निलंबित पटवारी नितेश अलावा की बहाली की मांग को लेकर एसडीएम कार्यालय का घेराव करने जोबट पहुंचे आदिवासी युवा
नेमावर हत्याकांड मामले में आदिवासी समाज द्वारा बड़ा प्रदर्शन नेमावर में किया गया था। इसके बाद मानपुर में भी नदी के पानी में कैमिकल मिलाये जाने के विरोध में किये गये प्रदर्शन को लेकर पटवारी नितेश अलावा को जोबट एसडीएम श्यामबीर ने निलंबित कर दिया।
मामले में आदिवासी समाज लामबंद हो गया है और पटवारी नितेश अलावा की बहाली की मांग की गई है। रविवार को जोबट एसडीएम कार्यालय का घेराव करने भी बड़ी संख्या में आदिवासी समाजजन जोबट पहुंचे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान सहित महाराष्ट्र राज्य के जिलों से आदिवासी समाज, कोटवार समाज, पटवारी संघ व अन्य संगठन के महिला व पुरूष वर्ग उपस्थित रहे।
एसडीएम श्यामबीर ने यह कारण बताकर पटवारी नितेश अलावा को किया निलंबित
एसडीएम श्यामबीर की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि नितेश अलावा पटवारी बड़ी खट्टाली तहसील जोबट के संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न प्रकार के वीडियो वायरल हुए है। जिसमें नितेश अलावा पटवारी द्वारा देवास जिले के ग्राम नेमावर, इंदौर जिले के ग्राम मानपुर व खरगोन जिले के ग्राम कसरावद में आदिवासी सम्मेलन के भड़काऊ व असंसदीय शब्दावलियों का प्रयोग व सशस्त्र आंदोलन के लिए लोगों को उकसाने का प्रयास किया गया था।
जिससे कभी भी कानून व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती थी। नितेश अलावा का उक्त कृत्य अवैधानिक व अमर्यादित है। नितेश अलावा बिना किसी पूर्व सूचना व सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना मुख्यालय से अनुपस्थित पाए गए। इसलिए उन्हें तत्काल निलंबित किया जाता है और निलंबन अवधि में अलावा का मुख्यालय टप्पा तहसील कार्यालय उदयगढ़ नियत किया जाता है।
शोषण के विरूद्ध आवाज बुलंद करना हमारा संवैधानिक अधिकार-नितेश अलावा
पटवारी नितेश अलावा ने निलंबन के बाद बहाली की मांग को लेकर जयस के सामाजिक कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुये कहा कि किसी भी जाति धर्म का व्यक्ति हो यदि किसी के खिलाफ शोषण होगा, किसी के ऊपर अत्याचार होगा, किसी के हक अधिकार का हनन होगा। तो निश्चित ही रूप से हमे वहां अपनी आवाज बुलंद करना चाहिए ओर यह हमारा संविधान का अधिकार है। आपने कहा सिविल सेवा आचरण यह नही कहती है कि आप अपने हक अधिकारो के लिए नही बोल सकते हो। वो यह कहती है कि आप किसी पार्टी का प्रचार नही कर सकते हो, किसी पार्टी का झंडा नही उठा सकते हो और हमने यह काम आज तक नही किया। हमने जो भी कार्यक्रम किये, सामाजिक बैनर तले आवाज उठाई और ऐसे आगे भी बुलन्द करते रहेंगे। इसी कारण की वजह से मुझे बिना नोटिस जारी किए एक तरफा किसी की शिकायत पर दबाव में आकर निलंबित की जो कारवाई हुई है। उसकी पूरे सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों में अपने-अपने लेटर पेड के माध्यम से घोर निंदा भी की है।
क्या आवाज उठाना गुनाह है, क्या आदिवासी कर्मचारी आपके गुलाम है-डॉ आनंद राय
