये गये निर्णय और निवार्चन आयोग द्वारा लिये गये निर्णय वहीं इस मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री व सरकार के वकील के द्वारा की गई कार्यवाही को लेकर डॉ आनन्द राय, राष्ट्रीय प्रवक्ता ओबीसी महासभा ने ओबीसी वर्ग के हित में सवाल उठाने के साथ सुझाव देते हुये कहा है कि अगर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा ईमानदारी से चुनाव कराने की होती तो वह वर्ष 2019 के नियम से (आरक्षण रोस्टर) चुनाव कराते न कि वर्ष 2021 में दोषपूर्ण अध्यादेश लाते।
क्या वर्ष 2014 के अध्यादेश से वर्ष 2021 में चुनाव सम्भव थे, जबकि पंचायती राज अधिनियम में प्रत्येक 5 वर्ष में आरक्षण की चकरी घुमाने का नियम है। भाजपा ने नव सृजित 1200 पंचायते भंग कर दी थी, जाहिर है इन परिस्थिति में लोग इस दोषपूर्ण अध्यादेश को हाइकोर्ट में चुनोती देते और हुआ वही, चुनाव टालने का ठीकरा कांग्रेस पर मढ़ा गया।
ओबीसी महासभा के दवाब में 17 दिसम्बर के आदेश को रिकॉल करने की याचिका दाखिल की गई
इस नूराकुश्ती में सुप्रीमकोर्ट द्वारा महाराष्ट्र के संदर्भ में ओबीसीआरक्षण खत्म करने को लेकर 15 दिसम्बर को दिया गया आदेश मप्र में भी लागू करने के निर्देश चुनाव आयोग और भारत/मप्र सरकार के वकील तुसार मेहता को दिए गए। जिस पर उन्होंने कोर्ट में सहर्ष सहमति जता दी, यही से मामला बिगड़ गया। अब ओबीसी महासभा के दवाब में 17 दिसम्बर के आदेश को रिकॉल करने की याचिका दाखिल की गई, जिसमे टं७ १ी’्रीा यह मिल सकती है कि ओबीसी वर्ग को 50% के नीचे जितनी सीट एसटी, एससी को आबादी के अनुरूप आरक्षण देने के बाद बची (खुरचन) वह दे दी जाए, लेकिन वह सरपँच में मात्र 1% ही है, क्या हम ओबीसी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय ट्रिपल टेस्ट के रास्ते आबादी के अनुरूप आरक्षण मिल सकता है ? इसका जवाब ना है, कतई नहीं तो फिर हम उस रास्ते पर जा ही क्यों रहे है जिस रास्ते से ओबीसी को न्याय नहीं मिलेगा। इसलिए एकमात्र विकल्प है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ओबीसी आरक्षण 27%. सम्बंधी विधेयक को 9 वीं अनुसूची में डालने की याचना राष्ट्रपति से करें।
2 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास घेरेगा ओबीसी महासभा
आगे जानकारी देते हुये ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ आनंद राय ने बताया कि पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को दरकिनार किये जाने एवं उनके हक अधिकार के साथ ही ओबीसी वर्ग को जनंसख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व नहीं दिेय जाने को लेकर माननीय न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय व मध्य प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली से ओबीसी वर्ग में निराशा व्याप्त है।
ओबीसी वर्ग अपने संवैधानिक हक अधिकारों को लेकर 2 जनवरी 2022 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आवास का घेराव कार्यक्रम करने की तैयारी ओबीसी महासभा के बैनर तले करने जा रही है। जिसमें जयस, भीमआर्मी अन्य सामाजिक संगठनों का समर्थन भी ओबीसी महासभा को मिल रहा है। इसके लिये व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। ओबीसी महासभा इस बार भोपाल में मुख्यमंत्री आवास घेरकर अपनी जनसंख्या के हिसाब से हिस्सेदारी तय करने के लिये ओबीसी वर्ग की ताकत का एहसास सरकार को करायेगी।