मण्डला कलेक्टर ने विश्व आदिवासी दिवस के अपने ही अवकाश के आदेश को 2 घंटे में कर दिया निरस्त
गत 4 अगस्त को हुई थी कलेक्टर व आदिवासी जनप्रतिनिधियों व संगठनों की संयुक्त बैठक
गुरूवार 5 अगस्त को स्थानीय अवकाश का जारी किया था आदेश, बाद में कर दिया निरस्त
मंडला। गोंडवाना समय।
कलेक्टर मंडला द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के दिन 9 अगस्त को मण्डला जिले में स्थानीय अवकाश के आदेश गुरूवार को जारी किये गये थे
उसके लगभग 2 घंटे बाद पुन: अवकाश निरस्त किये जाने का
आदेश मण्डला कलेक्टर द्वारा जारी किये जाने के मामले में निवास विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ अशोक मर्सकोले सहित सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने इसे आदिवासी विरोधी कार्य बताते हुये पुन: अब शुक्रवार को मण्डला में विशेष बैठक बुलवाया है।
4 अगस्त को बैठक में तय हुई थी कार्ययोजना
विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को होने वाले कार्यक्रम को लेकर मण्डला कलेक्टर के साथ 3 आदिवासी विधायक, जनप्रतिनिधियों व सर्व आदिवासी समाज के समस्त सामाजिक संगठनों के मुख्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में 4 अगस्त 2021 दिन बुधवार को आयोजित मीटिंग में विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश और कोरोना गाईडलॉइन के तहत कार्यक्रम किये जाने को लेकर कार्ययोजना तय की गई थी।
वहीं वृक्षारोपण की योजना भी विशेष रूप से तय की गई थी। वहीं विश्व आदिवासी दिवस पर शासकीय अवकाश घोषित न होने पर स्थानीय अवकाश होगा कलेक्टर द्वारा कहा गया था।
इस संबंध में 5 अगस्त 2021 दिन गुरूवार को स्थानीय अवकाश का पत्र भी जारी किया था और 2 घंटे बाद अपना निर्णय कलेक्टर ने निरस्त कर दिया।
स्थानीय अवकाश घोषित होने से आदिवासी समाज में व्याप्त खुशी की लहर नाराजगी में बदली
निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने जानकारी देते हुये बताया कि लगता है कि कलेक्टर की विशेषाधिकार पर भी सरकार का दबाव है और इसी दबाव में मण्डला कलेक्टर ने आदिवासी विरोधी निर्णय लिया है। जबकि कलेक्टर मण्डला द्वारा 2 घंटे में खुद का विशेषाधिकार का निर्णय बदलना बिना शासकीय दबाव के सम्भव नहीं है। उन्होंने बताया कि 4 अगस्त को ही सभी आदिवासी संघटनों के मुखिया और तीनों विधायक के साथ बड़े ही स्वास्थ्य वातावरण में मीटिंग हुई थी और सहमति अवकाश को लेकर बनी थी। मण्डला कलेक्टर द्वारा गुरूवार को ही स्थानीय अवकाश का आदेश पत्र जारी किया गया था चूंकि कलेक्टर के विशेषाधिकार में 3 अवकाश के लिये रहता है। निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने कहा कि कलेक्टर मण्डला द्वारा स्थानीय अवकाश घोषित किये जाने के बाद मण्डला जिले के समस्त आदिवासी समाज में खुशी की लहर व्याप्त थी लेकिन 2 घंटे बाद ही 9 अगस्त 2021 को विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश निरस्ती का आदेश मण्डला कलेक्टर द्वारा जारी करने से मण्डला जिला ही नहीं समस्त आदिवासी समाज में नाराजगी व्याप्त है।
सामाजिक संगठनों के साथ पुन: करेंगे मीटिंग, प्रेस वार्ता में रखेंगे वास्तविक जानकारी
विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने जानकारी देते हुये बताया कि इस संबंध में मुझसे ही आदिवासी समाज के सामाजिक पदाधिकारियों के द्वारा लगातार सवाल किये जा रहे है। वहीं विधायक ने इस मामले में कलेक्टर पर शासकीय दबाव होने की संभावना जताया है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुये आदिवासी हितेषी की कथनी और करनी साफ दिखाई दे रही है। इस निर्णय से अब आदिवासियों को तय करना है कि बीजेपी की सरकार कितनी आदिवासी हितेषी है। सभी आदिवासी संघटनो के पदाधिकारी से विधायक ने आहवान किया है कि इस संबंध में शुक्रवार को पुन: संयुक्त मीटिंग फिर से होगी। वहीं इस संबंध में मीडिया से भी प्रेस वार्ता में रूबरू होकर वास्तविक जानकारी से अवगत कराया जायेगा।