मुख्यमंत्री शिवराज मामा के विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी बालिकाएं छात्रावास में सुविधाओं को मोहताज
शासकीय एकलव्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था चकल्दी तहसील रेहटी जिला सीहोर में आदिवासी बालिका परेशान
समस्याओं से अवगत कराते है तो मारने पीटने की देते है धमकी एवं करते है अभद्र व्यवहार
साधना उईके गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष ने बयां की हकीकत
बुधनी/सीहोर। गोंडवाना समय।
मध्य प्रदेश के मामा यानि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी की बुधनी विधानसभा क्षेत्र व गृह जिले में आदिवासी भांजियां बालिकाएं जो कि शासकीय एकलव्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था चकल्दी तहसील रेहटी में अपना भविष्य बनाने के लिये समस्याओं से ग्रसित रहकर शैक्षणिक अध्ययन करने के लिये मजबूर है।
हालांकि डरी सहमी सी आदिवासी बालिकाओं ने अपनी परेशानी समस्या से संबंधित विभाग सहित जिला कलेक्टर तक पहुंचाने का प्रयास जरूर किया है लेकिन सुनवाई कुछ नहीं हो पाई। छात्रावास में परेशानी व समस्या का समाधान नहीं होने से नाराज होकर मामा शिवराज सिंह चौहान की भांजियों ने समाधान नहीं होने पर भूख हड़ताल पर बैठने का एलान तक कर दिया है।
मध्य प्रदेश के मामा श्री शिवराज सिंह चौहान जी को प्रदेश के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये छात्रावास में मिलने वाली सुविधाओं की हकीकत को जानने के लिये अपने ही विधानसभा क्षेत्र बुधनी के अंतर्गत छात्रावासों का निरीक्षण करना चाहिये।
वहीं जब मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के छात्रावास की ये हालत है तो प्रदेश के अन्य जिलों में छात्रावासों में एससी व एसटी वर्ग के विद्यार्थी सुविधाओं के लिये किस तरह मोहताज होंगे यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
आदिवासी छात्राओं ने समस्या व परेशानी से कराया अवगत
शासकीय एकलव्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था चकल्दी तहसील रेहटी जिला सीहोर में जब आदिवासी बालिकाओं की परेशानी की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली तो हकीकत जानने के लिये गोंड़वाना स्टूडेंट यूनियन महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष साधना उइके पहुंची तो वे वहां की वास्तविक स्थिति से रूबरू हुई। जहां पर उन्हें आदिवासी छात्राओं ने समस्या व परेशानी से भी अवगत कराया।
गंदगी का अंबार, शौचालय की स्थिति खराब
छात्रावास पहुँच कर देखा तो छात्रावास में समस्याओं का अंबार लगा हुआ था। पीने की पानी की टंकियों की महिनों से सफाई नही हुई है। मजबूरी में वैसा ही पानी पीना पड़ रहा है। वहीं भोजन का मेनू चाट भी नही है। हॉस्टल के अंदर लाइट भी नही है। पर्याप्त टीचर भी नही है जिससे छात्रों की पढ़ाई में दिक्कत आ रही है।
छात्रावास के निरीक्षण के दौरान शौचालयों की स्थिति गंदगी से सरोबार दिखाई दी। जिसमें गर्ल्स छात्रावास के शौचालय और भी ज्यादा बेकार स्थिति है। जिनकी सफाई के लिए छात्रावास में कोई सफाई कर्मी नही है, ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को खुद सफाई करना पढ़ता है। इसके साथ ही मैन गेट पर सिक्यूरिटी गार्ड भी नही है जिससे छात्राएं अपने आप को असुरक्षित महसूस करती है।
प्रिंसिपल की भी नहीं सुन रहे अधिकारी, विद्यार्थी ने कहा हम करेंगे भूख हड़ताल
वहीं प्रिंसिपल श्री एस के मंडल का कहना है कि हॉस्टल की व्यवस्थाओं के लिए हम लोग निरन्तर प्रयास करते है और ये सारी व्यवस्थाएं आगे से रुकी हुई है, हमने बहुत से आवेदन भी किये है। वहीं छात्र व छात्राओं का कहना है कि अगर 3 दिवस के अंदर हमारी मांगे पूरी नही होती है तो हम विद्यार्थी भूख हड़ताल पर बैठेंगे और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी हम भूख हड़ताल से नही उठेंगे।
शिक्षकों की कमी होने से कोर्स पूर्ण नहीं हो पा रहा है
शासकीय एकलव्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था चकल्दी तहसील रेहटी जिला सीहोर में विद्यार्थियों की प्रमुख मांगे व समस्याओं का समाधान कराने के लिये उन्होंने जीएसयू प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ साधना उईके को इन समस्याओं से अवगत कराया है। जिसमें शिक्षकों की कमी होने से कोर्स पूर्ण नहीं हो पा रहा है, जब तक कोर्स पूर्ण ना हो जाए हमें रहने की अनुमति दी जाए, स्टेशनरी नहीं दी जा रही है और जो दी गई है उसके पैसे लिए गए हैं, फिटर वर्कशॉप में टूल्स की कमी है जिसके कारण प्रशिक्षण नहीं हो पाए, आईटीआई में एंप्लॉयबिलिटी स्किल के शिक्षक नहीं है, राष्ट्रीय त्योहार मनाने पर रोक लगाई जाती है और ना ही इसके लिए संसाधन उपलब्ध है।
बालिका छात्रावास में महिला अधीक्षक एवं सुरक्षा गार्ड नहीं है
आईटीआई में शिक्षक अपनी मर्जी के अनुसार आते जाते हैं, बाहर से आए छात्रों (200 से 300 कि .मी) को रहने एवं खाने की व्यवस्था नहीं दी जाती है, आईटीआई के परिसर में साफ सफाई ना होने से बाहरी जहरीले जीवो का खतरा बना रहता है, छात्रावास के आसपास लाइट की व्यवस्था नहीं है, छात्रावास में प्राथमिक उपचार हेतु कोई साधन नहीं है, बालिका छात्रावास में महिला अधीक्षक एवं सुरक्षा गार्ड नहीं होने से लड़कियां अपने आप को असुरक्षित महसूस करती है क्योंकि पहले भी लड़कियों के साथ कई घटनाएं हो चुकी है।
जिसका हमारे पास सबूत है
घर से हमारे परिजन माता-पिता मिलने आते हैं तो उनके बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है, आईटीआई में खेल के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं है, दैनिक जीवन में उपयोगी सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जाती जैसे बाल्टी , ब्रूस, साबुन, रजाई, गद्दे, बेड आदि कुछ विद्यार्थियों के पास उपलब्ध नहीं है, अगर हम किसी को अपनी समस्याओं से अवगत कराते हैं तो हमें मारने पीटने की धमकी एवं अभद्र व्यवहार किया जाता है। जिसका हमारे पास सबूत है। वहीं विद्यार्थियों की मांगों को (2 से 3 दिन) के अंदर पूरा नहीं किया जाता है तो समस्त छात्र-छात्राएं मिलकर जो भी कदम उठाएंगे उसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।