गांव-गांव पहुंच रही देशी विदेशी शराब के खिलाफ सरपंच संघ ने खोला मोर्चा
सरपंच संघ ब्लॉक शाखा घंसौर लिखा जिला आबकारी अधिकारी के नाम पत्र
सिवनी/घंसौर। गोंडवाना समय।
पुलिस प्रशासन व आबकारी विभाग की अनदेखी के कारण घंसौर विकासखंड की 77 ग्राम पंचायत क्षेत्रों में अवैध रूप से बिना लाइसेंस के चल रही अंग्रेजी व देशी शराब के ठेकों पर शाम से ही दारू पीने वालों का जमघट लगना शुरू हो जाता है। पीने के बाद बेमुल्क नबाब दारूबाज गांव में आने जाने वाले बुजुर्गो के साथ अभद्र व्यवहार शुरू करते हैं। वहीं गांव की बहिन बेटियों के साथ छेड़छाड़, अश्लील हरकतें व आवाजकशी करने से नहीं चूकते हैं, जिससे गांव की शांतिभंग होने का खतरा पैदा हो गया है। वहीं इन दारूबाजों की नाजायज हरकतों को देखकर ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है।
देशी व विदेशी शराब परचून की दुकानों पर आसानी से मिल जाती है
हालांकि शराब बेचने वालों और पीकर गांव में शांति को पलीता लगाने वालों की शिकायतें संबंधित विभाग से अनेकों बार गांव के संभ्रांत नागरिकों ने की है परंतु स्थिति जस की तस है। इस धंधे से जुड़े लोगों ने हथकंडे अपनाये हैं। शराब की ज्यादा से ज्यादा बिक्री और लोगों को आसानी से उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी ठेके की तर्ज पर दुकानों पर माल रखा है। देशी व विदेशी शराब परचून की दुकानों पर आसानी से मिल जाती है। इससे जहां एक ओर ग्रामीण आदिवासी अंचलों व उपनगरीय क्षेत्रों का माहौल खराब हो रहा है वही दूसरी ओर युवा पीढ़ी नशे की लत की आदी होती जा रही है।
गांव-गांव पहुंचाई जा रही शराब को किया जाये बंद
ऐसा भी नहीं है कि शराब के अवैध कारोबार की जानकारी आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन को न हो लेकिन स्थानीय प्रशासन में अपनी सुस्ती व नाकामी का ही परिचय दे रहा है। सरपंच संघ अध्यक्ष जनपद पंचायत घंसौर सुखदेव पन्द्रे ने कहा कि अगर ठेकेदार के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में पेकारी की माध्यम से देशी एवं विदेशी शराब गांव-गांव पहुंचाई जा रही है अगर वह बंद नहीं करते हैं तो मैं और हमारा संगठन उग्र आंदोलन करने के लिए बाद्धय रहेगा।