संकट के समय दोनों सासंदों का दूरी बनाना चिंतनीय व पीढ़ादायक
राष्ट्रीय आपदा के समय सांसदों का प्रयास जिले को देगा बड़ी राहत
सिवनी। गोंडवाना समय।
सिवनी जिले में 12 वर्षों से 2 सांसद है एक तो केंद्र में मंत्री भी रहे है। अन्य जिलों की तुलना में सिवनी जिले में विकास की रफ्तार बहुत तेज होना था मगर अफसोस सिवनी जिला विकास के नाम पर आज भी अन्य पड़ोसी जिले से बहुत पीछे है लेकिन इस कोराना महामारी में सिवनी पर आये संकट के समय दोनों सांसद ने सिवनी जिले से जो दूरी बनाई है।
उक्त बयान जारी विज्ञप्ति में श्री राजिक अकील, प्रवक्ता जिला कांग्रेस कमेटी ने कहा कि सांसदों का यह कार्य चिंतनीय और पीढ़ादायक है। जिले के सैकड़ों लोग चिकित्सीय सुविधा के आभाव में असमय काल के गाल में समा गए। यदि समय रहते उन्हें आॅक्सीजन और जीवन रक्षक इंजेक्शन दवा मिल गए होते तो आज सिवनी में माता-पिता उनके बेटे, बहुओं से उनके पति, बहनों से भाई और भाई से बहने ना अलग होते।
स्वास्थ्य सुविधाआें के लिये प्रयास करना नैतिक जिम्मेदारी
आप लोगो को सिवनी की जनता ने देश की संसद का सदस्य बनाया है, वह भी उस पार्टी का जिसकी केंद्र और राज्य में पूर्ण बहुमत वाली सरकार है। केंद्र से लेकर राज्य तक और जिला प्रशासन तक आपकी एक आवाज में सुनवाई होती, आप दोनों ने सिवनी जिले के लिए आवश्यक चिकित्सा सामग्री उपलब्ध कराने कोई प्रयास नहीं किया। आप लोगो ने इस महामारी में सिवनी की जनता से दूरी बना ली है जबकि जनहित में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये प्रयास करना व उनकी सुध लेना आपकी नैतिक जिम्मदारी है।
नहीं तो ये बुरे दिन सिवनी की जनता भूलने वाली नहीं है
सिवनी जिले से दो सांसदों ने जिस तरह से संकट के समय जनता से दूरी बना ली है। सिवनी में कोराना संक्रमण से हो रही मृत्यू की संख्या देखकर यदि ऐसी ही दूरी स्वास्थ विभाग के कर्मचारी, पुलिस विभाग और नगर पालिका के कर्मचारी जो कि रात दिन कोराना संक्रमित लोगो के बीच में रहकर काम कर रहे है यदि वे भी आपके जैसे ही सोच बनाकर जनता से दूरी बना लेते तो आम जन का क्या हाल होता।
आपको सिवनी की जनता ने मताधिकार देकर जनप्रतिनिधित्व का दायित्व सौंपकर सांसद के सम्मानित पद पर बैठाया है। कोराना को राष्ट्रीय आपदा देश में घोषित किया गया है। जो की केंद्र सरकार के अधीन मामला है, ऐसे में आपके द्वारा किए गए प्रयास सिवनी की परेशान हाल जनता के लिए राहत भरे हो सकते है। जनता द्वारा दिए गए मताधिकार के बाद जनप्रतिनिधि बनने का उपयोग कीजिए नहीं तो ये बुरे दिन सिवनी की जनता भूलने वाली नहीं है।