खेत में मेहनत, उपार्जन केंद्रों में मशक्कत के बाद कोरोना संक्रमण के दौरान बैंकों में भी कतार में लगे किसान
जिला सहकारी बैंक जिन्ना चौक में किसान लाईन पर लगने को है मजबूर
सिवनी। गोंडवाना समय।
कृषि प्रधान देश भारत में आजादी के बाद से आज तक कोई भी सरकार अन्नदाता की मेहनत अनाज को उनके घर पर ही सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीदना तो छोड़ों प्रकृति के अनुपम उपहार अनाज को सुरक्षित रखने के लिये पर्याप्त मात्रा में भण्डारण केंद्र नहीं पाई है।
पहले किसान खेत में कड़ी मेहनत करने के बाद अनाज का उत्पादन करता है, उसके बाद खरीदी केंद्रों में बेचने के लिये मशक्कत करता है फिर अनाज की कीमत पाने के लिये बैंक में भी कतार में खड़ा नजर आ रहा है।
किसानों पर मंडरा रहा संक्रमण का खतरा
वर्तमान में कोरोना महामारी संक्रमण का खतरा गंभीर स्थिति में है। ऐसे समय में किसानों को उपार्जन केंद्रों में अनाज को बेचने के लिये भीड़ में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। हालांकि सरकार ने मैसेज भेजकर किसानों को उपार्जन केंद्रों में आने के लिये स्पष्ट कहा है परंतु किसानों को अधिक संख्या में मैसेज आने एवं उपार्जन केंद्रों में खरीदी की गति धीमी होने के कारण उपार्जन केंद्रों में किसानों की संख्या अधिक बढ़ रही है। जिससे उपार्जन केंद्रों में संक्रमण का खतरा किसानों के ऊपर मंडरा रहा है।
सहकारी बैंक में किसानों की लगी कतार, गाईडलॉन का कोई नहीं है इंतजाम
कोरोना महामारी के दौर में देश का अन्नदाता किसान खेत में मेहनत, उपार्जन केंद्र में मशक्क के बाद बैंक में परेशान हो रहा है। किसान ने अपनी फसल को बेच तो दिया है लेकिन खुद के पैसे तुरंत मिल जाए इसके लिए भी उसे पूरे दिन धूप में भीड़ के बीच अपनी जान की बाजी लगा कर कीमत पाने के लिये मशक्कत कर लाइन में कतारबद्ध खडेÞे रहने पर मजबूर है।
हम आपको बता दे कि जिला सहकारी बैंक सिवनी जिन्ना चौक में स्थित कार्यालय में किसानों की लंबी कतार लगी देखने को आसानी को मिल सकती है। वहीं कोरोना के बीच बैंक की तरफ से न सोसल डिस्टेंसिंग न कोई उचित इंतजाम किए गये है। वहीं बैंक की स्थिति यह है मात्र 3 कर्मचारियों के सहारे चल रहा है। जिससे काम की गति की धीमी होने के कारण किसानों को अधिक समय तक इंतजार करना पड़ रहा है।