रिश्वत खाने के लिये मूल आवेदन ही बदलकर कर दिया आगनवाड़ी सहायिका की भर्ती
महिला बाल विकास विभाग घंसौर का कारनामा
सिवनी। गोंडवाना समय।
महिला बाल विकास विभाग बनाम भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जाना बहुत ही आसान है। इस विभाग में अधिकारियों की चतुराई के आगे अच्छे अच्छे आईएएस अधिकारी भी नतमस्तक होते हुये नजर आते है। कहने को तो महिला एवं बालको विकास करने के लिये विभाग बना हुआ है परंतु यदि प्रमुख अधिकारी की ही बात करें तो बिना कमीशन खाये कोई भी योजनायें धरातल पर संचालित नहीं होने देते है। विभाग में आगंनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की भर्ती के मामले में प्रमुख अधिकारी और परियोजना अधिकारी इतनी सफाई से उसका चयन कर देते है जो उनकी अर्थलिप्सा पूरी कर देते है। ऐसा ही एक मामला सिवनी जिले के घंसौर परियोजना अंतर्गत आंगनवाड़ी सहायिका की भर्ती में फर्जीवाड़ा किया गया है। इस संबंध में आवेदिका ने कलेक्टर सिवनी को जांच हेतु शिकायत भी किया है।
आवेदिका सरोज पंद्रे ने ये दस्तावेज किये थे जमा
आवेदिका सरोज पन्द्रे पति सुखदेव पन्द्रे जाति गोंड, ग्राम रमपुरी पो. मेहता, तहसील-थाना घंसौर जिला सिवनी की स्थाई निवासी है। इनके द्वारा आंगनवाड़ी सहायिका के पद हेतु आवेदन परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना घंसौर, जिला सिवनी के समक्ष 03.03.2010 को प्रस्तुत किया गया था। जिसमें आवेदिका के द्वारा अपने आवेदन पत्र के समर्थन में समस्त अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तुत किये गये थे जिसमें सर्वप्रथम कक्षा पांचवी, आठवीं, दसवीं एवं बारहवी उत्तीर्ण की अंकसूची के साथ जाति प्रमाण पत्र, मूलनिवासी प्रमाण पत्र, बीपीएल राशन कार्ड, जिला रोजगार पंजीयन, मतदाता सरल सूची, ग्राम पंचायत का प्रमाण पत्र, उपजाित/विवाह संबंधी जानकारी का शपथ पत्र, प्रस्तुत किया गया था।
बीपीएल के अंक आवेदिका सरोज पंद्रे को नहीं दिये गये
वहीं परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना घंसौर, जिला सिवनी के द्वारा आंगनवाड़ी सहायिका के चयन हेतु तुलनात्मक चार्ट एवं वरीयता सूची ग्राम पंचायत रमपुरी के आंगनवाड़ी केन्द्र रमपुरी की सूची जारी की गई, जिसमें प्रथम स्थान अनावेदिका सविता महले पति हरवंश सिंह को प्रदान किया गया, वहीं दूसरा स्थान आवेदिका सरोज पन्द्रे पति सुखदेव पन्द्रे को दिया गया। वहीं आंगनवाड़ी सहायिका के चयन हेतु तुलनात्मक चार्ट एवं वरीयता सूची ग्राम पंचायत रमपुरी के आंगनवाड़ी केन्द्र रमपुरी की जारी सूची का अवलोकन करने पर पता चलता है कि अनावेदिका सविता महले को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा छल किया गया है। जबकि आवेदिका सरोज पंद्रे बारहवीं उत्तीर्ण है, बीपीएल धारक है लेकिन बीपीएल के अंक आवेदिका को नहीं दिये गये।
चयन समिति में एसडीएम के हस्ताक्षर पद मुद्रा अंकित नहीं है
वहीं आंगनवाड़ी सहायिका के चयन हेतु तुलनात्मक चार्ट एवं वरीयता सूची का अवलोकन करने पर यह भी पता चलता है कि चयन समिति के अध्यक्ष अनुविभागीय अधिकारी राजस्व घंसौर जिला सिवनी के हस्ताक्षर पद मुद्रा नाम के अंकित नही है। हस्ताक्षर बनावटी है, इसी प्रकार जनपद सदस्य, जनपद पंचायत केवलारी के हस्ताक्षर अंकित है, जबकि जनपद पंचायत घंसौर का मामला है। यह कि आंगनवाड़ी सहायिका के चयन हेतु तुलनात्मक चार्ट एवं वरीयता सूची में टीप-क्रं.1 की आवेदिका सविता/हरवंश की योग्यता सर्वाधिक होने के कारण चयनित लिखा हुआ है। जबकि आवेदिका सरोज पन्द्रे सर्वाधिक योग्यता रखती है।
