सर्व आदिवासी समाज बिछुआ ने शमशान घाट कि भूमि आवंटित करने सौंपा ज्ञापन
बिछुआ। गोंडवाना समय।
सर्व आदिवासी समाज बिछुआ ने शमशान घाट की भूमि आवंटित कराने के संबंध में तहसीलदार और मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद बिछुआ को 1 फरवरी सोमवार को राजकुमार मरावी जीएसयू बिछुआ के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि बिछुआ नगर में लगभग 300 आदिवासी परिवार से ज्यादा लोग रहते है और आदिवासी समाज शव को जलाता नहीं है, वह शव को मिट्टी में दफनाता है और वर्तमान समय में जिस जगह पर जहां शमशान घाट था। वहां पर अब यह जगह हॉस्पिटल के लिए आवंटित की गई है।
आदिवासियों को संस्कृति के विपरीत मजबूरी में करना पड़ रहा अंतिम संस्कार
जिसकी वजह से आदिवासी समाज को शव को दफनाने की सदियों पुरानी परंपरा को नजरअंदाज करते हुए मजबूरी में शव को जलाना पड़ रहा है, जो कि आदिवासियों की संस्कृति नहीं है, आदिवासी संस्कृति को जीवित रखने के लिए उन्होंने शासन प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द आदिवासियों के लिए अलग से शमशान घाट की भूमि आवंटित किया जाए । इस मौके पर प्रमुख रूप से राजकुमार मरावी ,सुनील धुर्वे ,राजू काकोडिया,नामदेव उईके,वंशीलाल आत्राम,खेमचंद, गजानन, मेहतू उईके,अरविंद,दिनेश कवरेती एवं बड़ी संख्या में सर्व आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।