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अंतिम संस्कार के लिये जाते है 8 किलोमीटर दूर, भील समुदाय की दशा मध्य प्रदेश में खराब

अंतिम संस्कार के लिये जाते है 8 किलोमीटर दूर, भील समुदाय की दशा मध्य प्रदेश में खराब 

गांव में धर्मशाला नहीं होने से ग्रामीण परेशान

भील सेना तहसील अध्यक्ष बदनावर ने की भवन की मांग 


अर्जुनखेड़ी/बदनावर। गोंडवाना समय।

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के बड़नगर तहसील के ग्राम पंचायत अमला गांव अर्जुनखेड़ी में लगभग 150 आदिवासी (भील समुदाय) परिवार निवास करते हैं। इस गांव में आज भी अंतिम संस्कार करने के लिए टीन चद्दर का सेट नहीं है।

शव को लाने ले जाने के लिये वाहन पर होता है अनावश्यक खर्च 

स्थिति तो यह है कि इस गांव में यदि किसी की मृत्यु हो जाती है तो अंतिम संस्कार के ल्एि लगभग 8 किलोमीटर दूर बदनावर लाया जाता है। जहां एक ओर परिवार का सदस्य दुनिया छोड़कर चला जाता है तो वहीं दूसरी ओर देहांत हो जाने उस परिवार की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो जाती है क्योंकि शव को अंतिम संस्कार व घर लाने ले जाने के लिये उनको वाहन में खर्च ज्यादा हो जाता है।

सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़ता है आर्थिक बोझ

वहीं गांव में धर्मशाला के अभाव में भी ग्रामीणों को बरसात के दिनों में समाजिक, सांस्कृतिक आदि अन्य कार्यक्रम करने के लिए अत्याधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उन्हें वाटर प्रूफ टेंट के कारण आर्थिक व्यय ज्यादा होता है जिससे कर्ज का अधिक भार पड़ता है और जैसे तैसे जुगाड़ करके अपने कार्यक्रम करते हैं। 

शासन प्रशासन से की समस्या के समाधान की मांग 


वहीं भील सेना तहसील अध्यक्ष भेरूलाल वसुनिया बदनावर ने भील समुदाय के सगाजनों की उक्त गंभीर समस्या को लेकर शासन प्रशासन से मांग किया है कि भील समुदाय की ऐसी ज्वलंत समस्याओं का त्वरित निराकरण कराया जाये ताकि भील समुदाय के सगाजनों को राहत मिल सके। 

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