Homeकविता संदेशस्त्री तू खुद की ताकत बन अब कविता संदेश स्त्री तू खुद की ताकत बन अब Gondwana Samay Sunday, March 07, 2021 0 स्त्री तू खुद की ताकत बन अब कवियत्री-नीलू गुप्ता, सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगालउठ, जाग, सजग हो नारी तूरणचंडी का अब रूप धर,हे स्त्री अब कमर कसकरहिंसा का प्रतिकार कर।सृष्टि की जननी है तू हीधरा पर जीवन-धात्री तू,मां, पत्नी, बहन, बेटी बनहर रिश्ते को संभालती तू।माना कि सादगी तेरा गहना हैसबने कमजोरी समझा है उसको,नहीं एहसास उन्हें तेरी शक्ति काचुप बैठ मत, सबक सिखा उनको।आधुनिक नारी का स्वरूप है तूअबला नहीं, अब सबला है तू,तुझसे ही है संचालित प्रकृतिस्वर्णिम भविष्य की चिंगारी है तू।दया की पात्र तू है नहीं अबदेवी बन तुझे सजना नहीं अब,बदल दे हौसलों से तकदीर अपनीदूसरों से पहले, खुद की ताकत बन अब। Tags कविता संदेश Newer आनंद श्याम द्वारा बनाई गई गोंड कलाकृति राष्ट्रपति को भेंट कर मुख्यमंत्री ने किया सम्मान Older जो अधिकार, सम्मान, महिलाओं को समाज में मिलना चाहिए आज भी स्त्री उस सम्मान से अछूती है