संविधान निमार्ता बाबासाहेब आंबेडकर व गौतम बुद्ध जी का हो रहा है अपमान
पंचायत व ग्रामीणों की अनदेखी के कारण महापुरुषों का हो रहा है अपमान
उगली। गोंडवाना समय।
संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर जी की जयंति व परिनिर्वाण दिवस हो या बुद्ध जयंति का अवसर पर प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री व सत्ता, शासन प्रशासन के साथ सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी तारीफों के कसीदे पढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते है। यहां तक कि जयंति व परिनिर्वाण के कार्यक्रमों में विभिन्न सामाजिक संगठन हजारो लाखों रूपये तक खर्च कर देते है। वहीं डॉ भीमराव अंबेडकर जी और भगवान गौतम बुद्ध जी की प्रतिमा को सुंदर व आकर्षक बनाये रखने के लिये ध्यान तक नहीं देते है। अनेक सामाजिक संगठन भी इन प्रतिमाओं को सुधारने के लिये सरकार, शासन, प्रशासन की राह ताकते रहते है ज्ञापन व आवेदन लगाने का काम करते है, जबकि चाहे यह कार्य आसानी से स्वयं कराया जा सकता है। यही वजह है कि महापुरूषों की प्रतिमा अनेदखी के कारण स्थापना के समय जैसी रहती है वैसी वह कुछ वर्ष बाद नहीं रह पाती है।
केवलारी तहसील के पोड़ी में प्रतिमा की नहीं हो रही देखरेख
हम आपको बता दे कि सिवनी जिले की जनपद पंचायत केवलारी की उपतहसील उगली से लगभग 2 किलोमीटर दूर ग्राम पोंडी में पंचायत व ग्रामीणों ने मिलकर बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी व गौतम बुद्ध जी की मूर्ति स्थापित किए थे। यह मूर्ति लगभग 10-15 वर्ष पूर्व पोंडी में स्थापित की गई थी। पंचायत एवं ग्रामीणों की अनदेखी के कारण ऐसे महापुरुषों की मूर्ति से पपड़ा निकल गया है और मूर्ति धीरे-धीरे खराब होने लगी है।
ग्रामीणों ने बड़ी-बड़ी घोषणा की है लेकिन धरातल पर कार्य नहीं हुआ
गोंडवाना समय ने ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि गांव के ही कुछ लोगों ने कुछ वर्ष पूर्व जन्मदिन व शहादत दिवस पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं किया था यहां तक कि कुछ लोगों ने 25 हजार रुपए देने की भी घोषणा की लेकिन वह घोषणा सिर्फ घोषणा बनकर ही रह गई। वहीं क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि इस तरह की अनदेखी महापुरुषों का अपमान है, ऐसे विषयों पर शासन प्रशासन एवं अधिकारियों को गंभीरता से व त्वरित कार्यवाही करना चाहिए।
Ok theek hai
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