केवलारी विधानसभा क्षेत्र में 5 साल से केवलारी खेड़ा प्राथमिक स्कूल बंद, बच्चों का भविष्य खतरे में है
सिवनी। गोंडवाना समय।
मण्डला संसदीय क्षेत्र व केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत धनौरा तहसील की ग्राम पंचायत थावरी के ग्राम केवलारी खेड़ा पोस्ट खरसारु का प्राथमिक शासकीय स्कूल पिछले 5 वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। वहीं प्राथमिक स्कूल के बंद होने के कारण केवलारी खेड़ा ग्राम के बच्चों का भविष्य खतरे में है ही साथ ही अंधकारमय बना हुआ है।
जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों की अनदेखी हो रही उजागर
विधानसभा क्षेत्र केवलारी के ग्राम केवलारी खेड़ा में प्राथमिक शाला के बंद होने के कारण वर्तमान में ग्राम के लगभग 20 बच्चे प्रवेश ही नहीं ले पाये है। ज्यादातर बच्चे स्कूल के अभाव में घर पर ही बैठकर स्कूल के खुलने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रनिधियों सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों, प्रशासन की नजर आज तक केवलारी खेड़ा गा्रम के क्षतिग्रस्त स्कूल की ओर अभी तक नहीं पड़ी है। इनकी उदासीनता के कारण वर्तमान समय में लगभग 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी प्राथमिक शासकीय स्कूल बंद ही है।
केवलारी, थांवरी, कुड़ारी जाने में भी असमर्थ है बच्चे
विवेन्द्र शाह मर्सकोले ने आगे गोंडवाना समय समाचार पत्र से चर्चा कर जानकारी देते हुये बताया कि विधानसभा क्षेत्र केवलारी खेड़ा ग्राम के परिवारजन यदि अपने बच्चों का भविष्य शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना चाहते है तो उन्हें यदि केवलारी मुख्यालय जो कि लगभग 15 किलोमीटर दूर है वहां भेजना पड़ेगा। इसके साथ ही यदि वे अपने बच्चों को थांवरी भेजते है तो वह केवलारी खेड़ा गांव से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां तक पहुंंचने के लिये रोड भी कच्ची है। वहीं यदि वे अपने बच्चों को कुड़ारी भेजते है तो वह केवलारी खेड़ा से लगभग 5 किलोमीटर की दूर पर स्थित है जहां पर बीच रास्ते में नदी नाला पड़ते है।
भवन क्षतिग्रस्त, जनप्रतिनिधि दे रहे सिर्फ आश्वासन
मण्डला संसदीय क्षेत्र व केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत धनौरा तहसील की ग्राम पंचायत थावरी के ग्राम केवलारी खेड़ा पोस्ट खरसारु का प्राथमिक शासकीय स्कूल पिछले 5 वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। विवेन्द्र शाह मर्सकोले ने बताया कि प्राथमिक स्कूल का भवन क्षतिग्रस्त होने कारण लगभग 5 वर्ष पहले बंद कर दिये गया था। जिसको सुधरवाने हेतु ग्रामीणों के द्वारा क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों से कई बार मांग की जा चुकी है लेकिन जनप्रतिनिधियों के द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है।