लकड़ी और बाँस उत्पादक किसानों को अब अनुज्ञा पत्र की होगी आॅनलाईन सुविधा
प्रायोगिक रूप से मध्यप्रदेश के अलावा तेलंगाना राज्य में होगी यह नई व्यवस्था
भोपाल। गोंडवाना समय।
प्रदेश के वन विभाग में लकड़ी और बाँस उत्पादक किसानों और परिवहन कतार्ओं को परमिट प्राप्त करने और नाके पर होने वाली कठिनाईयों को मद्देनजर अब अनुज्ञा पत्र आॅनलाईन के जरिए मिल सकेंगे। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नेशनल ट्रांजिस्ट पास सिस्टम के तहत प्रायोगिक रूप से मध्यप्रदेश और तेलंगाना राज्य का चयन किया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री रमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि परमिट जारी करने के लिए ह्लएप्लिकेशन एपह्व लाँच किया गया है। इसमें वनोपज व्यापारी और किसान लकड़ी-बाँस के अंतर्राज्जीय के साथ राज्य के भीतर परिवहन के लिए आॅनलाईन अनुज्ञा प्राप्त कर सकेंगे। आॅनलाईन यह सुविधा होने से वन विभाग के संबंधित कार्यालय में चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी। इसके साथ परिवहन लागत और समय की बचत से व्यापारियों को लाभ मिलेगा और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
नई व्यवस्था यह होगी
वन विभाग द्वारा विकसित ह्लएप्लिकेशन वेब पोर्टलह्व और ह्लमोबाईल एपह्व के माध्यम से लकड़ी और बाँस परिवहन के लिए आॅनलाईन पंजीकरण कर आवेदन कर ई-भुगतान प्रणाली से भुगतान भी कर सकेंगे। मोबाईल एप की मदद से मूल स्थान से गंतव्य स्थल तक राज्य की सीमाओं पर निर्वाध रूप से परिवहन किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि देश में लकड़ी, बाँस और अन्य वनोपजों के परिवहन अलग-अलग राज्यों के विभिन्न कानूनो और नियमों पर आधारित है। एक राज्य में जिस वनोपज को मुक्त रखा गया है वहीं दूसरे राज्य में इसके लिए अनुज्ञा पत्र प्राप्त करना आवश्यक है। इस व्यवस्था में बदलाव लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पारगमन पास प्रणाली लागू होने से पूरे भारत में एक परमिट की सुविधा प्रदान की जाएगी। वन बल प्रमुख श्री गुप्ता ने बताया कि इस प्रणाली के सफल क्रियान्वयन के लिए विभाग ने ट्रांजिस्ट नियमों में जरूरी संशोधन कर नए नियम राजपत्र में 13 मई 2021 को प्रकाशित कर दिए गए हैं। आॅनलाईन पंजीकरण और आवेदन से संबंधित समग्र जानकारी https://ntps.nic.in और https://mpforest.gov.in/Ho_Outer/LS_NTPS.aspx लिंक पर उपलब्ध है।