पटवारी नितेश अलावा के निलंबित होने के बाद बहाली की मांग को लेकर जोबट पहुंचे डॉ आनंद राय ने कहा कि अलीराजपुर जिला प्रशासन ने एक जुझारू युवा नितेश अलावा जो कि पेशे से पटवारी के पद पर कार्यरत है लेकिन सामाजिक रूप से बहुत सक्रिय है। आज यदि आदिवासी समाज की बच्चियां परिवार के साथ बलात्कार हुआ तो क्या आदिवासी कर्मचारी आवाज नहीं उठाएगा और यदि युवा आवाज उठाएगा तो आप उसको निलंबित करेंगे। क्या आदिवासी कर्मचारी आपके गुलाम है। आदिवासी समाज के लोग जो अपने जल, जंगल, जमीन ओर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठा रहे है। जो पढ़े लिखे युवा है, यदी वे आज आवाज नही उठाएंगे तो उनकी पढ़ाई लिखाई का क्या मतलब है। पटवारी नितेश अलावा के निलंबन का पुरजोर विरोध करता हूं। राज्य सरकार से मांग करता हूँ कि यथाशीघ्र उनका निलंबन वापस किया जाय। वरना हम इस मुद्दे को हाईकोर्ट ले जायँगे।
पटवारी नितेश अलावा एक व्यक्ति नही, वह एक समाज है-महेंद्र कन्नौज
जयस के प्रखर वक्ता महेन्द्र कन्नौज ने जोबट में कार्यक्रम के दौरान कहा कि पटवारी नितेश अलावा एक व्यक्ति नही, वह एक समाज है। समाज के लिये हमेशा संघर्ष किया। नेमावर की घटना जो कि पूरे मानव जाति को शर्मशार करने वाली घटना थी। इस पर आपने आरोप लगाया कि आपने लोगो को भड़काया।
वही मानपुर अजनार नदी में केमिकल घटना का भी जिक्र करते हुवे कहा कि एक षंडयंत्र के तहत अजनार नदी में केमिकल मिलाया गया, जहां कई पशुओ की मौत हुई व जहां पीने योग्य पानी था उसमें भी जहरीला केमिकल विलय हो चुका था। जिससे वहा के लोगो को काफी दिक्कते आ रही थी। क्या इस बात को उठाना को गलत था। अगर यह गुनाह है तो हम 1 बार नही 10 बार समाजहित के लिए गुनाह करने को तैयार है। बिना नोटिस जारी किए निलंबन की प्रक्रिया की घोर निंदा करता हूँ।
एक तरफा कार्यवाही अनुचित-विक्रम सिंह चौहान
जयस जिला अध्यक्ष विक्रम सिंह चौहान ने कहा कि अलीराजपुर आदिवासी बाहुल्य जिले में आदिवासी कर्मचारी-अधिकारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और बिना कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये बिना एक तरफा कार्यवाही की जा रही है, जो की अनुचित है।
आदिवासी अधिकारी कर्मचारी के साथ हो रही भेदभावपूर्ण कार्यवाही
जयस जिला उपाध्यक्ष अरविंद कनेश ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा भेदभावपूर्ण एवं अनैतिक कार्यवाही करते हुए एसटी एवं एससी वर्ग के योग्य अधिकारी-कर्मचारियों को अनावश्यक मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए कार्यप्रभार से हटाकर अन्य वर्ग के अधिकारी कर्मचरियों को बिठाया जा रहा है। जबकि कलेक्टर एवं एसडीएम का पद संवैधानिक होता है।
मेरे जिले के आदिवासी कर्मचारी को अन्याय पूर्ण तरीके से कर दिया निलंबित-मुकेश पटेल
विधायक मुकेश पटेल ने पत्र में बताया कि विगत दिनो प्रदेश के देवास जिले के नेमावर में आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों की निर्मम हत्या कर 10 फीट गहरे गढ्ढे में गाड़ दिया गया था। प्रदेश में कई ऐसी घटनाए (बलात्कार, हत्या, शोषण व भेदभाव) हो रही है। क्या एक आदिवासी अधिकारी-कर्मचारी को अपने सामाज और समाज के परिवारों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार नहीं है ?