आवेदन पत्र में हेर-फेर कर गलत दर्ज कर दिया बीपीएल नंबर
वहीं आवेदिका सरोज पंद्रे के आवेदन पत्र से बीपीएल कार्ड अलग कर सूची में गलत क्रमांक-074205 अंकित किया गया है जबकि आवेदिका का बीपीएल कार्ड क्रमांक-074005 है, जिसका पूरक सर्वे सूची क्रमांक-13/14 दर्ज है, इस प्रकार आवेदिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में हेर-फेर कर गलत दर्ज किया गया है, जिससे अनावेदिका पक्ष सविता/हरवंश को लाभ पहुंचाया जा सके।
आपत्ति पर नहीं की गई कोई सुनवाई
वहीं आवेदिका सरोज पंद्रे के पास आवेदन जमा दिनांक 03.03.2010 की प्राप्त पावती है, जिसमें बीपीएल कार्ड जमा किये जाने का उल्लेख है। वहीं आवेदिका के द्वारा उक्त संबंध में दिनांक 15.06.2010 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व घंसौर जिला सिवनी के समक्ष एक आपत्ति सहायिका के पद पर नियुक्ति के संबंध में जांच किये जाने बाबद् प्रस्तुत किया गया था एक प्रति परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना घंसौर जिला सिवनी को संप्रेषित की गई थी, जिस पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
16 अगस्त 2021 को ली नकल पता चला सच
वहीं अनावेदिका सविता/हरवंश को जारी नियुक्ति आदेश क्रमांक-399/आ.बा./2010 दिनांक 20.09.2010 को निरस्त कर जांच किया जाना न्यायसंगत होगा क्योंकि आवेदिका सरोज पंद्रे के द्वारा पुन: दिनांक 16.08.2021 को अपने आवेदन पत्र की नकल ली गई तब इस सच्चाई का पता चला कि आवेदिका का आवेदन बदलकर दूसरा आवेदन लगाया गया था, जिससे आवेदिका को प्रथम स्थान प्राप्त ना हो सके।
अनावेदिका ने रोजगार पंजीयन का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत नही किया
जिसमें बीपीएल कार्ड का गलत क्रमांक अंकित किया गया, जिसके कारण आवेदिका को बीपीएल के 10 अंक प्राप्त नहीं हो पाये। आवेदिका के द्वारा रोजगार पंजीयन का जीवित प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया था, जो बारहवीं उत्तीर्ण से साथ है,जबकि अनावेदिका के द्वारा रोजगार पंजीयन का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत नही किया गया, वस्तुत: किसी भी शासकीय नौकरी पद हेतु रोजगार पंजीयन का जीवित प्रमाण पत्र होना आवश्यक होता है।
आंगनवाड़ी सहायिका की नियुक्ति को निरस्त किये जाने की मांग
वहीं आवेदिका सरोज पंद्रे ने कहा है कि माननीय न्यायालय के समक्ष अन्य दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने का अपना अधिकार सुरक्षित रखती है एवं समय आने पर प्रस्तुत करने तैयार है। इसलिये माननीय न्यायालय से आवेदिका ने निवेदन किया है कि आवेदिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन/अपील पत्र को स्वीकार कर अनावेदिका सविता/हरवंश को जारी आंगनवाड़ी सहायिका के पद, ग्राम पंचायत रमपुरी के आंगनवाड़ी केन्द्र रमपुरी में नियुक्ति आदेश क्रमांक-399/आ.बा./2010 दिनांक-20.09.2010 को निरस्त किये जाने की मांग की है।