आदिवासी समाज को शैक्षणिक दिशा में विशेष ध्यान देकर संगठित होने की है आवश्यकता
आदिवासी समाज के गौरवपूर्ण इतिहास व संस्कृति को सुरक्षित व संरक्षित करने निभाये भूमिका
मण्डला में इंजिनियरिंग कॉलेज प्रारंभ किया जाये ताकि तकनीकि शिक्षा के लिये बाहर न जाना पड़े
अंतराष्ट्रीय देशज दिवस पर नैनपुर में उत्सव के रूप में हर्ष व उमंगता के साथ मनाया गया त्यौहार
नैनपुर। गोंडवाना समय।
संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा व निर्णय अनुसार प्रतिवर्ष 9 अगस्त को इंटरनेशनल डे आॅफ द वर्ल्ड इंडीजेनस पीपुल्स आंतरराष्ट्रीय देशज दिवस मनाया जाता हैं। भारत में भी आदिवासी समाज के द्वारा पूरे भारत वर्ष में उत्सव व त्यौहार के में इस मनाया जाता है। इसी के तहत 9 अगस्त 2021 दिन सोमवार को नैनपुर नगर के कृषि उपज मंडी प्रांगण में नैनपुर में विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम उत्सव व त्योहार के रूप में मनाया गया। उत्सव का शुभारंभ बड़ादेव के पूजन अर्चन कर किया गया।
आदिवासी समाज के गौरवपूर्ण इतिहास से कराया अवगत
उत्सव के दौरान मंचासीन अतिथियों ने आदिवासी संस्कृति, आदिवासी समाज के महापुरूषों के गौरवपूर्ण इतिहास जिसमें आजादी के पहले एवं स्वतंत्रता संग्रम में महत्वपूर्ण योगदान देकर बलिदान देने वाले वीर योद्धाओं का इतिहास के साथ ही गोंडवाना शानसकाल के स्वर्णिम इतिहास के बारे में विस्तारपूर्वक उपस्थित जनसमुदाय को संदेश देते हुये अवगत कराया।
अंतराष्ट्रीय देशज उत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सांस्कृतिक नृत्य की भी प्रस्तुत की गई। उत्सव में नैनपुर विकासखंड के सभी ग्रामों से समाज के सगाजनों की मौजूदगी दिखाई दी।
आदिवासी संस्कृति पर आधारित झांकी रही आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम के दौरान मंच, कार्यक्रम स्थल, रैली में आदिवासी संस्कृति पर आधार परिधान व पौशाक में समाज के सगाजन दिखाई दिये, वहीं गोंडवाना शासन काल के गौरवपूर्ण इतिहास के रूप में रैली के साथ में सचित्र करते हुये दिखाया गया। आदिवासी संस्कृति पर आधारित झांकी की प्रस्तुति के नैनपुर के नगरवासियों व आवागमन करते हुये यात्रियों के लिये आकर्षक का केंद्र रही।
रैली में संस्कृतिक नृत्य की दिखी झलक, जयकारे से गूंजा नैनपुर
नैनपुर में आयोजित कार्यक्रम के पश्चात लगभग 3 किलोमीटर की रैली निकाली गई जिसमें कृषि उपज मंडी से लेकर सिवनी बालाघाट तिराहा तक डीजे साऊंड सिस्सम में आदिवासी संस्कृतिक गीत गायन के साथ रैली में माताएं, बहने, बुजुर्ग, युवाओं ने नृत्य करते हुये जयकारे लगाए। कार्यक्रम के नैनपुर नगर दौरान जय सेवा, जय बड़ा देव, जय जोहार के नारों से गुंज उठा। नैनपुर में आयोजित कार्यक्रम में समाजसेविका वंदना टेकाम, कमलेश गोंड, प्रदीप परते, लाल सिंह, टेकचंद परते, समाजसेवी जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक की उपस्थिति रही।
मेडिकल कॉलेज का नाम रानी फुलकुंवर रखा जाये एवं राजा दलपत शाह जी की प्रतिमा की हो स्थापना
नैनपुर में आयोजित अंतराष्ट्रीय देशज दिवस के अवसर पर आयोजित उत्सव के संबंध में दैनिक गोंडवाना समय से चर्चा करते हुये समाजिक कार्यकर्ता वंदना तेकाम ने बताया नैनपुर ब्लॉक के सभी ग्रामीण क्षेत्रों से समाज के लोग उत्सव को त्यौहार के रूप में मनाने पहुंचे और सभी ने हर्ष व उमंग के साथ उत्सव को मनाया। संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर नैनपुर में आयोजित उत्सव को सफल बनाने में आयोजकों के द्वारा बीते कई दिनों से मेहनत की जा रही थी सभी की मेहनत और प्रयास से उत्सव सफल भी रहा। आगे समाजिक कार्यकर्ता वंदना तेकाम ने बताया कि मण्डला जिले में गोंडवाना शासन का गौरवशाली इतिहास अपना प्रमुख स्थान रखता है यह किसी से छिपा नहीं है और न ही इसे दबाया जा सकता है। मंडला में मेडिकल का निर्माण होना है जिसका नामकरण गोंडवाना शासनकाल के राजा शंकर शाह जी की पत्नि रानी फुलकुंवर के नाम पर रखा जाना चाहिये।
रानी फुलकुंवर ने भी अंग्रेजों के साथ आजादी के आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही सबसे अहम और महत्वपूर्ण व गौर करने वाली बात यह है कि रानी फुलकुंवर ने अपने पति राजा शंकर शाह व कुंवर रघुनाथ शाह की अंग्रेजों के द्वारा तोफ से आम जनता के सामने शहादत के बाद शरीर के अंगों के किस तरह एकत्र करते हुये उन्हें अंतिम विदाई दी होगी यह सोचकर ही रूह कांप उठती है।
इसलिये रानी फुलकुंवर के गौरवपूर्ण इतिहास को सम्मान देने के लिये मण्डला में मेडिकल कॉलेज का नामकरण रानी फुलकुंवर के नाम पर ही किया जाना चाहिये इसकी मांग मैं तो करती ही हूं साथ में सभी जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों को पूरजोर तरीके से उठाया जाना चाहिये।
आगे समाजिक कार्यकर्ता वंदना तेकाम ने बताया कि मण्डला में वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा की स्थापना के साथ में राजा दलपत शाह जी की प्रतिमा के साथ गौरवपूर्ण इतिहास की शिलालेख बनाया जाना चाहिये ताकि मण्डला जिले में आने वाले पर्यटक गोंडवाना शासन काल के इतिहास से परिचित हो सके।
आगे समाजिक कार्यकर्ता वंदना तेकाम ने बताया कि मण्डला में स्थानीय स्तर पर तकनीकि शिक्षा के लिये इंजिनियरिंग कॉलेज की स्थापना भी जल्द से जल्द किया जाना चाहिये।
इसके साथ ही मण्डला जिले में आदिवासी संस्कृति पर आधारित कलाकृतियों के हुनर को जानने वाले कलाकारों की कमी नहीं है उन्हें सरकार यदि अच्छा मंच उपलब्ध करवा दें तो उन्हें स्वरोजगार भी अच्छा मिल सकता है इस पर पहल करने की आवश्कता है।