रेत माफियाओं में आपसी संघर्ष खूनी खेल की ओर अग्रसर, चिखली बना रेत के अवैध कारोबार का अड्डा
चिखली के रेत माफियाओं पर, शासन प्रशासन के निदेर्शों का नहीं हो रहा है असर
आखिर किसके संरक्षण में चल रहा है रेत का कारोबार ?
उगली। गोंडवाना समय।
सरकार किसी की भी आ जाये, सत्ता की कुर्सी में बैठकर मुख्यमंत्री समेत मंत्री व प्रशासनिक अधिकारी नदियों के संरक्षण को लेकर प्रतिबंध लगाये जाने का आदेश हवा हवाई में जारी किये जाने वाले निर्देशों का असर रेत माफियाओं पर होता ही नहीं है। रेत माफियाओं का कारोबार स्थानीय प्रशासन, संबंधित विभाग के अधिकारियों के संरक्षण फलता फूलता रहता है। हम आपको बता दे कि सिवनी जिले की जनपद पंचायत केवलारी की उप तहसील उगली से लगभग दो-तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम चिखली में अवैध तरीके से खुलेआम दिनदहाड़े और रात के अंधेरे में रेत का कारोबार अनवरत जारी है। इस दौरान रेत माफियाओं में आपसी संघर्ष होने की चर्चा भी उत्खनन क्षेत्र से निकलकर क्षेत्रिय नागरिकों सहित प्रशासन तक पहुंचती है। वहीं रेत माफियाओं का कारोबार के दौरान आपसी संघर्ष कहीं खूनी खेल के रंग में बदल जाये इसकी संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री व कलेक्टर को चुनौती दे रहे रेत माफिया
रेत माफियाओं के बेरोकटोक कारोबार को लेकर अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि आखिर किसके संरक्षण में अवैध तरीके से दिनदहाड़े रेत निकाल रहे हैं। आखिर कौन है जो माफियाओं का संरक्षक बनकर भूमिका निभा रहे ह ै? मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी चौथी पारी की कमान संभालते हुए कहा था कि मामा फार्म में चल रहे हैं किसी को नहीं छोड़ेगे। किसी भी प्रकार के माफिया हो सब को समाप्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही समय सीमा की बैठक में प्रत्येक सप्ताह सिवनी कलेक्टर भी अवैध उत्खनन करने वाले पर कार्यवाही के लिये खनिज विभाग को निर्देशित करते है। वही मुख्यमंत्री समेत विभागीय मंत्री भी कई बार कानून व प्रशासनिक मीटिंगों में अफसरों को माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देते रहते हैं लेकिन सिवनी जिला के ग्राम चिखली में रेत माफियाओं के अड्डा को देख कर ऐसा लग रहा है कि जैसे मुख्यमंत्री व कलेक्टर के आदेशों का रेत माफिया सिरे से नकार रहे है उन पर कोई असर ही नहीं पड़ रहा है। इससे ऐसा लगता है कि रेत माफिया मुख्यमंत्री व कलेक्टर को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं।