जीवन पथ पाठ शालाओं में अध्यापन कार्य कराने के लिये भैया दीदी को दिया गया प्रशिक्षण
रतलाम। गोंडवाना समय।
जहां सरकार द्वारा संचालित किये जाने वाले सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होती जा रही है। सरकार की नीतियों के चलते और बढ़ते निजी स्कूलों की प्रतिस्पर्धा में ग्रामीण ही नहीं शहरी क्षेत्र के निर्धन परिवारों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिये परेशान होना पड़ता है।
वहीं सरकार, शासन, प्रशासन की ये स्थिति है कि सरकारी स्कूल में बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिये स्कूल चलों अभियान जैसे कार्यक्रम को चलाना पड़ रहा है। ग्रामीणा क्षेत्रों व शहरी क्षेत्रों में सरकारी स्कूल में बच्चों की प्रवेश संख्या कम होना बेहद चिंता का विषय है। वहीं निजी स्कूलों की प्रतियोगिता में निर्धन परिवारों को अपने बच्चों को शिक्षा दिला पाना अत्यंत कठिन साबित होता जा रहा है।
वहीं इसके साथ ही शैक्षणिक व्यवस्था में निजी व सरकारी स्कूलों में असमानता भी बच्चों के बीच में बढ़ती जा रही है। धनाढ्य और सक्षम परिवार जहां अपने बच्चों को अच्छी व उच्च शिक्षा दिलाने में आगे बढ़ते जा रहे है तो वहीं निर्धन परिवार कमजोर आर्थिक स्थिति होने के कारण शैक्षणिक प्रगति में कहीं न कहीं पिछड़ते जा रहे है। हालांकि बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम में निजी स्कूलों को भी कई बार सरकारी स्कूल के विद्यार्थी मात देते हुये नजर आते है।
वहीं रतलाम क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की शैक्षणिक नींव व आगामी भविष्य को मजबूत करने के लिये जीवन पथ पाठ शाला संस्था के माध्यम से सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक परिवर्तन के लिये धरातल पर कार्य करने वाले संस्थापक कमलेश डोडियार भील व उनकी सहयोगी सदस्यों के द्वारा नि:शुल्क प्रशिक्षण देने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके तहत बीते 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जीवन पथ पाठशाला का विधिवत शुभारंभ किया गया था। वहीं जीवन पथ पाठशाला में बच्चों को अध्ययन कराने के लिये दीदी भैया को भी प्रशिक्षण दिये जाने का कार्य स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रारंभ किया गया है।
प्रशिक्षण शिविर में 60 भैया-दीदी हुये शामिल
उक्त जानकारी देते हुये कालूराम आशीष मकवाना कार्यालय प्रभारी जीवनपथ पाठशाला संचालन समिति जिला रतलाम ने बताया कि 15 अगस्त को दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक जीवन पथ पाठशालाओं में बच्चों को पढ़ाने वाले भैया दीदी (शिक्षक) के लिए सैलाना के पास केदारेश्वर अडवानिया में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण शिविर में 60 जीवनपथ पाठशालाओं के भैया दीदी शामिल हुए।प्रशिक्षण शिविर में आचार संहिता, अनुशासन, पाठशाला संचालन, प्रबंधन व्यवस्था आदि पर प्रषिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कमलेश्वर डोडियार भील संस्थापक जीवनपथ पाठशाला ने दिया।