जनजाति वर्ग की प्रगति के लिये प्रदत्त 3 करोड़ की राशि का हिसाब पूछने पर अधिकारी ने किया अपमान
अपमान करने वाले अधिकारी को निलंबित करने की मांग
संवाददाता/घोड़ाम रमेश
तेलंगाना/गोंडवाना समय।
आदिलाबाद जिला आदिवासी विकास परिषद (आईटीडीए) पीओ प्रोजेक्ट अधिकारी भवनेश मिश्र को सस्पेंड करो, आईटीडीए, प्रोजेक्ट उटनूर अधिकारी को तत्काल निलंबन और बर्खास्त करने की मांग की है। जिसने कोलाम जनजाति के नेता को धमकी दी थी और ऐसी घटनाओं को दोहराया नहीं जाना चाहिए। हाल ही में कोलम जनजाति के नेता आदिवासी विकास परिषद आईटीडीए कार्यालय जाकर, कोलाम जनजाति के विकास कल्याण व प्रगति के लिए सरकार द्वारा 3 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की गई थी। उक्त राशि के संबंध में ही कोलाम जनजाति के नेता द्वारा जानकारी मांगे जाने पर आदिवासी विकास परिषद अधिकारी ने उन्हें अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुये अपमानित किया था।
अपमान जनक शब्द का प्रयोग किया जाना न्यायोचित नहीं
आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ताआें ने आरोप लगाते हुये कहा है कि जनजाति वर्ग के विकास, उत्थान, कल्याण, प्रगति हेतु विभाग द्वारा कितनी राशि कहां पर कार्य में की गई है उक्त जानकारी लेने का अधिकार भारत के संविधान ने दिया है और अपने जनजाति वर्ग के प्रतिनिधि के तौर पर ये सवाल अधिकारी से पूछने पर अपमान जनक शब्द का प्रयोग किया जाना न्यायोचित नहीं है। कोलाम जनजाति संघ के नेता के रूप में उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया है लेकिन प्रोजेक्ट अधिकारी द्वारा अपने पद का गैर संवैधानिक रूप में उपयोग किया जा रहा है।ऐसी घटनायें कोई भी अधिकारी न दोहराए
इसलिये आईटीडीए, प्रोजेक्ट उटनूर अधिकारी को आदिवासी विकास परिषद को तुरन्त सस्पेंड करने की मांग की गई है। उक्त मांग को लेकर प्रेस कांफ्रेंस में आदिवासी भारत महासभा तेलंगाना राज्य के अध्यक्ष किनका सुरेश, हीरा सुका जागृति संघ के अध्यक्ष सिडाम रामकिशन और कुमराम सुरु संघ के अध्यक्ष कुमराम राजु ने भाग लिया और ऐसी घटनाएं कोई भी अधिकारी पुन: न दोहराए यह अपील सरकार से की गई है।