अनुसूचित क्षेत्रों में प्रशासन, पांचवी अनुसूची और आदिवासियों के कल्याण पर राष्ट्रपति से राज्यपाल ने की चर्चा
जनजातीय क्षेत्रों में पाँचवीं अनुसूची लागू करने व राज्यपालों की भूमिका पर की चर्चा
राज्यों में समय-समय पर ट्राइबल एडवायजरी कॉशिल बैठक हो और राज्यपाल से सलाह ली जाए
राज्यपाल ने राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से मुलाकात की
रायपुर/नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने 12 अगस्त 2021 दिन गुरूवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द से मुलाकात कर जनजातीय क्षेत्रों में पाँचवीं अनुसूची लागू करने एवं राज्यपालों की भूमिका सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
संविधान के पाँचवीं अनुसूची के प्रावधानों को लागू करने की बात कही
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान जनजातीय क्षेत्रों में संविधान के पाँचवीं अनुसूची के प्रावधानों को लागू करने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति से अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों में शासन करने के लिए संविधान की पाँचवीं अनुसूची के तहत राज्यपालों को दी गयी संवैधानिक शक्ति के प्रयोग के निर्देश दिये जाने का भी आग्रह किया।
आदिवासी सलाहकार समिति की प्रभावी भूमिका और जिम्मेदारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का किया अनुरोध
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने राष्ट्रपति से देश की अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और उन्नति के लिए भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के अनुसार आदिवासी सलाहकार समिति की प्रभावी भूमिका और जिम्मेदारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध भी किया।
जिसकी सलाह से आदिवासियों के विकास और कल्याण कि लिए नीतियां बनाई जाए
राज्यपाल ने राष्ट्रपति से कहा कि पिछले दिनों कुछ संस्थाओं ने ज्ञापन देकर आग्रह किया है कि राष्ट्रीय स्तर पर, राज्य स्तर पर तथ जिला स्तर पर नेशनल ट्राइबल कॉशिल, स्टेट ट्राइबल कॉशिल तथा डिस्ट्रीट आॅटोनोमश कॉशिल का गठन किया जाना चाहिए। जिसकी सलाह से आदिवासियों के विकास और कल्याण कि लिए नीतियां बनाई जाए और क्रियान्वित किया जाए। साथ में यह भी कहा कि पेसा कानून के अंतर्गत नियम बनाकर पूरी तरह क्रियान्वित किया जाए।
आदिवासियों के उपयोजना की राशि को आदिवासियों के विकास में पूरी तरह उपयोग किया जाए
राज्यों में समय-समय पर ट्राइबल एडवायजरी कॉशिल बैठक हो और राज्यपाल से सलाह ली जाए। इनकी सलाह से आदिवासी कल्याण के नीतियां बनाई जाएं तथा लागू किया जाए। संस्था ने यह भी आग्रह किया था आदिवासियों के उपयोजना की राशि को आदिवासियों के विकास में पूरी तरह उपयोग किया जाए। इसके अलावा राज्यपाल ने अन्य मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रपति को प्रतीक चिन्ह भेंट की।