इसी क्रम में नेमावर में आदिवासी परिवार पर हुई घटना में न्याय दिलाने और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने पर मेरे जिले के एक आदिवासी कर्मचारी नितेश अलावा जो कि पटवारी के पद पर राजस्व विभाग में पदस्थ है उन्हें नेमावर, मानपुर ओर कसरावद में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में भड़काउ भाषण देने तथा असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने के कारण अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) जोबट के आदेश द्वारा अन्याय पूर्ण तरीके से निलंबित कर दिया गया है। जबकि शासन के नियमानुसार किसी भी कर्मचारी को गलती करने पर प्रथम दृष्टया कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाना चाहिए। किन्तु बिना नोटिस दिये ही एक तरफा कार्यवाही की गई है जो गलत और अनुचित है।
सामान्य प्रशासन विभाग विभाग मप्र शासन के ज्ञापन में अनुसूचित जाति-जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध भेदभावपूर्ण कार्रवाई न किए जाने व एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई न किए जाने संबंधी प्रावधान किया गया है। यदि किसी अधिकारी-कर्मचारी से किसी कारणवश, मानवीय स्वभाव से गलती हो भी जाती है, तो उसे भविष्य के लिए हिदायत देते हुए गलती सुधारने का अवसर दिया जाने संबंधी शासन द्वारा प्रावधान किया गया है। किंतु ऐसा न करते हुए जिला प्रशासन द्वारा विगत दिनों कई अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाईया की गई है।
विधायक पटेल ने महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री और अजा-अजजा आयोग से अनुरोध किया कि उपरोक्त निदेर्शों का पालन कराये जाने के लिए संबंधित विभागाध्यक्षों को आदेशित करें। यदि नियम व निदेर्शों के विरूद्ध जाकर प्रदेश के विभिन्न जिलो में पदस्थ आदिवासी अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध भेदभावपूर्ण रवैया अपना कर उन पर कार्रवाई की जाती है तो कार्रवाई करने वाले अधिकारी के खिलाफ तत्काल एक्शन लेकर कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होने मांग की कि प्रदेश में इस तरह की घटनाओं के आधार पर आदिवासी अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्रवाईयों को तत्काल वापस लिया जाए ताकि आदिवासी समाज में शासन के प्रति रोष व्याप्त ना हो।
बहाल नही किया तो-जिला अलीराजपुर द्वारा बस्ता रखकर, कलमबंद हड़ताल व चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा आंदोलन
मध्यप्रदेश पटवारी संघ जिला अलीराजपुर ने नितेश अलावा पर की गई इस कार्यवाही पर कड़ा एतराज जताया है, उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पटवारी नितेश अलावा के साथ है। पटवारी संघ ने अपने ज्ञापन में कहा कि नितेश अलावा मध्यप्रदेश पटवारी संघ, जिला अलीराजपुर के अध्यक्ष है व अपने शासकीय कार्य को ईमानदारी व लगन के कर रहे है। उन्हें शासकीय कार्य व कोविड 19 महामारी के समय आदिवासी समाज को जागरूक करने, अपनी ड्यूटी की ईमानदारी से करने के कारण कई शासकीय संस्थाओं व संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया है। ऐसे ईमानदार शासकीय सेवक व संघ के जिलाध्यक्ष को बिना कारण बताओ सूचना पत्र के प्रतिउत्तर जाने बिना एकतरफा कार्यवाही की गई, जिसे पटवारी संघ ने अनुचित माना है। पटवारी नितेश अलावा के विरूद्ध की गई कार्यवाही के खिलाफ मध्यप्रदेश पटवारी संघ, जिला अलीराजपुर के समस्त पटवारियों ने अलीराजपुर तहसील के तहसीलदार श्री के.एल. तिलवारी के माध्यम से जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है एव ज्ञापन अवगत कराया है कि पटवारी श्री नितेश अलावा के खिलाफ की गई कार्यवाही के कारण समस्त पटवारियों में भारी रोष व्याप्त है। श्री अलावा को 24 घंटे के अंदर बहाल किया जावे अन्यथा मध्यप्रदेश पटवारी संघ, जिला अलीराजपुर द्वारा बस्ता रखकर, कलमबंद हड़ताल व चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जावेगा। इस अवसर पर तहसील अलीराजपुर, तहसील जोबट, तहसील चंद्रशेखर आजाद नगर, तहसील सोंडवा व तहसील कट्ठीवाड़ा के समस्त पटवारी मौजूद थे।