अलोनिया टोल नाका में खुली लूट, डकैती व गुण्डा टैक्स वसूली का श्रेय जनता किस जनप्रतिनिधि को देगी
सिवनी। गोंडवाना समय।
जिले के जागरूक और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के रहते हुये भी जनता से अलोनिया टोल नाका में अवैध रूप से गुण्डा टैक्स वसूलकर खुली डकैती डाली जा रही थी। अलोनिया टोल नाका में गुण्डों की फौज के आगे जनता लुटती और पिटती रही वहीं जनप्रतिनिधि और उनके पासधारी चेलेचपाटे मुफ्त की सुविधा पाकर चुपचाप टोल नाका से निकलते रहे, इसलिये उनकी जेब पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
वहीं पैसा देकर टोल से निकलने वाले वाहन मालिक व जनता को खुलेआम लुटकर उनके जेब में डाका डालकर डकैती किया जा रहा परंतु उन्हें कोई रोक नहीं पाया। यह हम नहीं कह रहे है यह श्रेय लेने वाले जनप्रतिनिधियों की विज्ञप्ति में ही उल्लेख है कि अलोनिया टोल नाका अवैध रूप से एवं नियम विरूद्ध संचालित हो रहा है। सवाल यह उठता है कि आखिर किसके संरक्षण में सरकार, शासन, प्रशासन के रहते अलोनिया टोल नाका पर गुण्डा टैक्स की वसूली डकैती डालकर की जा रही थी।
जनप्रतिनिधियों की जागरूकता ओर जिम्मेदारी के कारण ही अलोनिया टोल टैक्स पर जनता खुलेआम लुटती ओर पिटती रही
सिवनी जिले के जनप्रतिनिधियों की जागरूकता और जिम्मेदारी के लिये सिवनी जिले की जनता ही नहीं नेशनल हाईवे से आवागमन कर अलोनिया टोल पर टैक्स देकर निकलने वाले समस्त लोगों को नतमस्तक होकर प्रणाम करना चाहिये क्योंकि इनकी जागरूकता ओर जिम्मेदारी के कारण ही अलोनिया टोल टैक्स पर जनता खुलेआम लुटती ओर पिटती रही। जनता पर खुलेआम धड़ल्ले से डाका डाला जाता रहा और जनप्रतिनिधि अपनी व अपनों को मुफत आवागमन की सुविधा दिलाकर चुपचाप देखते रहे।
वहीं अलोनिया टोल नाका की जब पोल सिवनी के वकील रविन्द्रनाथ त्रिपाठी ने खोली तो उसके बाद जिले के जागरूक और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों का जमीर जाग गया, जैसा कि श्रेय लेने की भूख नेताओं को होती है उस भूख को मिटाने के लिये भी सबसे आगे हम है की तर्ज पर लेखा जोखा प्रस्तुत कर रहे है।
जबकि सच तो यह है कि इन श्रेय लेने वाले जागरूक व जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के कारण ही अलोनिया में नियम के विरूद्ध टोल नाका चलता रहा, वहां पर अवैध रूप से वसूली यानि गुण्डा टैक्स वसूला जाता रहा, डकैती होती रही। अलोनिया टोल नाका में खुली लूट, डकैती, का श्रेय कौन जनप्रतिनिधि लेगा यह सवाल उठ रहा है क्योंकि जनता के मताधिकार से जीतने वाले जनसेवक जब अवैध टोल नाका का पता लगाने में फेल रहे तो इनसे सिवनी जिले के विकास की क्या उम्मीद की जा सकती है।