दादा हीरा सिंह मरकाम जी के गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन से देश भर के मूलनिवासियों में आई जागरूकता
गोंडवाना पुररूत्थान दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाई जायेगी दादा हीरा सिंह मरकाम जी की पुण्यतिथि-संतर वलारी
गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन के महानायक तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के महानायक तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक दादा हीरा सिंह मरकाम जी की पुण्यतिथि प्रतिवर्ष 28 अक्टूबर 2021 को गोंडवाना पुनरूत्थान दिवस के रूप में याद किया जायेगा।
दादा हीरा सिंह मरकाम जी ने पैदल चल-चलकर जागरूक करने का आंदोलन चलाया
देश में एकमात्र राजनेता रहे है दादा हीरा सिंह मरकाम जी जिन्होंने शहर से लेकर गांव-गांव तक पैदल चल-चलकर देश के शोषित, पीड़ित, अवसरों से वंचितों के समग्र विकास के लिये एक वैचारिक मंच खड़ा किया। जिसमें उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, व्यापार, जल, जंगल, जमीन, स्वच्छ पर्यावरण प्राकृतिक व्यवस्था प्रितस्थापित करने गांव, कस्बा, शहर में अपनी पहुंच बनाकर लोगों को जागरूक करने का आंदोलन चलाया।
दादा हीरा सिंह मरकाम जी ने गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन का बेहतर संचालन किया
भारतीय संविधान के प्रस्तावानुसार सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समानता प्राप्त कराने के लिये पेनवासी दादा हीरा सिंह मरकाम जी के द्वारा गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन का निर्माण कर उसके अनुशांगिक संगठनों के कार्य को विभाजित करते हुये धार्मिक ईकाई, राजनैतिक ईकाई, समाजिक ईकाई, शैक्षणिक ईकाई, स्वास्थ्य ईकाई, सांस्कृतिक ईकाई, साहित्य ईकाई, व्यापारिक ईकाई, कृषि ईकाई इत्यादि के माध्यम से गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन का बेहतर संचालन कराया गया। जिससे देश भर के मूलनिवासियों में बड़े पैमाने पर जागरूकता आई है।
गोटूल आधारित शैक्षणिक संस्थाएं प्रारंभ करना दादा हीरा सिंह मरकाम जी की प्राथमिकता रही है
भारतीय संविधान की मूल भावनाओं के अनुरूप देश की व्यवस्था संचालित करने की विचारधारा के साथ रोजगार मूलक शिक्षा के लिये जगह-जगह गोटूल आधारित शैक्षणिक संस्थाएं प्रारंभ करना दादा हीरा सिंह मरकाम जी की प्राथमिकता रही है। भ्रष्टाचार मुक्त, रोजगारयुक्त, समृद्धशाली समाज की परिकल्पना को लेकर गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन की राजनैतिक ईकाई में भी दादा हीरा सिंह मरकाम जी के द्वारा सभी जाति धर्म समुदाय के कार्यकर्ताओं को यथोचित दायित्व प्रदान कर भ्रष्टाचारमुक्त संगठन बनाये रखने हेतु संकल्पि होने के लिये प्रशिक्षित करते रहे है क्योंकि दादा हीरा सिंह मरकाम जी हमेशा हर वर्ग के उत्थान के लिये संघर्ष करते रहे है।
जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी
दादा हीरा सिंह मरकाम जी ने पार्टी संविधान में भी स्पष्ट कहा है कि जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी इसी भावना से ओत प्रोत दादा हीरा सिंह मरकाम जी देश में ऐसे एकमात्र राजनेता रहे है, जिन्होंने भूखे-प्यासे पैदल चल-चलकर गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन को सफलता की ऊंचाईयों तक लड़ते-लड़ते देश के करोड़ों युवा नौजवानों के कंधों पर आंदोलन की जिम्मेदारी सौंपते हुये दिनांक 28 अक्टूबर 2020 को हमें अलविदा कह गये। ऐसे महान समाजिक राजनैतिक महापुरूष पेनवासी दादा हीरा सिंह मरकाम जी की पुण्यतिथि प्रत्येक वर्ष संपूर्ण गोंडवाना भू-भाग में गोंडवाना पुनरूत्थान दिवस के रूप में दादा हीरा सिंह मरकाम जी को याद करेंगे। इसी यादगार के रूप में देश के सर्व उत्थान की कार्ययोजना तय की जायेगी।